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एस्ट्रोलॉजी

जीरकपुर में एक दिवसीय ज्योतिष सम्मेलन संपन्न, बाबा राम देव द्वारा ज्योतिषियों को पाखंडी कहने पर उठे सवाल

September 17, 2017 09:10 PM

बाबा राम देव द्वारा ज्योतिष को पाखंड और ज्योतिषियों को पाखंडी करार देने के प्रशन पर सपाटू ने कहा कि यही रामदेव 2005 में उन्हें हाथ दिखा रहे हैं और अब गोरखपुर के कुछ विद्वानों ने सरकार से इस विषय में सपष्टीकरण मांगा है कि इस ज्योतिष में जो कोर्स बनारस हिंदू विश्वविद्यालय जैसे समकक्ष संस्थानों में चलाए जा रहे हैं, उन्हें क्या कहा जाएगा ? कम से कम रामदेव जैसे लोगों को जिन्हें अपने ही देश के वैदिक ज्योतिष का ज्ञान नहीं है, उन्हें हर ऐसे विषय में टांग नहीं अड़ानी चाहिए परंतु यह उनकी आदत है िकवे हर क्षेत्र में टांग फंसाने की कोशिश करते हैं, अतः उनकी बातों को गंभीरता से लेने की बजाय ज्योतिष में अनुसंधान और इसके विकास व प्रसार पर ध्यान देना चाहिए।

जीरकपुर,फेस2न्यूज
जीरकपुर के चंडीगढ़ सिटी सेंटर के तत्वावधान में निशुल्क ज्योतिष सम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें 50 से अधिक विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में लगभग 1000 लोगों ने , प्रातः 11 बजे से रात 9 बजे तक अपनी समस्याओं के समाधान पूछे और सभी संतुष्ट होकर लौटे। सम्मेलन में ज्योतिष की हर विद्या जैसे जन्मपत्री, हस्त रेखा, टेरो कार्ड, अंक शास्त्र, प्रशन ज्ञान आदि सभी तरह के विशेषज्ञ मौजूद रहे। कार्यक्रम की संयोजिका ज्यातिषविद् ऊषा वसुंधरा ने बताया कि यह निशुल्क सेवा, रियल एस्टेट में अग्रणी कंपनी चंडीगढ़ सिटी सेंटर के मैनेजिंग डायरेक्टर सर्व श्री विजय कुमार जिंदल के सहयोग से आयोजित की गई।
इस कार्यक्रम में नगर के वरिष्ठ एवं प्रसिद्ध ज्योतिषी मदन गुप्ता सपाटू को इस क्षेत्र में दिए गए योगदान के लिए सम्मानित किया गया। उन्होंने तथा अन्य मैनेजिंग डायरेक्टर अरुण जिंदल एवं पंकज गुप्ता ने सभी प्रतिभागियों को अपने कर कमलों द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट किए। अपने अध्यक्षीय भाषण में सपाटू ने कहा कि ज्योतिष -समाज को अपने विषय में पारंगत होने के लिए बहुत परिश्रम करना चाहिए और इसके वैज्ञानिक पक्ष को ही सामने रखना चाहिए।
बाबा राम देव द्वारा ज्योतिष को पाखंड और ज्योतिषियों को पाखंडी करार देने के प्रशन पर सपाटू ने कहा कि यही रामदेव 2005 में उन्हें हाथ दिखा रहे हैं और अब गोरखपुर के कुछ विद्वानों ने सरकार से इस विषय में सपष्टीकरण मांगा है कि इस ज्योतिष में जो कोर्स बनारस हिंदू विश्वविद्यालय जैसे समकक्ष संस्थानों में चलाए जा रहे हैं, उन्हें क्या कहा जाएगा ? कम से कम रामदेव जैसे लोगों को जिन्हें अपने ही देश के वैदिक ज्योतिष का ज्ञान नहीं है, उन्हें हर ऐसे विषय में टांग नहीं अड़ानी चाहिए परंतु यह उनकी आदत है िकवे हर क्षेत्र में टांग फंसाने की कोशिश करते हैं, अतः उनकी बातों को गंभीरता से लेने की बजाय ज्योतिष में अनुसंधान और इसके विकास व प्रसार पर ध्यान देना चाहिए।

 
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