क्लोव डेंटल ने आयोजित किया कानक्लेव
जीरकपुर, जेएस कलेर
भारत में मौखिक विकार सबसे अधिक प्रचलित बीमारी की स्थिति है, और पिछले 30 वर्षों से यह स्थिति बनी हुई है। वर्तमान में देश के पचास फीसदी लोग दांतों की बीमारियों का शिकार हैं। आने वाले समय में प्रत्येक दस में नौ लोगों को दांतों के डाक्टरों पर निर्भर होना पड़ेगा।
यह विचार क्लोव के संस्थापक एवं सीईओ अमरिंदर सिंह ने जीरकपुर में आयोजित 23वें लीडरशिप कॉनक्लेव के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से आए हुए चिकित्सकों से बातचीत में व्यक्त किए। विश्व में 3.50 अरब लोग ओरल बीमारियों से ग्रस्त हैं। जिनसे छुटकारा पाने के लिए एक आंदोलन की जरूरत है। इस समय डेंटल तथा ओरल केयर जनस्वास्थ्य का बड़ा मुद्दा हैं। अगर समय रहते दांतों की बीमारियों पर काबू नहीं पाया गया तो आने वाले समय में इसके घातक परिणाम सामने आ सकते हैं।
उन्होंने बताया कि क्लोव डेंटल के देशभर में 350 तथा चंडीगढ़ व पंजाब में 27 क्लीनिक हैं, जिनका भविष्य में विस्तार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि भारत में लोग दांतों तथा मुंह के स्वास्थ्य की सबसे अधिक अनदेखी करते हैं। जबकि हमारे शरीर के यही दो हिस्से अन्य बीमारियों के कारक बनते हैं। इस अवसर पर बोलते हुए क्लोव डेंटल के चीफ क्लीनिकल आफिसर डॉ.विमल अरोड़ा ने बताया कि ओरल हेल्थकेयर के प्रति स्कूली स्तर पर ही जागरूकता अभियान शुरू करने की जरूरत है।