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एस्ट्रोलॉजी

56 वां अखिल भारतीय सरस्वती ज्योतिष सम्मेलन, नक्षत्रों व ग्रहों का प्रभाव किस स्थिति में कैसा होगा अध्ययन करना आवश्यक

December 19, 2015 08:22 PM
जालंधर   
जनमानस का जीवन, वातावरण व अन्य स्थितियां हमारे नक्षत्रों व ग्रहों से जुड़ा हुआ है। किसी भी स्थिति का स्टीक आंकलन करने से पूर्व नक्षत्रों का ज्ञान होना आवश्यक हैं। नक्षत्रों व ग्रहों का प्रभाव किस स्थिति में कैसा होगा। उसके लिए इन सबका अध्ययन करना आवश्यक है। हमारे ऋषि- मुनियों ने 27 नक्षत्रों को अंश, चरण, कला के रूप में वर्णित किया है। उक्त शब्द श्री गोपाल भट्टाचार्य (संचालक, कृष्णा मूर्ति इंस्टीच्यूट आफ एस्ट्रोलाजी, कलकत्ता) ने अखिल भारतीय सरस्वती ज्योतिष मंच द्वारा आयोजित 56 वें अखिल भारतीय सरस्वती ज्योतिष सम्मेलन के दूसरे दिन के प्रथम सत्र की अध्यक्षता करते हुए कहे। उन्होंने नक्षत्र मंडल का परिचय व जनसाधारण को इनका महत्व समझाने में आधुनिक संचार माध्यमों का बाखूबी उपयोग किया। मुख्य संसदीय सचिव  पंजाब के.डी. भंडारी ने पवित्र ज्योति प्रज्जवलित कर सम्मेलन का विधिवत शुभारंभ किया।  इस अवसर पर मंच के संस्थापक अध्यक्ष व संचालक पं. राजीव शर्मा, संरक्षक विक्रांत शर्मा, मोहन भाई पटेल (सदस्य बोर्ड आफ स्टडीज इन एस्ट्रोलाजी, भावनगर यूनिवर्सिटी) , प्रसिद्ध हस्तरेखा विशेषज्ञ डा. लेखराज शर्मा (जोगिन्दर नगर), डा. रविंदर शर्मा (ऊर्जा विशेषज्ञ), शिशु शर्मा शांतल (समाचार संपादक, आल इंडिया रेडियों शिमला) दिनेश गुरू, पदम उपाध्याय, नामदेव, सुभेष जे. मेहता, ओम दत्त शर्मा, लाल किताब विशेषज्ञ ओम प्रकाश शास्री, कल्पना पिपंले (नागपुर), नीतिन गोटी, के.के. शर्मा (अजमेर) व अन्य गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। 
 ज्योतिष एक पुरातन व स्टीक विद्या है। इसके उचित उपयोग से समस्त समस्याओं का समाधान संभव है। जरूरत हैं इसके सही ज्ञान व गणना करने की उक्त शब्द मुख्य संसदीय सचिव श्री के.डी. भंडारी ने अपने संबोधन में कहे। उन्होंने कहा कि  अखिल भारतीय सरस्वती ज्योतिष मंच पूरी तन्मयता व सक्रियता के साथ इस सांस्कृतिक धरोहर के प्रति जनसाधारण को जागरूक करने के लिए सक्रिय हैं। इसके लिए मंच के संचालक व संस्थापक अध्यक्ष पं. राजीव शर्मा व उनकी टीम बधाई की पात्र है। उन्होंने इस कार्य को निरंतर जारी रखने के लिए उन्होंने 2 लाख रुपए आर्थिक सहयोग देने की घोषणा भी की। इस दौरान मंच द्वारा संचालित मासिक पत्रिका ज्योतिष सत्य के जनवरी 2016 के अंक को भी रिलीका किया गया। श्री के.डी. भंडारी को मंच की ओर से स्मृति चिन्ह व दोशाला भेंट कर उनका आभार प्रकट किया गया। सम्मेलन के दौरान विभिन्न विषयों पर चर्चा के साथ-साथ जनसाधारण की कुंडलियां भी देखी गई। देश-विदेश से आए ज्योतिषाचार्यों द्वारा सुबह 11 बजे से निशुल्क व शुल्क  सहित कुंडलियां देखी गई व उनके समाधान भी सुझाए गए। सम्मेलन के दौरान जन्म कुंडली, हस्तरेखा, अंक विज्ञान, वास्तु शास्र, टैरोकार्ड रीडर, स्पर्श चिकित्सा (रेती) के माध्यम से लोगों की विभिन्न समस्याओं के निधान उपाए भी सुझाए गए। सम्मेलन के दौरान आयोजित प्रदर्शनी में लोगों ने ज्योतिष संबंधित पुस्तकों, कम्प्यूटर कृत प्रोग्राम, ज्योतिषीय उपायों का सामान, रत्न उपरत्न, वास्तु व अन्य वस्तुओं के प्रति अपनी विशेष रूचि प्रदर्शित की। अतुल भारद्वाज (उड़ीसा) ने हस्ताक्षर के माध्यम से भविष्य जानने, डा. सुहास डोंगरे (पुना) ने वास्तु का मानव जीवन पर प्रभाव विषय पर के.के. शर्मा (अजमेर) ने भारत का आर्थिक उत्थान विषय पर मोहन भाई पटेल (अहमदाबाद) ने भारत की राजनीतिक स्थिति व भारत का विश्व मानचित्र पर बढ़ता अधिपत्य विषय पर, पवन कालिया ने नक्षत्र व मानव जीवन विषय पर पं. ओम प्रकश ने कृष्णा मूर्ति पद्धति पर अपना शोधपत्र प्रस्तुत किया। मंच संचालन की जिम्मेवारी पं. अक्षय शर्मा (मोगा) ने बाखूबी निभाई।प्रसिद्ध हस्तरेखा विशेषज्ञ व हाथों की लकीरों से स्टीक जन्मतिथि बताने वाले पं. लेखराज शर्मा ने हस्तरेखा व ज्योतिषीय नियमों के बारे में मार्गदर्शन दिया। सुभेष शरमन (दिल्ली) व जयप्रकाश शर्मा (लाल धागे वाले) ने ज्योतिष उपायों के माध्यम से जनकल्याण व समरस्ता भाव रखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने ज्योतिषीय उपायों का तर्क सहित विवेचन भी किया। सम्मेलन के दौरान तरविंदर चौधरी, राकेश थापर, एस.एल. मल्होत्रा (कपूरथला), विपन शर्मा (ज्वाली), सियां कांत दुबे (अमृतसर), राकेश जैन, जतिन्दर कपूर, शक्ति शर्मा , सुमनेन्द्र कपिला , राजन शर्मा, सोमनाथ गोपाल, जीत राज, मुकेश सेखड़ी,अमित वाही, डा. शिव राज साहनी, अमित चावला, आशुतोष शर्मा, अजय स्याल, हरमिंदर सिंह, दिनेश शास्री, संजय शर्मा व अन्य ने अपना सक्रिय योगदान देते हुए जनसाधारण को ज्योतिष के प्रति जागरूक करने के प्रयास मे अपना सक्रिय सहयोग दिया।
 
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