ENGLISH HINDI Friday, April 26, 2024
Follow us on
 
एस्ट्रोलॉजी

11 से समाप्त हुआ गुरु- राहु का चांडाल योग

August 13, 2016 02:34 PM

इस साल दो विशेष ग्रहों की युति विशेष रही जिनका विश्लेषण हमने 2016 की भविष्यवाणी के अन्तर्गत वर्षारंभ में ही कर दिया था। राहु सिंह राशि में और केतु कुंभ में। हालांकि एक पंचाग के अनुसार, यह राशि परिवर्तन 9 जनवरी को पहले ही रात्रि 10 बजकर 10 मिनट पर हो चुका था और एक अन्य गणना के अनुसार 17 जनवरी को दोपहर 3 बजे राहु कन्या राशि से अपनी वक्री चाल के अनुसार पीछे की ओर छठी से 5वीं राशि सिंह में प्रवेश कर गया। इसके अलावा शनि अपने शत्रु मंगल की 8वीं राशि में 26 जनवरी, 2017 तक विराजमान रहेंगे। ग्रहों की ऐसी स्थिति से लोक भविष्य कहीं न कहीं गड़बड़ा जाता है जिसका उल्लेख हमने वर्षारंभ में ही कर दिया था और घटनाक्रम वैसे ही चलता रहा और अभी आने वाले महीनों में भी घटित होगा।
अधिकांश पंचांगों के अनुसार 29 जनवरी की रात एक बजकर 21 मिनट पर राहु सिंह राशि में उत्त्राफाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम चरण में और केतु कुंभ राशि के पूर्वा भाद्रपद के तृतीय चरण में प्रवेश कर गए। सिंह राशि में गुरु 11 अगस्त की रात्रि 9 बजकर 25 मिनट तक रहे। ज्योतिष में गुरु और राहु जब एक साथ बैठे हों तो इसे चांडाल योग कहा जाता है। चांडाल शब्द ही इस तथ्य का द्योतक है कि यह कुछ अनिष्टता ही करता है परंतु सब का बुरा या सब का अच्छा ही हो, ऐसा कभी नहीं होता। गुरु का राशि परिवर्तन 11 अगस्त को रात्रि 9 बजकर 30 मिनट 6ठी राशि अर्थात कन्या राशि में प्रवेश कर गया।
एक तो सिंह राशि में गुरु- राहु का चांडाल योग, उसके उपर शनि की दृष्टि। मेदिनी ज्योतिष के अनुसार इस तरह के योग से, विश्व में आतंकी घटनाओं में वृद्धि, प्राकृतिक आपदाएं, युद्ध, नर संहार, उपद्रव, धार्मिक उन्माद, अधिक वर्षा, बाढ़, भूस्खलन, बादल फटना, भूकंप, धार्मिक असहिश्णुता, अनुशासनहीनता, भ्रष्टाचार, देश द्रोह, धोखाधड़़ी, फ्राॅड, साईबर क्राईम, राजनीतिक उथल पुथल, दल बदल, राजनीतिक कृतघ्नताएं, धार्मिक गुरुओं का उन्माद या उनकी चरित्रहीनता या उनकी वाणी से नुक्सान, शिक्षा का स्तर गिरना, दलबदल जैसे विषय छाए रहते हैं।
गुरू ग्रह, ज्ञान, शिक्षा, शिक्षण संस्थाओं, गुरुओं, धर्म गुरुओं, स्वर्ण, भाग्य, नियम, संतान,सम्मान, सफलता, प्रशासनिक अधिकारी, ज्योतिष, मंत्री पद, लेखन, अध्यापन, मोटापे आदि का कारक ग्रह है।
राहु विघ्नकारक ग्रह हैं और जिस ग्रह के साथ होंगे उसके फलों को खराब करेंगे।
मंगल ग्रह साहस, वीरता, शौर्य, क्रोध, ज्वलनशील पदार्थ, बम, विस्फोट, आक्रोश, शत्रु, युद्ध, दुर्घटना, आतंकवाद, सेना, अस्त्र शस्त्र, इत्यादि का कारक होता है।
शनि ग्रह, जीवन -मरण, दुख, अनुचित आचार व्यवहार, निम्न कार्य, चरित्र हनन, अदालती कार्य, अवरोध, खनिज आदि का कारक होता है।
जब आकाशमंडल में मंगल, शनि, राहु व गुरु विपरीत स्थितियों में होंगे तो उन ग्रहों से संबंधित घटनाएं विश्व में होगी। शनि ग्रह मंगल की वृश्चिक राशि में अभी 26 जनवरी 2017 तक रहेंगे और इसके बाद शनि का राशि परिवर्तन अर्थात गुरु की नवम राशि में आ जाएंगे।
आइये आगे देखें ज्योतिष की ये बातें 2016 के मध्य तक, एक एक करके कैसे फलित हुई ?
जनवरी के आरंभ में ही पठानकोट पर आतंकी हमला दुर्घटना पूर्ण रहा। गुरु चांडाल योग के कारण दिल्ली के जे .एन .यू .में एक ग्रुप ने आजादी के नाम पर उत्पात मचाया जिसका प्रभाव कश्मीर तथा देश के अन्य भागों में पड़ा। देष व विश्च के कई भागों में भूकंप आए। गुरु ग्रह सोने का भी प्रतीक है। विश्व के इतिहास में पहली बार गुरु- राहू के दुष्प्रभाव की गाज सुनारों पर गिरी। राहु ने मतिभ्रम किया और उन्होंने अपने ही पैरों पर कुल्हाडऋी मार ली। पूरे 42 दिन सुनार हड़ताल पर रहे। शिक्षा का स्तर इतना गिर गया कि 12 वीं कक्षा तक की डिग्रियां बिहार में बिक गई जहां कभी शिक्षा का उच्च स्थान नालंदा हुआ करता था और विदेशी पढ़ने आते थे। हर धर्म के गुरुओं ने अनाप शनाप बोला और अपने ही जाल में फंसते चले गए।
मंगल शनि की युति ने राजनीतिक उथल पुथल मचा दी। कई मंत्रियों के पर कुतरे गए। कितने ही स्थापित नेताओं ने दलबदल लिए। अपनी ही पार्टी से विश्वासघात कर लिया। भाजपा के कटट्र समर्थक साथ छोड़ गए, दल बदल गए। कशमीर में आतंक ने पर और फैला लिए। तुर्की में एक बड़ा राजनीतिक हादसा टल गया। तक्ष्ता पलटने से बच गया। प्रापर्टी, रियल एस्टेट से जुड़े लोगों के बुरे हाल हो गए। भवन उद्योग में मूल्य घटते गए। मंगल जमीन का कारक है तो शनि बने बनाए भवनों का। दोनों ग्रह एक दूसरे की शत्रु राशि में हों तो ऐसे उद्योग की भविष्यवाणी हर कोई कर सकता है। जनवरी से लेकर जुलाई तक भारत के अलावा विश्व के अनेक भागों में भूकंप तबाही मचा चुके हैं। उत्त्राखंड, बंगाल, मध्यप्रदेष और महाराष्ट्र् जैसे राज्यों में जल से तबाही हुई। जबकि महाराष्ट्र् में कुछ महीने पहले ही सूखा पड़ गया था। यह भी मंगल एवं शनि के एक साथ रहने पर होता है और धरती का जल मग्न होना व भूकंप आना इसके परिणाम स्वरुप ही होते हैं। हिमाचल के कुल्लू जिले में जुलाई के दूसरे सप्ताह में एक दिन में ही तीन झटके लगे। अभी 15 अगस्त तक एक भूकंप की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
कुल मिला कर आम जनता को 15 अगस्त के बाद कुछ राहत की सांस मिलेगी। राजनीतिक समीकरण बदलेंगे। दल बदल के नए दृश्य सामने आएंगे। सोने की कीमतें दीवाली तक काफी बढ़ सकती हैं। शेयर मार्किट उठेगी। रियल एस्टेट कुछ संभलेगा। राजनीतिक उथल पुथल 26 जनवरी, 2017 से और बढ़ेगी। भारत के कई राज्यों तथा विश्व के कुछ देशों में सत्ता परिवर्तन होगा। भारत की लोकप्रियता, प्रभुसत्ता, प्रभाव, दबाव, दबदबा आदि फरवरी 2017 के पश्चात् और बढ़ जाएगा।
मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिषविद्, चंडीगढ़, मो. 98156 19620

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें
 
और एस्ट्रोलॉजी ख़बरें
नामवर ज्योतिष सम्राट नवदीप मदान का सम्मान वास्तु विशेषज्ञ परामर्श के बिना भी अपने घर या कार्यक्षेत्र में कर सकते हैं वास्तु के कुछ खास बदलाव वास्तु के अभाव का प्रभाव हरमिटेज सेंट्रल के ज्योतिष शिविर में सैकड़ों ने दिखाई कुंडली करवा चौथ पर विशिष्ट संयोग,निसंकोच रखें व्रत, करें शुक्रास्त पर भी उद्यापन! हिन्दू त्योहार दो- दो दिन क्यों बताए जाते हैं ? इस वर्ष रक्षा बंधन, किस दिन मनाएं ? श्रावण मास में सोमवार व्रत का अत्यधिक महत्व : स्वामी सुन्दर लाल भार्गव कैसे सुहाना और सुनहरा है सावन...बता रहे हैं जाने माने ज्योतिषी पंडित सुन्दर लाल भार्गव पूर्णिमा: कैसे करें सुबह की शुरुआत गुरु के दिन