मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्, चंडीगढ़,9815619620
4 मई को शनिवार के दिन अमावस होगी, इसी लिए इस दिन को ज्योतिष में शनि अमावस कहा जाता है । इस साल 2019 में इस तरह के संयोग 3 बार हैं। 5 जनवरी की शनि अमावस निकल चुुकी है और अब 4 मई तथा 28 सितंबर को पड़ेगी। यह दिन विशेष होता हे जब शनि की आराधना से कई कष्ट कट जाते हैं विशेषतः उन लोगों के जिनकी कुंडली में शनि का ढैयया या साढ़सती या कु्रद्ध शनि की दशा आदि चल रही है।
9 ग्रहों में शनि अत्याधिक बली माने जाते हैं जिनका प्रभाव हर एक के जीवन में लगभग 31 वर्षों तक रहता है। इसी लिए हमारा जीवन एक उतार चढ़ाव से गुजरता रहता है। आज कोई गरीब है कल को अमीर बन जाता है। आसमां से जमीं पर अचानक आ जाता है।
नव ग्रहों में सातवें ग्रह माने जाने वाले शनिदेव से लोग सबसे ज्याेदा डरते जरूर हैं लेकिन वह किसी का बुरा नहीं करते हैं। वह लोगों के कर्मों के हिसाब से उनके साथ न्या य करते हैं। शायद इसलिए उन्हेंल न्याकयाधीश के रूप में भी पहचाना जाता है। शनि न्याय के देवता हैं। वे सूर्य पुत्र एवं यमराज के भ्राता हैं। अपनी दशा साढ़ेसाती आदि में किए गए कर्म के भले या बुरे फल देते हैं।
इस दिन स्नान, दान, पूजा और कुछ विशेष उपाय करने से धन संबंधी क्षेत्र में शनिदेव की कृपा मिलेगी। इस बार शनिदेव नौकरी और रोजगार से जुड़े मसलों से सुलझाएंगे ।
अगर आप भी शनिदेव की कृपा पाना चाह रहे हैं तो ये उपाय ध्यान से शनि अमावस्या के दिन कर लें ।
1. शनि अमावस्या के दिन सांयकाल में पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल के कम से कम नौ दीपक प्रज्वलित करें। इसके बाद पीपल के पेड़ के उतने ही अनुपात में परिक्रमा करें और शनिदेव से नौकरी परिवर्तन की प्रार्थना करें। अच्छी नौकरी मिलने के योग बनेंगी।
2. सुबह नहा धोकर शनि मंदिर जाएं और वहां जाकर शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करें। काले तिल और काले वस्त्रों का दान करें। सांयकाल काले कपड़े में सिक्के रखकर दान करने से आपकी धन संबंधी समस्या का अंत हो जाएगा।
3. व्यापार में वृद्धि के लिए सांयकाल को मंदिर जाकर शनिदेव को काल तिल अर्पित करें और मंदिर में बैठकर ही "ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः" का जाप करें। शनिदेव की पूजा के दौरान ऊं शं शनैश्चराय नमः मंत्र बोलें।
4. शिक्षा में सफलता पाने के लिए शनि अमावस्या को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और घर लौट आएं। इस दिन चींटियों को आटा खिलाएं और शनिदेव से परीक्षा में सफलता की प्रार्थना करें।
5. इस दिन एक बरतन में सरसों का तेल लें और उसमें अपना चेहरा देखकर इस तेल को गरीबों को दान कर दें। नजदीक के शनि मंदिर में जाकर लोहे का छल्ला लें और अपने बाएं हाथ की मध्यमा उंगली में शनि मंत्र का जाप करते हुए पहन लें। इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं औऱ जातक पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं।
6. शनिदेव की साढ़ेसाती और ढैया वालों के लिए शनि अमावस्या का दिन बड़ा दिन है। इस दिन की पूजा अर्चना से साढ़े साती और शनि की ढैया से ग्रसित लोग राहत पा सकते हैं और शनिदेव उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव कर सकते हैं। शनि अमावस्या के दिन शनिदेव की विधिवत पूजा अर्चना करें। शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और घर आकर कम से कम 11 माला "ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः" का जाप करें। ऐसे लोगों के लिए सलाह है कि वो शनिवार को नियमित तौर पर शनिदेव का जाप करें जिससे साढ़े साती और ढैया का प्रभाव कम होता है।
7. काली गाय, जिस पर कोई दूसरा निशान न हो, का पूजन कर 8 बूंदी के लड्डू खिलाकर उसकी परिक्रमा करें तथा उसकी पूंछ से अपने सिर को 8 बार झाड़ दें।
8. काला सूरमा सुनसान स्थान में हाथभर गड्ढा खोदकर गाड़ दें।
9. काले कुत्ते को तेल लगाकर रोटी खिलाएं।
10. काले घोड़े की नाल या नाव की कील का छल्ला बीच की अंगुली में धारण करें।
11- पानी वाले 11 नारियल, काली-सफेद तिल्ली 400-400 ग्राम, 8 मुट्ठी कोयला, 8 मुट्ठी जौ, 8 मुट्ठी काले चने, 9 कीलें काले नए कपड़े में बांधकर संध्या के पहले शुद्ध जल वाली नदी में अपने पर से 1-1 कर उतारकर शनिदेव की प्रार्थना कर पूर्व की ओर मुंह रखते हुए बहा दें।
12. कांसे के कटोरे को सरसों या तिल के तेल से भरकर उसमें अपना चेहरा देखकर दान करें।
13. 800 ग्राम तिल तथा 800 ग्राम सरसों का तेल दान करें। काले कपड़े, नीलम का दान करें।
14. हनुमान चालीसा पढ़ते हुए प्रत्येक चौपाई पर 1 परिक्रमा करें।
15. काले घोड़े की नाल अपने घर के दरवाजे के ऊपर स्थापित करें। मुंह ऊपर की ओर खुला रखें। दुकान या फैक्टरी के द्वार पर लगाएं तो खुला मुंह नीचे की ओर रखें। इन उपायों से आप अपने कष्ट दूर कर सकते हैं तथा शनि महाराज की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
शनिदेव के प्रकोप को शांत करने के लिए उनसे जुड़े मंत्रों का जाप करें। शनिदेव के ये मंत्र काफी प्रभावी है। शनिदेव को समर्पित इस मंत्र को श्रद्धा के साथ जपने से निश्चित रूप से आपको लाभ होगा।
सूर्य पुत्रो दीर्घ देहो विशालाक्ष: शिव प्रिय:।
मंदाचाराह प्रसन्नात्मा पीड़ां दहतु में शनि:।।
ॐ शं शनैश्चराय नमः
ॐ प्रां प्रीं प्रौ सं शनैश्चराय नमः
ॐ नमो भगवते शनैश्चराय सूर्यपुत्राय नमः राशि फल
मेष- धार्मिक कार्यों में खर्च होगा। शनि नवम भाव में भाव वृद्घि में रुकावट डालेगा।
वृष - दांपत्य जीवन सुखी रखेगा लेकिन अष्टम शनि कार्यों में अड़चनें देगा।
मिथुन - पदोन्नति, धनलाभ और धार्मिक कार्यों में रुची बढ़ेगी।
कर्क - सन्तान सुख प्राप्ति के योग बनेंगे। भाग्य उदय और धन की प्राप्ति होगी। शनि शत्रुहन्ता योग बनायेगा।
सिंह - पारिवारिक सुख और पदोन्नति की प्राप्ति होगी। परन्तु संतान की ओर से चिंता रहेगी।
कन्या - भाग्य में वृद्घि और धनलाभ होगा, परन्तु कंटक शनि माता के स्वास्थ्य की चिंता देगा। मकान बदलना पड़ सकता है।
तुला - रुके हुए कार्यों में सफलता प्राप्ति के योग बनेंगे। सम्मान एवं यश में वृद्घि करेगा।
वृश्चिक - पत्नी और संतान का सुख प्राप्त होगा परन्तु साढ़े साती के चलते कार्यों और धन प्राप्ति में बाधायें आ सकती हैं।
धनु - साढ़ेसाती का मध्य होने के कारण स्वास्थ्य खराब रहेगा। धार्मिक कार्यों के करने से मानसिक शांति मिलेगी।
मकर - साढ़े साति का आरंभ धन स्वाथ्य एवं मानसिक अशांति देगा, परन्तु संतान और पत्नी का सुख पाप्त करायेगा।
कुंभ - शनि का शुभ गोचर योग पारिवारिक सुख और धनलाभ देगा।
मीन - संतान सुख प्राप्त होगा, परन्तु कार्य क्षेत्र में बाधाओं के रहते अधिक मेहनत करनी पडेगी।