पिंकी सैनी/ डेराबस्सी
डेराबस्सी घग्गर नदी यहां के नजदीक मुबारकपुर गांव के पास से गुजरती है और सनोली में ककराली और पंचकुला हरियाणा सीमा के किनारे के गांवों और घग्गर नदी में खनन रियायतें हैं।अवैध रूप से खनन किया जा रहा है.
गौरतलब है कि यहां से दो से तीन किलोमीटर की दूरी पर पुलिस चौकी और डीएसपी कार्यालय है, लेकिन आज तक किसी भी पुलिस अधिकारी ने रात के अंधेरे में घग्गर नदी में अवैध खनन करने वाले लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है.
उधर, लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पंजाब और हरियाणा की सीमा पर दफरपुर गांव में भी पुलिस की ओर से नाका लगाया गया है। यह इसके बावजूद रात के अंधेरे में अवैध खनन करने वाले टिप्पर इस नाके से होकर गुजरते हैं। अवैध खनन के मामले पर किसी भी पुलिस अधिकारी या खनन विभाग के अधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं की है. जिससे खनन माफियाओं के हौंसले और भी बुलंद हो गए हैं और पुलिस, खनन विभाग और राजनीतिक संरक्षण में अवैध खनन धड़ल्ले से चल रहा है।सारी रात कारोबार चलता है. लेकिन पिछले दो दशकों से अवैध खनन का मुद्दा पंजाब की राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है. गांव से लेकर विधानसभा तक खनन की बात हो रही है लेकिन तत्कालीन सरकारों द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
खनन के मुद्दे पर सरकारें बदलीं, मंत्री बदले, लेकिन खनन का मुद्दा नहीं बदला। लोकसभा चुनाव के दौरान निर्वाचन क्षेत्र के राजनीतिक नेताओं द्वाराखनन रोकने के बड़े-बड़े दावे किए गए, लेकिन सरकार बनने के बाद ये दावे रेत की तरह ढह गए। डेराबस्सी जिले से गुजरने वाली घग्गर नदी में रात के अंधेरे में अवैध खनन माफियाओं द्वारा रेत और बजरी का अवैध खनन किया जा रहा है, लेकिन किसी भी राजनीतिक नेता और प्रशासनिक अधिकारी ने प्रकृति के साथ खिलवाड़ को रोकने के लकोई प्रयास नहीं किया, लेकिन खनन पर उल्टा असर पड़ा माफी हाईकोर्ट के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ और विधानसभा नजदीक होने के बावजूद खनन माफियाओं द्वारा राजनीतिक नेताओं के संरक्षण में अवैध खनन का कारोबार फल-फूल रहा है। गौरतलब है कि ककराली, सनोली जो कि घग्गर के पास पंचकुला हरियाणा की सीमा पर है, घग्गर नदी में अपराधियों द्वारा रात के अंधेरे में खनन किया जा रहा है।डेराबस्सी इलाके में अंधाधुंध खनन किया जा रहा है। जिससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है. डेराबस्सी क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक क्रैशर लगे हुए हैं। अवैध खनन के कारण घग्गर नदी में दस फुट गहरे गड्ढे हो गए हैं।
खनन माफिया ने भी घग्गर का बहाव नहीं छोड़ा है, जिससे जलस्तर नीचे चला गया है, लेकिन स्थानीय प्रशासन की ओर से इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। घग्गर नदी में रात के अंधेरे में रेत से भरे टिप्पर घूम रहे हैं। खनन के कारण घग्गर नदी में गहरे गड्ढे बन गए हैं, जिससे किसी भी अनहोनी का खतरा बना हुआ है। अवैध खनन के कारण घग्गर नदी में बने गहरे गड्ढों के कारण पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। स्था
नीय लोगों ने प्रशासन से खनन माफियाओं द्वारा किए जा रहे अवैध खनन को रोकने की मांग की है ताकि उनकी फसलों के नुकसान से बचा जा सके.होने से रोका जा सकता है और जल स्तर को भी बचाया जा सकता है।