ENGLISH HINDI Tuesday, April 16, 2024
Follow us on
 
जीवन शैली

बायोपिक फिल्मों की मुकम्मल पड़ताल करती है पुस्तक “बॉलीवुड बायोपिक्स - आधी हकीकत बाकी फसाना”

December 25, 2019 07:37 PM

नई दिल्ली। हिन्दी फिल्मों में नेगेटिव किरदार निभाने वाले कलाकारों पर आधारित और अमेज़न बेस्टसेलर ‘मैं हूं खलनायक’ जैसी प्रभावशाली किताब के लेखन के बाद फजले गुफरान की दूसरी किताब, “बॉलीवुड बायोपिक्स- आधी हकीकत बाकी फसाना” बायोपिक फिल्मों की मुकम्मल पड़ताल करती है। किताब में ढ़ेरों रोचक तत्वों के साथ-साथ बहुत सारी नई जानकारियां दी गयी हैं, साथ ही कई मुद्दों पर पैने अंदाज से आकलन भी किया गया है। यह पुस्तक यश पब्लिकेशंस द्वारा प्रकाशित की गई है।

• मैं हूं खलनायक के बाद लेखक फजले गुफरान की दूसरी पुस्तक “बॉलीवुड बायोपिक्स - आधी हकीकत बाकी फसाना”
• नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले 2020 में होगा विमोचन 

  आजादी से पहले किस तरह की बायोपिक फिल्में बना करती थीं और फिर बीते सत्तर वर्षों में किस तरह से नायकों, नई शैलियों के साथ बायोपिक फिल्मों कि बढ़ती जड़ें, दिव्य चरित्रों और प्रेरणादायी हस्तियों के चित्रण के साथ-साथ बाजार ने क्या करवट ली है, ये पढ़ना रोमांचित करता है। खासतौर से किस तरह से नई सदी के आगमन के साथ हिन्दी फिल्मों के प्रचार-प्रसार के तौर तरीकों में बदलाव आया और फिर किस ढंग से महज बीते कुछ वर्षों में बायोपिक फिल्में अन्य शैलियों पर हावी होती दिखी हैं, इस पर लेखक ने बड़े ही धैर्य और विस्तार से बात की है।

लेखक फजले गुफरान बताते हैं कि हिन्दी फिल्मों के सौ वर्षों से अधिक के सफरनामे में जो कुछ देखा और महसूस किया उसे इस पुस्तक में जगह दी गई है। साल दर साल बायोपिक फिल्मों के बदलते ट्रेंड और दशक दर दशक जानकारियों की एक रिपोर्ट, ये किताब पेश करती है। यश पब्लिकेशंस द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक में अपराध की दुनिया की सच्ची कहानियों पर बनने वाली फिल्में, एतिहासिक किरदारों पर बनी फिल्में, खिलाड़ियों और खेल की दुनिया पर बनी फिल्में, साहित्य कला जगत पर बनी नई-पुरानी फिल्मों पर कटाक्ष भी समीक्षा के ज़रिये किया गया है। ये किताब फिल्म स्टडीज करने वाले छात्रों के साथ-साथ सिने प्रेमियों के लिए भी निश्चित रूप से बहुत उपयोगी साबित होगी ऐसी उम्मीद है।

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें