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काम की बातें

पीपल का पत्ता कर सकता है 99 प्रतिशत हृदय की रूकावट को दूर

January 26, 2017 01:26 PM

फेस2न्यूज:
पीपल को सनातन धर्म में आस्था का प्रतीक माना जाता है। पीपल में ओषधीय गुण भी प्रचूर मात्रा में समाहित हैं। पीपल जहां 24 घंटे आक्सीजन देता हैं जो जीवन के जरूरी है, वहीं पीपल के पत्ते हृदय रोगों में अति लाभकारी हैं। पीपल के पत्ते में दिल को बल और शांति देने की अद्भुत क्षमता है। इसके पत्तों के प्रयोग से 99 फीसदी तक हृदय में आई रूकावट, बाधा ब्लॉकेज को कुछ ही रोज में दूर किया जा सकता है। उस ब्लॉकेज को जिसके लिए बड़ी— बड़ी शल्य चिकित्सा आॅपरेशन करवाने पड़ते हैं। जिससे शारीरिक व आर्थिक नुक्सान उठाना पड़ता है। पीपल के पत्तों से हृदय रोग निदान संभव है। इसीलिए तो ईश्वर ने पीपल के पत्तों की बनावट हार्ट के शेप जैसी बनाई है।
इसके लिए पीपल के हरे, भली प्रकार से विकसित 15 पत्ते लेकर हरेक का ऊपर व नीचे का कुछ भाग काटकर अलग कर दें। शेष भाग को पानी से साफ करके एक गिलास पानी में धीमी आंच पर पका लें। पानी के एक तिहाई रहने पर ठंडा करके साफ कपड़ें से छान कर ठंडे ठंडे स्थान पर रख दें, लो हो गई दवा तैयार। ध्यान रहे पत्ते गुलाबी कोंपलें न हों। काढ़े की तीन इस काढ़े की बराबर तीन खुराक बना कर प्रत्येक तीन घंटे बाद प्रातः लें। खुराकें सुबह, दोपहर व शाम ली जा सकती है। खुराक लेने से पहले पेट एक दम खाली नहीं होना चाहिए, बल्कि सुपाच्य व हल्का नाश्ता करने के बाद ही लें। हार्ट अटैक के बाद कुछ समय हो जाने के पश्चात लगातार पंद्रह दिन तक इसे लेने से हृदय पुनः स्वस्थ हो जाता है और फिर दिल का दौरा पड़ने की संभावना नहीं रहती।
इस काढे के प्रयोग से समय तली चीजें, चावल आदि न लें। मांस, मछली, अंडे, शराब, धूम्रपान का प्रयोग बंद कर दें। नमक, चिकनाई का प्रयोग भी न करें।
अनार, पपीता, आंवला, बथुआ, लहसुन, मैथी दाना, सेब का मुरब्बा, मौसंबी, रात में भिगोए काले चने, किशमिश, गुग्गुल, दही, छाछ आदि ले सकते हैं।

 
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