यह बीमारी उन्हीं मच्छरों के काटने से होती है, जिनसे जीका और डेंगू होता है। मौसम में बदलाव से कई तरह के इंफेक्शन और वायरस फैलते हैं। बारिस के बाद मच्छरों से परेशान लोग कई बीमारियों से जूझने लगते हैं। मच्छरों के काटने से डेंगू, चिकनगुनिया (Chikungunya) और मलेरिया जैसे रोग फैल जाते हैं और बुखार, जोड़ों व शरीर में लगातार दर्द होना इसके कुछ सामान्य लक्षण हैं। ये बीमारियां व्यक्ति को तकलीफ देने के साथ —साथ स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डालती हैं। यदि उपरोक्त लक्षणों में से कुछ दिखाई दे तो तुरंत नज़दीकी डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
डब्ल्यूएचओ (WHO) और सेंटर फॉर डिज़िज़ कंट्रोल एंड प्रीवेंशन, यूएसए अनुसार “व्यक्ति के अंदर, मच्छर के काटने के करीब तीन से सात दिन बाद इसके लक्षण दिखाई देते हैं। चिकनगुनिया में अचानक से आ जाने वाले बुखार के साथ जोड़ों में दर्द महसूस होता है”। इसके अलावा उसे सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सूखी उबकाई आना, थकान महसूस करना, त्वचा पर लाल रैशिज़ पड़ना जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
इलाज:
चिकनगुनिया का मच्छर पूरा दिन सक्रिय रहता है, ख़ासतौर पर सुबह और दोपहर में। ऐसी जगहों पर जाने से बचें, जहां मच्छर अधिक हों। शरीर पर मच्छर को दूर भगाने वाले उत्पाद या रात को सोते समय नेट का प्रयोग करें।
क्या ध्यान रखें:
पेय पदार्थों का अधिक से अधिक इस्तेमाल करें। मच्छरों द्वारा काटे जाने से बचाव के उपाय करें, कारण यह कि मच्छर एक व्यक्ति को काटने के बाद उसके शरीर का इंफेक्शन दूसरे व्यक्ति के शरीर में संक्रमित कर सकता है। बुखार और जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए आप पैरासिटामॉल ले सकते हैं। घर पर आराम करें और अपने नज़दीकी डॉक्टर से सलाह लें।