फेस2न्यूज/चण्डीगढ़ :
चण्डीगढ़ को स्मार्ट सिटी बनाने में में जुटे विभाग का तो शटर डाउन हो ही गया है, साथ ही साथ निर्माण कार्यों एवं मेंटेनेंस में जुटे ठेकेदार भी अर्श से एकाएक फर्श पर आ गए हैं। ये कहना है चण्डीगढ़ नगर निगम नगर निगम ठेकेदार यूनियन के अध्यक्ष हरिशंकर मिश्रा का। वे आज ठेकेदारों के करोड़ों के पेंडिंग बिल क्लियर करने की मांग को लेकर अपने साथियों सहित रोज फेस्टिवल के शुभारंभ से पूर्व समारोह स्थल के सामने पहुँच कर शान्तिपूर्वक धरना-प्रदर्शन करने पहुंचे थे, जहाँ उन्हें रोष प्रकट करने से पूर्व ही हिरासत में लेकर सेक्टर 39 थाने में ले जाया गया।
निगम उनके करोड़ों के बिलों का भुगतान करने में असमर्थ है, जिस कारण ठेकेदार भारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। आज कि प्रशासन-निगम -पुलिस की कार्यवाई से बेहद आहत मिश्रा ने निगम अधिकारियों के खिलाफ भड़ास निकालते हुए कहा कि पिछले सात महीनों से ठेकेदारों के भुगतान लंबित हैं, तथा सिक्योरिटी एवं परफॉर्मेंस गारंटी की धनराशि जारी करने में भी अनावश्यक देरी की जा रही है। सभी ठेकेदार अपनी जिम्मेदारी व निष्ठा के साथ कार्य कर रहे हैं, फिर भी भुगतान नहीं किया जा रहा जिस कारण उन्हें गंभीर वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है।
मिश्रा ने कहा कि शहर के विकास के लिए जारी किए गए टेंडर्स को ठेकेदारों ने बड़ी शिद्दत एवं शानो शौकत के साथ पूरा तो कर दिया, काम पूरा होने पर जब बिल क्लीयरेंस की बात आई तो निगम ने, आजकल आजकल करते हुए करीब एक वर्ष का समय निकाल दिया, ऐसे में ठेकेदारों की वित्तीय स्थिति काफी दयनीय हो गई, चण्डीगढ़ नगर निगम निर्माण कार्यों से जुड़े ठेकेदारों के करोड़ों के बिल बकाया होने पर , ठेकेदार , विभागीय अधिकारियों के सामने, अपने ही पैसों के लिए बार-बार गिड़गिड़ाने के बाद, जब ठेकेदारों को कोई रास्ता नजर नहीं आया तो उन्होंने संघर्ष का रास्ता अपनाया ।
यूनियन के नेता राजीव पांडे ने कहा कि निगम के बाकी काम तो चलते रहते हैं, परन्तु ठेकेदारों के भुगतान करने के समय निगम अधिकारी आर्थिक तंगी का हवाला देने लग जाते हैं। उन्होंने कहा कि हर समय निगम खाली कटोरा लेकर प्रशासन का मुंह देखता रहता है। इसलिए इसे भंग करके प्रशासन के हवाले कर दिया जाना ही उचित रहेगा। ठेकेदार अब बिलकुल भी निगम का काम करने को तैयार नहीं हैं। कई बार तो उनसे जबरदस्ती ये कह कर भी काम करवा लिया जाता है कि वीआईपी ने आना है। वे तो हर समय सहयोग करने को तत्पर रहते हैं, परन्तु अधिकारियों का रवैया बिलकुल भी अनुकूल नहीं होता।
संदीप शर्मा, धर्मपाल, भगत सिंह, आशीष सलूजा, नरेंदर शर्मा, मुकेश बांसल, मुकेश बरमानी, अविनाश जैन, अजय शर्मा, हरप्रीत सिंह बैस, मयंक शर्मा, प्रदीप शर्मा, धीरज वधवा, सुरेंदर पाल सिंह, हेमंत शर्मा, एसपी गोयल, करमजीत सिंह, संदीप गोयल, प्रदीप शर्मा, परवीत सिंह व फूल चंद आदि को भी मिश्रा के साथ हिरासत में रखा गया।
मिश्रा ने कहा कि शहर के विकास के लिए जारी किए गए टेंडर्स को ठेकेदारों ने बड़ी शिद्दत एवं शानो शौकत के साथ पूरा तो कर दिया, काम पूरा होने पर जब बिल क्लीयरेंस की बात आई तो निगम ने, आजकल आजकल करते हुए करीब एक वर्ष का समय निकाल दिया, ऐसे में ठेकेदारों की वित्तीय स्थिति काफी दयनीय हो गई, चण्डीगढ़ नगर निगम निर्माण कार्यों से जुड़े ठेकेदारों के करोड़ों के बिल बकाया होने पर , ठेकेदार , विभागीय अधिकारियों के सामने, अपने ही पैसों के लिए बार-बार गिड़गिड़ाने के बाद, जब ठेकेदारों को कोई रास्ता नजर नहीं आया तो उन्होंने संघर्ष का रास्ता अपनाया ।
नगर निगम ठेकेदार यूनियन, चण्डीगढ़ के बैनर तले, चण्डीगढ़ नगर निगम के तहत निर्माण कार्यों से जुड़े ठेकेदार यूनियन के अध्यक्ष हरिशंकर मिश्रा की अगुआई में रोष प्रदर्शन करने के लिए जैसे ही चंडीगढ़ सेक्टर 17, ताज होटल के सामने बनी पार्किंग में ठेकेदार इकट्ठा हुए, पुलिस उनको पकड़ कर पुलिस स्टेशन में ले गई ताकि धरने प्रदर्शन को, बेअसर किया जा सके और चंडीगढ़ नगर निगम द्वारा आयोजित रोज फेस्टिवल में किसी प्रकार का कोई विघ्न न पड़े। पुलिस कस्टडी में अपने अन्य ठेकेदारों के साथ गए,
ठेकेदार यूनियन के अध्यक्ष हरिशंकर मिश्रा का थाने में जाकर मजबूरी एवं बेबसी का दर्द छलक उठा । उन्होंने रुदन आवाज में कहा कि सभी ठेकेदार कामकाजी है, वे धरने प्रदर्शन के चक्कर में पड़ना ही नहीं चाहते, करीब पिछले 1 वर्ष से विभागीय अधिकारी उन्हें भुगतान करने के लिए, रोज लारे लगाते आ रहे हैं। ऐसे में वह उन व्यापारियों का भुगतान कैसे करें , जिन व्यापारियों से उन्होंने कार्य को पूरा करने के लिए, अल्प अवधि के लिए निर्माण सामग्री उधार ली थी। इसके अलावा उनके पास काम करने वाले मजदूर की दिहाड़ी कैसे दें। हरिशंकर मिश्रा ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह कितने दुर्भाग्य की बात है जिन ठेकेदारों ने शहर के सौंदर्य करण को चार चांद लगाने में अपनी निजी सारी संपत्ति लगा दी , उन्हें आज अपने ही भुगतान के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।
वह एक शिकायत माननीय प्रधानमंत्री जी को भी भेजेंगे, हरिशंकर मिश्रा ने कहा कि हालांकि पुलिस ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह सभी ठेकेदारों की समस्या को लेकर उनकी बात गवर्नर साहब से करवाएंगे। गवर्नर साहब से उनकी बात कब होती है, उनकी समस्या का समाधान निकलता है या नहीं, यह तो आने वाला समय ही तय करेगा, परंतु इतना अवश्य है कि इन दिनों, चंडीगढ़ नगर निगम के लिए काम कर रहे , ठेकेदारों के साथ दोहरा मापदंड अपनाते हुए, उनके साथ नाइंसाफी हो रही है, जबकि प्रशासन के अधीन काम करने वाले ठेकेदारों का भुगतान करीब करीब समय पर हो जाता है , जबकि वे पिछले 1 वर्ष से अपने कार्य के भुगतान के लिए, निगम के चक्कर पर चक्कर काट रहे हैं।