संजय कुमार मिश्रा/चंडीगढ़
लुधियाना उपभोक्ता आयोग ने भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत सेवा में कमी की शिकायत को आरटीआई बताकर खारिज किया । जिला उपभोक्ता आयोग लुधियाना ने शिकायकर्ता अजय शर्मा के परिवाद संख्या CC/1857/ 2024 को 1 अक्टूबर 2024 को खारिज करते हुए कहा कि आर टी आई के तहत मांगी गई जानकारी नहीं मिलने पर उसी अधिनियम के तहत उपलब्ध उपचार को अपनाया जाना चाहिए उपभोक्ता आयोग में नहीं।
लुधियाना के एक मशहूर पारदर्शी कार्यकर्ता अजय शर्मा जो उपलब्ध कानूनों की सहायता से सरकारी विभागों के कामों में पारदर्शिता लाने एवं भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए सतत प्रयत्नशील हैं, एक आवेदन भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत प्रादेशिक परिवहन कार्यालय लुधियाना को भेजते हैं और कानून के मुताबिक फीस का भुगतान करते हुए कुछ पब्लिक दस्तावेज की सत्यापित प्रतिलिपि की मांग करते हैं। विभाग फीस तो रख लेता है लेकिन वांछित प्रतिलिपि नहीं देता है। नोटिस भेजी जाती है उसे भी विभाग अनदेखा कर देता है।
थक हारकर अजय शर्मा लुधियाना उपभोक्ता आयोग में प्रतिपक्षी के सेवा में कमी की शिकायत देते हैं और वांछित प्रतिलिपि के साथ साथ समुचित मुआवजे की भी मांग करते हैं।
लुधियाना के एक मशहूर पारदर्शी कार्यकर्ता अजय शर्मा जो उपलब्ध कानूनों की सहायता से सरकारी विभागों के कामों में पारदर्शिता लाने एवं भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए सतत प्रयत्नशील हैं, एक आवेदन भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत प्रादेशिक परिवहन कार्यालय लुधियाना को भेजते हैं और कानून के मुताबिक फीस का भुगतान करते हुए कुछ पब्लिक दस्तावेज की सत्यापित प्रतिलिपि की मांग करते हैं। विभाग फीस तो रख लेता है लेकिन वांछित प्रतिलिपि नहीं देता है। नोटिस भेजी जाती है उसे भी विभाग अनदेखा कर देता है।
एडमिशन सुनवाई वाले दिन वादी ने अपने दावे के समर्थन में आयोग को कई निर्णय का जिक्र करते हैं जैसे बॉम्बे हाईकोर्ट का निर्णय, राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग का निर्णय जिसके मुताबिक कानूनी तौर पर ये बात साफ कर दिया गया है कि, साक्ष्य अधिनियम के तहत फीस देकर सत्यापित प्रतिलिपि चाहने वाला आवेदक एक उपभोक्ता है और प्रतिपक्षी एक सेवा प्रदाता, बावजूद इसके लुधियाना उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष संजीव बत्रा ने प्रतिपक्षी को नोटिस जारी किए बिना ही एडमिशन सुनवाई वाले दिन ही अजय शर्मा के शिकायत को खारिज कर दिया। अपने निर्णय में आयोग ने कहा कि, भारतीय साक्ष्य अधिनियम के अनुसार जिस व्यक्ति को दस्तावेज निरीक्षण का अधिकार है वहीं सत्यापित प्रतिलिपि मांग सकता है। आवेदक ने अपने निरीक्षण के अधिकार को प्रूव नहीं किया, इसलिए वो सत्यापित प्रतिलिपि चाहने का हकदार नहीं है ।
फिर आर टी आई के तहत मांगी गई जानकारी नहीं मिलने पर उसी अधिनियम के तहत उपलब्ध उपचार को अपनाया जाना चाहिए था उपभोक्ता आयोग में नहीं । अपने निर्णय के समर्थन में आयोग ने राष्ट्रिय उपभोक्ता आयोग के निर्णय सतपाल सैनिचेला का जिक्र करते हुए कहा कि आर टी आई से संबंधित कोई भी शिकायत उपभोक्ता आयोग में पोषणीय नहीं है।
वादी अजय शर्मा ने लुधियाना उपभोक्ता आयोग के उपरोक्त निर्णय को पंजाब राज्य उपभोक्ता आयोग में चुनौती दी है जिसे राज्य उपभोक्ता आयोग ने FA/623/2024 से निबंधित कर प्रतिपक्षी को 9 जनवरी 2025 के लिए नोटिस जारी कर दिया है एवं जिला उपभोक्ता आयोग लुधियाना को केस फाइल जमा करने का आदेश दिया है।