केसरिया रंगः
पलाश के फूलों से यह रंग सरलता से तैयार किया जा सकता है। पलाश के फूलों को रात को पानी में भिगो दें। सुबह इस केसरिया रंग को ऐसे ही प्रयोग में लायें या उबालकर होली का आनंद उठायें। यह रंग होली खेलने के लिए सबसे बढ़िया है। शास्त्रों में भी पलाश के फूलों से होली खेलने का वर्णन आता है। इसमें औषधिय गुण होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार यह कफ, पित्त, कुष्ठ, दाह, मूत्रकृच्छ, वायु तथा रक्तदोष का नाश करता है। रक्तसंचार को नियमित व मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के साथ ही यह मानसिक शक्ति तथा इच्छाशक्ति में भी वृद्धि करता है।
सूखा हरा रंगः मेंहदी या हिना का पाउडर तथा गेहूँ या अन्य अनाज के आटे को समान मात्रा में मिलाकर सूखा हरा रंग बनायें।
आँवला चूर्ण व मेंहदी को मिलाने से भूरा रंग बनता है, जो त्वचा व बालों के लिए लाभदायी है।
सूखा पीला रंगः हल्दी व बेसन मिला के अथवा अमलतास व गेंदे के फूलों को छाया में सुखाकर पीस के पीला रंग प्राप्त कर सकते हैं।
गीला पीला रंगः एक चम्मच हल्दी दो लीटर पानी में उबालें या मिठाइयों में पड़ने वाले रंग जो खाने के काम आते हैं, उनका भी उपयोग कर सकते हैं। अमलतास या गेंदे के फूलों को रात को पानी भिगोकर रखें, सुबह उबालें।
लाल रंगः
लाल चंदन (रक्त चंदन) पाउडर को सूखे लाल रंग के रूप में प्रयोग कर सकते हैं। यह त्वचा के लिए लाभदायक व सौंदर्यवर्धक है। दो चम्मच लाल चंदन एक लीटर पानी में डालकर उबालने से लाल रंग प्राप्त होता है, जिसमें आवश्यकतानुसार पानी मिलायें।
पीला गुलाल :
(१) ४ चम्मच बेसन में २ चम्मच हल्दी चूर्ण मिलायें | (२) अमलतास या गेंदा के फूलों के चूर्ण के साथ कोई भी आटा या मुलतानी मिट्टी मिला लें |
पीला रंग :
(१) २ चम्मच हल्दी चूर्ण २ लीटर पानी में उबालें | (२) अमलतास, गेंदा के फूलों को रातभर भिगोकर उबाल लें |
जामुनी रंग : चुकंदर-बिट उबालकर पीस के पानी में मिला लें |
⚫ काला रंग : आँवला चूर्ण लोहे के बर्तन में रात भर भिगोयें |
लाल रंग :
(१) आधे कप पानी में दो चम्मच हल्दी चूर्ण व चुटकीभर चुना मिलाकर १० लीटर पानी में डाल दे |
(२) २ चम्मच लाल चंदन चूर्ण १ लीटर पानी में उबाले |
लाल गुलाल : सूखे लाल गुडहल के फूलों का चूर्ण उपयोग करें |
हरा रंग : (१) पालक, धनिया या पुदीने की पत्तियों के पेस्ट को पानी भिगोकर उपयोग करें |
(२) गेहूँ की हरी बालियों को पीस लें |
हरा गुलाल : गुलमोहर अथवा रातरानी की पत्तियों को सुखाकर पीस लें |
भूरा हरा गुलाल : मेहँदी चूर्ण के साथ आँवला चूर्ण मिला लें |
साथियों, अपने त्यौहार को अपने परिजन, अपने मित्रों, सगे सम्बन्धियों,
अपने मोहल्ले, समाज और देश के लिए मनाएं।
पर इसे चीन जैसे देश के लिए कमाई का जरिया न बनने दें। आपके होली के त्यौहार पर चीन लगभग 750 करोड रुपये कमाता है। मैं यह नहीं कहता कि आप सीमा पार युद्ध लडो पर इस आर्थिक युद्ध में तो चीन को पटकनी दे सकते हैं। कुछ गद्दार जयचंद चंद रुपयों के लिए वहाँ से सामान मंगा कर देश को आर्थिक नुक्सान पहुंचाते हैं, अब आप तय करें कि आप किस तरफ हैं।
अपना देश अपनी सभ्यता अपनी संस्कृति अपनी भाषा अपना गौरव
वंदे मातरम्
# भारत चेतना मंच