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एस्ट्रोलॉजी

56 वां अखिल भारतीय सरस्वती ज्योतिष सम्मेलन, साईंस में ग्रहों की खोज ,ग्रहों के बारे में विस्तृत जानकारी हमारे वेदों व अन्य ग्रंथों में उपलब्ध, पं. लेखराज शर्मा

December 20, 2015 08:21 PM
जालंधर
ज्योतिष भारतीय संस्कृति की सबसे पुरातन विद्या है। साईंस में जहां आज विभिन्न ग्रहों की खोज हो रही है। वहीं इन सब ग्रहों के बारे में विस्तृत जानकारी हमारे वेदों व अन्य ग्रंथों में उपलब्ध है। जरूरत है इस संस्कृति के प्रति अपने परिवार, समाज व जनसाधारण  को जागरूक करने की । उक्त शब्द प्रसिद्ध हस्तरेखा विशेषज्ञ व राष्ट्रपति अवार्ड से अलंकृत पं. लेखराज शर्मा (जोगिन्दर नगर) ने 56 वें अखिल भारतीय सरस्वती ज्योतिष सम्मेलन के दौरान अपने संबोधन में कहे। श्री लेखराज ने कहा कि हस्तरेखा का क्षेत्र काफी विशाल है। हाथ की लकीरों से जातक के  व्यक्तित्व का पूरा परिचय व भूत, वर्तमान व भविष्य का पता लगाया जा सकता है। इससे पूर्व सम्मेलन सत्र का शुभारंभ पूर्व सांसद व वरिष्ठ कांग्रेस नेता महिंदर सिंह के.पी. ने  पवित्र दीप प्रज्जवलन से किया। इस अवसर पर मंच के संस्थापक अध्यक्ष व संचालक पं. राजीव शर्मा, संरक्षक पं. लेखराज शर्मा, मोहन भाई पटेल, विक्रांत शर्मा, पं. सुभेष शरमन, अरूण बांसल, अक्षय शर्मा, डा. सतीश शर्मा, गोपाल भट्टाचार्य ((संचालक, कृष्णा मूर्ति इंस्टीच्यूट आफ एस्ट्रोलाजी, कलकत्ता) व अन्य गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।  प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य व ब्राहाम्ण सभा के राष्ट्रीय महासचिव पं. सुभेष शरमन ने कहा कि भारतीय संस्कृति, संस्कारों व धार्मिक परम्पराओं के अनुसरण करने से जीवन में कोई विघ्न बाधा नहीं आ सकती। जैसे-जैसे हम अपनी परम्पराओं से दूर होते जा रहे वैसे-वैसे ही जीवन कष्टकारी होता जा रहा है। भौतिकवाद के चलते रिश्तों में खटास व पारिवारिक कटूता बढ़ती जा रही है। इसके लिए जरूरी है कि हम मशीन बनने की बजाए मानव बनने का प्रयास करें। अपने जीवन मूल्यों, पारिवारिक रिश्तों व समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को पहचाने। उन्होंने कहा कि गऊ माता में सर्वदेवताओं का वास है और इसकी सेवा से भी जीवन के कई कष्ट दूर होते हैं। उन्होंने ज्योतिषीयों को कहा कि वह धनअर्जन के साथ-साथ सामाजिक मूल्यों का भी ध्यान रखें और अपने उपायों में जनसाधारण के हित वाले उपाए अधिकाधिक सुझाए। जिससे जहां कष्ट में आए जातक को लाभ मिलेगा। वहीं उसके द्वारा किया गया उपाए दूसरे व्यक्ति के लिए भी जीवनदायक व सुविधाजनक होगा। 
मंच संचालन पं. अक्षय शर्मा ने बाखूबी करते हुए विभिन्न विद्वानों द्वारा प्रस्तुत किए जा रहे विचारों को संक्षेप में परिभाषित करने व विभिन्न विषयों पर ज्योतिष जिज्ञासुओं द्वारा किए जा रहे प्रश्नों के निदान में एक अच्छे समन्वयक की भूमिका भी निभाई। उन्होंने समाज में चल रही विभिन्न ज्योतिषीय विद्यायों का भी बाखूबी परिचय सरल भाषा में करवाया। पूर्व सांसद व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता महिन्दर सिंह के.पी. ने ज्योतिष  कार्य करने वाले बुद्धिीवियों को  एक अच्छा मार्गदर्शक बताया। उन्होंने देश-विदेश से इस सम्मेलन में आए विद्वानों का जालंधर पधारने का स्वागत करते हुए कहा कि इस सम्मेलन के दौरान जहां उन्हें आपसी चर्चा करके कुछ सीखने को मिलता है वहीं यहां के लोगों को ज्योतिष के माध्यम से अपने जीवन में आ रही मुश्किलों से सामना करने व उनके निदान की प्राप्ति होती है। ज्योतिष उत्थान कार्यों में अखिल भारतीय सरस्वती ज्योतिष मंच द्वारा किया जा रहा कार्य सराहनीय है। इसके लिए मंच के  संस्थापक अध्यक्ष व संचालक पं. राजीव शर्मा व उनकी टीम बधाई की पात्र है। इस दौरान  लाल किताब विशेषज्ञ , बृजमोहन सेखड़ी , पं. ओम प्रकाश शास्री, हरविंदर सिंह, डा. अशोक भंडारी, टैरोकार्ड रीडर आचार्य विजया (दिल्ली), पवन आचार्य,डा. रविन्दर शर्मा (शुभ ऊर्जा), पं. गौतम द्विवेदी, वैद्य शिव राज साहनी, पदम उपाध्याय सतवीर, राजेश पुरोहित, अमित डावर, दयानन्द साबरी, रजत सहदेव, डी.पी. जिंदल, शैलेश जे मेहता, डा. सुशील खन्ना, मदन सिंह, गुलशन बजाज, विवेक कुमार, विनीत गोही व अन्य ने विभिन्न विषयों पर अपने विचार प्रकट किए। 
 
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