चंडीगढ़, फेस2न्यूज:
समाज विरोधी तत्वों के विरुद्ध चलाई जा रही मुहिम में पंजाब पुलिस ने कनाडा आधारित आतंकवादी गोल्डी बराड़ के सक्रिय सदस्य को सुंदर नगर, हिमाचल प्रदेश से गिरफ़्तार किया है। डीजीपी पंजाब गौरव यादव ने बताया कि गिरफ़्तार मुलजिम की पहचान इन्दरप्रीत सिंह उर्फ पैरी (32) निवासी चंडीगढ़ के रूप में हुई है।
पैरी 2011 में डीएवी कॉलेज, चंडीगढ़ में अपने कॉलेज के दिनों के दौरान गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोयी के संपर्क में आया था और उसके खि़लाफ़ पंजाब एवं हरियाणा में कत्ल और कत्ल की कोशिश के दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं।
गिरफ़्तार आरोपी प्रदीप सिंह के टारगेट किलिंग में भी शामिल बताया जा रहा है, जिसको 10 नवंबर, 2022 को कोटकपुरा में उसकी दुकान के बाहर छह व्यक्तियों द्वारा मार दिया गया था। लॉरेंस बिश्नोयी के पुलिस हिरासत में से भागने के समय भी उसकी अहम भूमिका रही थी।
उन्होंने कहा कि योजनाबद्ध जाँच और मिले सुरागों के बाद एसएसओसी मोहाली की पुलिस टीमों ने हिमाचल प्रदेश में पैरी के ठिकानों का पता लगाया और स्थानीय पुलिस की मदद से उसको सुंदर नगर में एक होटल से गिरफ़्तार कर लिया।
प्रदीप सिंह की टारगेट किलिंग में पैरी की भूमिका का खुलासा करते हुए डीजीपी ने बताया कि 7 नवंबर 2022 को गोल्डी बराड़ के निर्देशों पर पैरी ने हर्शवीर सिंह बाजवा को 20,000 रुपए नकद दिए और यह रकम मनप्रीत सिंह उर्फ मनी, जो प्रदीप सिंह कत्लकांड का मुलजिम है, के खाते में जमा करवाने के लिए कहा। हर्शवीर और मनी को पंजाब पुलिस पहले ही गिरफ़्तार कर चुकी है।
जि़क्रयोग्य है कि मुलजिम पैरी को इससे पहले चंडीगढ़ पुलिस ने मार्च 2022 में आर्म्स एक्ट केस में गिरफ़्तार किया था और उसके कब्ज़े से एक ग्लॉक पिस्तौल और एक .30 बोर का पिस्तौल बरामद किया था। इस मामले में वह करीब 2 महीने बुड़ैल जेल में रहा, जिसके बाद उसकी ज़मानत हो गई। वह 2021 में ज़मानत होने तक जेल में रहा।
गौरतलब है कि मुलजिम पैरी को भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धाराओं 153, 153-ए, 212, 216 और 120-बी और आम्र्स एक्ट की धारा 25 के अंतर्गत पुलिस स्टेशन एसएसओसी, एसएएस नगर में दर्ज एफआईआर नंबर 7 में गिरफ़्तार किया गया है।