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एस्ट्रोलॉजी

21 अक्तूबर, शनिवार को दीवाली का अंतिम पर्व भाई दूज पड़ रहा है, दोपहर सवा एक के बाद है मुहूर्त

October 17, 2017 09:15 AM
मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्
Madan Gupta Sapatu
 
भाई दूज या यम द्वितीया पर क्या करें ? यह पर्व रक्षा बंधन के समकक्ष भाई  व बहन के मध्य प्रेम बढ़ाने, उनके कल्याण, व देखभाल, कुशल क्षेम पूछने के लिए बनाया गया है। राखी पर बहन ,भाई के घर जाती है परंतु भाई दूज पर परंपरा इसके विपरीत बनाई गई है कि भई बहन के घर टीका करवाने के बहाने जाए और उसका हालचाल मोबाइल की बजाए आमने सामने बैठ कर पूछे।
इस दिन स्नानादि से निवृत होकर बहनों को भगवान विष्णु तथा गणेश जी की पूता करनी चाहिए , फिर शुभ समय पर भाई को तिलक लगाना चाहिए।
-सुविधानुसार ,गंगा या यमुना में स्नान कर सकते हैं।
-भाई की दीर्घायु के लिए पूजा अर्चना प्रार्थना करें।
-भाई ,बहन के यहां जाए और तिलक कराए।  भ्राता श्री ,बहना के यहां ही भोजन करे। इस परंपरा से आपसी सौहार्द्र बढ़ता हैै। आपसी विवादों तथा वैमनस्य में कमी आती है। भाई कोई शगुन,आभूषण या गीफट बदले में अपने साम्थर्यानुसार दे। बहन भी भाई को मिठाई और एक खोपा देकर विदा करे।
इस दिन तिलक का शुभ समय दोपहर सवा एक से साढ़े तीन बजे तक रहेगा।
परंतु पर्व की भावना को सर्वोपरि मानते हुए और आधुनिक समय की आपाधापी में इस दिन अपने समय की उपलब्धता अनुसार मना लें ।
मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्
196 सैक्टर 20ए चंडीगढ़, मो. 9815619620
 
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