संस्था के प्रवक्ता तेजिंदर चौहान, जो हर वर्ष दुनिया के सबसे बड़े रावण के दहन कार्यक्रम के लिए जाने जाते हैं, ने बताया कि समारोह में श्रीमद्भागवत कथा, श्री गुरु ग्रंथ साहब जी व श्री रामचरित मानस के अखंड पाठ रखे गए व पाठों का भोग डालने के बाद अटूट लंगर बरताये गए। इस दौरान सर्व धर्म समागम, हवन व रस्म-ए-झंडा आयोजित करने के बाद फ़रियाद हुई।