ENGLISH HINDI Tuesday, April 23, 2024
Follow us on
 
अंतर्राष्ट्रीय

'आर्ट विद हार्ट' के साथ विश्वपटल पर फैलती मधुबनी पेंटिंग

June 12, 2020 01:15 PM

बंगलुरू, फेस2न्यूज ब्यूरो:
कहते हैं लग्न, चाहत और उसके प्रति समर्पण अपना रंग खिलाती ही है। भारत के बिहार प्रांत की मधुबनी पेंटिंग पूरे भारतवर्ष में जानी जाती है और अब विश्व पटल पर भी छा रही है। सात संमुदर पार के लोग भी इसका लुत्फ और लाभ उठा रहे हैं और वहां के बच्चे इसे दीप्ति अग्रवाल से चाव से सीख रहे हैं। इस कला के प्रति ऐसी ही लग्न लगी बिहार प्रांत के एक छोटे से शहर, दरभंगा निवासी दीप्ति अग्रवाल को, जिसने बचपन से ही अपने दिल में कुछ बड़ा करने का सपना संजो रख़ा था। बंगलौर के प्रतिष्ठित Christ College से स्नातक के उपरांत दीप्ति ने एमबीए की डिग्री गोल्ड मैडल के साथ प्राप्त की एवं एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी में प्रशासनिक पद पर अपना योगदान देने के पश्चात अब अमेरिका में रह कर इस कला को जीवन समर्पित कर वहां भी कला को फैला रही है और 'आर्ट विद हार्ट' नामक कार्यक्रम के जरिए वहां के बच्चों को सिखा भी रही है।   


आज जब पूरे विश्व के सारे कार्य कलाप कोविड—19 महामारी के कारण लगभग बंद हो चुके हैं और लोग दहशत में हैं। ऐसे में परोपकार की भावना से औतप्रोत दीप्ति ने समस्त मानवजाति के बदरंग हो रहे जीवन में 'मधुबनी पेंटिंग' के ज़रिए क़ुछ रंग भरने की ठानी। साथ में उनका उद्देश्य बच्चों के खाली समय का सदुपयोग एवं उन्हें टेलीविजन तथा सोशल मीडिया से दूर रख उनके माता पिता को भी राहत पहुँचना है। अमेरिका में लॉकडाउन शुरू होते ही मार्च 2020 में सर्वप्रथम दीप्ति ने मधुबनी पेंटिंग के कुछ प्रशिक्षण के वीडियो बनाए। इसके बाद अपने विद्यार्थियों के माता—पिता के साथ एक एप की सहायता से बैठक में हिस्सा लेने को जोड़ा और अपना बनाए वीडियो की रिमोट ट्रेनिंग दी कि किस तरह स्टूडेंट्स अपना-अपना एक वीडियो बनाना है। इस तरह का टास्क देकर दीप्ति ने बच्चों को एक रचनात्मक एवं समाजिक कार्य के साथ जोड़ा। बच्चे अति उत्साहित होकर कार्य में जुट गये और उन्होंने इस कार्यक्रम को नाम दिया “Art with Heart”।
महज़ दो सप्ताह में बच्चों के वीडियोज तैयार होने लगे जिन्हें दीप्ति ने स्वयं आडिट कर इंटरनेट पर अपलोड किए। चूँकि इंटरनेट किसी देश, राज्य, जाति, संप्रदाय, रंग—भेद, आदि की सीमाओं से परे है और सबको समान रूप से संदेश पहुँचाता है। अतः इन बच्चों की बनायी मधुबनी पेंटिग पूरी दुनिया में देखी और सीखी जाने लगी। अब विभिन्न देशों के विभिन्न आयु- वर्ग के लोगों से वीडियो से सीख कर बनायी गयी पेंटिग की फोटो दीप्ति के पास भेजने लगे। ये सारे वीडियो www.deeptidesigns.com/artwithheart पर देखे जा सकते हैं।   
 

इस कार्यक्रम की लोकप्रियता से प्रभावित होकर एक स्वयमसेवी संस्था FA3 ने दीप्ति से आग्रह किया कि वे इसे प्रायोजित करने के लिए तैयार हैं यदि दीप्ति आर्ट किट्स बनाकर सैंटर को दें, ताकि वहाँ रह रहे अन्यलोग भी इन वीडियोज से मधुबनी पेंटिग सीखने का लाभ उठा सकें। दीप्ति ने इस नेक कार्य को सहस स्वीकार किया है।
अब कुछ जानकारी मधुबनी पेंटिंग के प्रति समर्पित दीप्ति अग्रवाल के बारे में:
भारत के बिहार प्रांत के एक छोटे से शहर दरभंगा निवासी दीप्ति के माता पिता ने उनकी इस हसरत को समझा और स्कूल की शिक्षा शहर में पूरी होने के बाद उच्च शिक्षा के लिये बंगलौर भेजा। जहां पर बंगलौर के प्रतिष्ठित Christ College से स्नातक के उपरांत दीप्ति ने एमबीए किया और एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी में प्रशासनिक पद पर सर्विस करने लगी। वर्ष 2010 में आगरा निवासी इंजीनियर निर्देश मित्तल के संग विवाह उपरांत अमेरिका चलीं गयी।
अमेरिका में काफ़ी अच्छे वेतनमान के साथ उन्हें एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी में कार्य करने का अवसर मिला। नौकरी के बंधन में बचपन के सपनों को साकार होता हुआ न देख दीप्ति ने लगभग नौ साल पहले कारपोरेट जगत को अलविदा कह दिया और अपनी माता से विरासत में मिली मधुबनी लोक चित्रकला का अमेरिका में प्रसार करने जी महत्वकांक्षी योजना बनायी। एक क्रम में दीप्ति ने अमेरिका के विभिन्न शहरों में प्रदर्शनियों, कार्यशालाओं, परिचर्चाओं एवं प्रस्तुतियों के आयोजनों के ज़रिए आम अमेरिकीजनों के बीच मधुबनी पेंटिंग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के बाद वाशिंगटन राज्य के सीऐटल शहर में 'दीप्ति डिजाईन स्कूल आफ आर्ट' की स्थापना की। मधुबनी पेंटिंग की बढ़ती लोकप्रियता देख वाशिंगटन राज्य सरकार ने दीप्ति के साथ एक अनुबंधन कर प्रशिक्षण कार्य भी संचालित किया।   

'आर्ट विद हार्ट' कार्यक्रम के कार्यवहन से लॉकडाउन के कारण मिले अतिरिक्त समय का बच्चों द्वारा ना सिर्फ़ रचनात्मक सदुपयोग हुआ बल्कि आधुनिक संचार माध्यमों से विश्व को जोड़ने एवं जुड़ने की भी सीख मिली। वीडियो देख मधुबनी पेंटिंग सीखने वाले लोगों द्वारा भेजे गये बच्चों के लिये जो उत्साहवर्धक संदेश थे, उससे बच्चों को भी सीख मिली की पेंटिंग केवल सजावट मात्र की ही वस्तु नहीं है बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व के निर्वाह में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं। 

कुछ मधुबनी पेंटिंग के बारे में:
मधुबनी बिहार में एक जिला है मधुबनी, यह चित्रकारी इसी जिले की प्राचीन स्थानीय कला है, इसलिए इसका नाम मधुबनी पेंटिंग पड़ा। मधुबनी का अर्थ है शहद का जंगल। यह कला प्रकृति और पौराणिक कथाओं की तस्वीरों विवाह और जन्म के चक्र जैसे विभिन्न घटनाओं को चित्रित करती हैं। मूल रूप से इन चित्रों में कमल के फूल, बांस, चिड़िया, सांप आदि कलाकृतियाँ भी पाई जाती है। इन छवियों को जन्म के प्रजनन और प्रसार के प्रतिनिधित्व के रूप में दर्शाया जाता रहा हैं।
मधुबनी पेंटिंग आम तौर पर भगवान कृष्ण, रामायण के दृश्यों जैसे भगवान की छवियों और धार्मिक विषयों पर आधारित हैं। इतिहास के अनुसार, इस कला की उत्पत्ति रामायण युग में हुई थी। मधुबनी चित्रकला अथवा मिथिला पेंटिंग मिथिला क्षेत्र जैसे बिहार के दरभंगा, पूर्णिया, सहरसा, मुजफ्फरपुर, मधुबनी एवं नेपाल के कुछ क्षेत्रों की प्रमुख चित्रकला है। प्रारम्भ में रंगोली के रूप में रहने के बाद यह कला धीरे-धीरे आधुनिक रूप में कपड़ो, दीवारों एवं कागज पर उकेरी जाने लगी है। मधुबनी की अदभुत कलाकृतियों को देश— विदेशों में खूब पसंद किया जा रहा है।
मधुबनी पेंटिंग को प्राकृतिक रंगों के साथ चित्रित किया जाता है। वनों की कटाई की रोकथाम में भी यह पेंटिंग महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। समय के साथ मधुबनी चित्र को बनाने के पीछे के मायने भी बदल चुके हैं, लेकिन ये कला अपने आप में इतना कुछ समेटे हुए हैं कि यह आज भी कला के कद्रदानों की चुनिन्दा पसंद में से है।

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें
 
और अंतर्राष्ट्रीय ख़बरें
रॉबिंसविले न्यू जर्सी , अमेरिका में मनाई गई श्री कृष्ण जन्माष्टमी ब्रिटेन के सांसद ढेसी ने पंजाब के मुख्यमंत्री मान से मुलाकात कर प्रमुख एनआरआई मुद्दों पर चर्चा की श्रीसैनी विश्व सुंदरी प्रतियोगिता में भाग लेने पहुंची 24 घंटों में ही अपने बयान से पलट गए पाकिस्तान के मंत्री फवाद हुसैन वियतनाम में 35 की मौत, 50 से अधिक लापता विदेशों में भारत का पर्याय है हिंदी भारतीय सशस्त्र बलों की टुकड़ी ने लिया मॉस्को, रूस में विजय दिवस परेड में हिस्सा दिल्ली में जन्मी, पंजाब में खेली, अमलनेर-अमेरिका में ब्याही डॉ. रश्मि पर टिकी कोरोना वैक्सीन तैयार करने की उम्मीद ब्रिटेन के सांसद तनमनजीत ढेसी को ‘न्यूकमर एम.पी. आफ द ईयर’ पुरुस्कार लेबर पार्टी ने यूके संसद मैंबर ढेसी को बनाया शैडो रेल मंत्री, पंजाबी कल्चरल कौंसिल ने दी बधाई