मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद , चंडीगढ़, 98156 19620
इस साल शारदीय नवरात्रों पर 9 अक्तूबर , रविवार के दिन श्री दुर्गाष्टमी पड़ रही है। यह दुर्गा माता, भद्रकाली तथा सरस्वती पूजन का पर्व है। दुर्गा सप्तशती के पाठ का समापन भी इसी दिन ही है। पाठ के समापन पर हाथों में एक लाल पुष्प एवं अक्षत लेकर ‘ओम् दुर्गायै नमः’ मंत्र पढ़ कर ईशान कोण में चढ़ा दें । इसके बाद कन्या पूजन करें। भविष्य एवं देवीभागवत पुराण के अनुसार कन्या पूजन के बिना नवरात्र व्रत अधूरा माना जाता है। यह अष्टमी या नवमी वाले दिन, 9 साल से कम आयु की 9 कन्याओं को मां दुर्गा के 9 रुप मान कर पूजा जाता है।
देवीभागवत पुराण के अनुसार दो साल की कन्या कुमारी, तीन की त्रिमूर्ति, चार की कल्याणी, पांच की रोहिणी, छः की कालिका,सात की चंडिका, आठ की शांभवी, नौ की दुर्गा और दस की सुभद्रा मानी जाती है। कन्या पूजन के समय इन देवियों का मन में स्मरण करना चाहिए।
कन्या पूजन विधिः
प्रातः स्नान आदि के बाद शुद्धता से हलवा, पूरी, खीर, काले चने बना कर सर्वप्रथम माता को भोग लगाएं। नौ कन्याओं को आमंत्रित कर उनके चरण धोकर उन्हें साफ स्थान पर बैठाएं। उनके हाथों में रक्षा सूत्र बांधें , रोली का तिलक लगाएं और इन सभी वस्तुओं को परोसें । भोजन के बाद उन्हें दक्षिणा स्वरुप, लाल चुनरी, सुहाग की वस्तुएं , रुपये, चांदी के सिक्के अपने साम्र्थयानुसार देने चाहिए और उनके चरण छू कर आशीर्वाद लेकर ,आदर , सम्मान सहित प्रेम पूर्वक विदा करना चाहिए। नौ कन्याओं के साथ साथ भेैरों के रुप में एक छोटे बालक को भी भोजन करवाना चाहिए।
कंजिकों को क्या दें उपहार ?
आजकल कंजिकें ढूंढे नहीं मिलती। इसी लिए बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ जैसे नारे बनाए गए हैं। पहले कंजिकों को एक रुपया या एक साधारण सी चुन्नी देकर विदा कर दिया जाता था। परंतु उन्हें वही चीजें दी जानी चाहिए जिन्हें पाकर उनका मन खिल जाए और वे आपको दिल से दुआ दें। आधुनिक युग में संदर्भ बदल गए हैं और इस अश्टमी के कन्या पूजन पर आप भी बदलें और मन भाते उपहार दें।
छोटी कन्याओं की पसंद हैं रंग बिरंगे हेयर बैंड, चूड़ियां, क्लिप आदि। उनके स्कूल उपयोगी सामग्री में आती है - पेंसिल बाॅक्स, रंगीन स्केच या गलीटर पैन, कलर्स, टिफिन बाक्स, वाटर बाटल। उनकी पसंद की डाॅल, बार्बी खिलौने। कार्टून बुक्स, पोयम्स की सी डी, स्टीकर्स आदि। उन पर अच्छी लगती ड्र्ेस। कुछ बड़े 9 - 10 साल वाली बचिचयों के लिए, डायरी, फोटो फ्रेम, ईयर रिंग, रिबन्स, स्किल गेम्ज, चाकलेट , टाफी या ऐसा ही कोई मिष्ठान देकर यानी उनकी पसंद को ध्यान में रख कर उपहार सहित उन्हें खुशी खुशी विदा करें ताकि आपके परिवार में माता का आशीर्वाद सदा बना रहे।
मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद , 196 सैक्टर 20 ए, चंडीगढ़, मो0- 98156 19620