ENGLISH HINDI Saturday, May 11, 2024
Follow us on
 
ताज़ा ख़बरें
फोर्टिस मोहाली ने खेल-संबंधी टखने और पैर के लिगामेंट की चोटों के इलाज में ला दी है क्रांति जेल की सलाखों के पीछे जाएंगे बिके हुए विधायक : मुख्यमंत्रीपंजाब में गुरबाणी, लोकगीत, वीर रस, वारां और सूफी नाम के पांच दरिया बहते हैं : पद्मश्री सुरजीत पातरख़रीद-फरीख्त की राजनीति शुरू कर भाजपा ने प्रदेश की संस्कृति को कलंकित कियाः सीएमदीपक चनारथल पंजाब के 50 शक्तिशाली व्यक्तियों में शामिलराष्ट्रपति का शिमला पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागतगुरुओं के सिखों को खालिस्तानी कहने वालों को मुहं तोड़ जवाब देना जरूरी : दया सिंहचंडीगढ़ के वेदांत सैनी (एआईआर 26) - 100 परसेंटाइल के साथ ट्राइसिटी टॉपर
एस्ट्रोलॉजी

30 अक्तूबर ,रविवार ,दीवाली पर पूजन के विशेश मुहूर्त , पूजा विधि तथा उपाय

October 23, 2016 09:16 AM

मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिशाचार्य ,चंडीगढ़, 98156-19620, 0172-2702790,196-सैक्टर 20ए, चंडीगढ़ 

इस साल ,रविवार के दिन चित्रा / स्वाति नक्षत्र , प्रीति योग व तुला राशि में दीवाली पड़ने और बुध -आदित्य योग होने के कारण व्यापार में काफी वृद्धि होगी। व्यापारियों के लिए पूरा साल शुभ एवं लाभकारी रहेगा। इस बार लक्ष्मी पूजन से सभी को धन, वैभव, संपत्ति एवं शिक्षा की दृश्टि से विशेश लाभ प्राप्त होगा। खाद्य सामग्री, धातुओं, वाहनों आदि के व्यापारियों को बहुत लाभ होगा।
दीवाली पर पूर्ण कालसर्प दोश व्याप्त होना और सूर्य का नीच राशि तुला में होने तथा राहू का सूर्य की पंचम राशि में होना एक तरह से दीवाली को ग्रहण ग्रस्त कहा जा सकता है जो देश की सुरक्षा के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं।
अमावस्या रात्रि 11-10 तक रहेगी।  

दीवाली पूजन का शुभ समय सायंकाल स्थिर लग्न वृशभ एवं सिंह लग्न माने गए हैं।
प्रातः काल का शुभ समय - 8 बजे से 12.10 तक
शुभ चौघड़िया - 13.22 से 14.54 तक
प्रदोश काल- 17.37 से 20.14 तक
स्थिर बृश लग्न में घर में पूजा का समयः- सायं 18.30 से 20.25 तक
निशीथ कालः 20.14 से 22.52 तक
कर्क लग्न में - 22.39 से 24.58 तक
महा निशीथ काल- 22.52 से 25.31 तक

महालक्ष्मी पूजा- दीवाली -30 अक्तूबर रविवार: दीवाली पर क्या करें ?
* घर की साफ सफाई करें । प्रवेश द्वार पर घी और सिंदूर से ओम ्या स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं।
* सायंकाल खीलें ,बतासे,अखरोट,पांच मिठाई,कोई फल पहले मंदिर में दीपक जला कर चढ़ाएं।
* दीवाली वाले दिन मिटट्ी या चांदी की लक्ष्मी जी की मूर्ति खरीदें। एक नया झाड़ू लेकर किचन में रखें ।
* लक्ष्मी पूजन करें
*बहियों ,खातों, पुस्तकों,पैन,स्टेशनरी, तराजू ,कंप्यूटर या वो वस्तु जिसे आप रोजगार के लिए प्रयोग करते हैं उनकी पूजा करें।

दीवाली पूजनः सामग्री
रौली, मौली ,सुपारी -5,धूप ,पान पत्ते-5, लौंग,इलायची-5, कमल गट्टे -20, कमल का फूल, फूल माला, खुले फूल,5 फल,5- मिठाई,पानी वाला नारियल, दूध आधा किलो,दही-250 ग्राम,शहद,केसर,लक्ष्मी गणेश जी की फोटो या मूर्ति, आम के पत्ते, कपूर,जनेउ, चंदन, दूब,मिटटी के दिये-12 छोटे एक बड़ा, सरसों का तेल,देसी घी,रुई, ज्योति,पंच मेवा पांच मिठाई,चांदी का सिक्का,अश्ट गंध,माता का श्रृंगार,,चावल सवा किलो,शक्कर 50 ग्राम,खीलें बतासे,मिठाई,मोमबत्ती,गंगाजल,माचिस,शंख,रेशमी वस्त्र,पीली सरसों,सिंदूर,पंचामृत, हवन सामग्री, जौ, तिल, तुलसी की माला, हवन कुंड,आसन, दक्षिणा आदि.....
दीवाली पूजन की सामान्य विधि
स्नान करें,पूजा के लिए उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख रखें और कोई दरी या कंबल बिछा लें । द्वार पर रंगोली बना लें।थाली में अश्ट दल बना के नव ग्रहों की आकृति आटे से बना के ,लक्ष्मी जी की प्रतिमा स्थापित करें।आवाहन करें।अक्षत ,पुश्प,अश्टगंध युक्त जल अर्पित करें। दिशा रक्षण के लिए बाएं हाथ से पीली सरसों लेके दाएं हाथ में ढक के चारों दिशाओं में फेंकें।
गणेश जी, लक्ष्मी जी व सरस्वती जी की मूर्तियां रखें।चौकी पर लाल वस्त्र बिछा के थाली रखें।क्लश,धूप दीप रखें। क्लश में जल भर कर उसमें गंगाजल , थोड़े से चावल, एक चांदी या प्रचलित सिक्का डाल दें । क्लश पर आम के 5 या 7 पत्ते रखें। पानी वाले नारियल पर 3 या 5 चक्र कलावा या मौली बांधकर क्लश पर रख दें। गणेश जी व लक्ष्मी जी तथा श्रीयंत्र रखें। केसर, चंदन से स्वास्तिक बना के गणेश जी, लक्ष्मी जी व श्रीयंत्र को स्थापित करें। लक्ष्मी जी को गणेश जी के दाएं रखें। गणेश जी पर अक्षत-पुश्प चढ़ाएं। पंचामृत-दूध ,दही,घी,शहद व शक्कर से स्नान कराएं फिर जल डालें। फिर मौली,जल,चंदन,कुंकुम,चावल,पुश्प,दूर्वा,सिंधूर ,रौली इत्र,धूप दीप,मेवे प्रसाद फल पान,सुपारी लौंग ,इलायची व द्रव्य - 11 रुपये बारी बारी चढ़ाएं। दूध,दही,घी,मधु,शक्कर पंचामृत,चंदन,गंगा जल से प्रतिमा को स्नान करवाएं।वस्त्र,उप वस्त्र,आभूशण,चंदन,सिंदूर,कंुकुम,इत्र ,फूल आदि समर्पित करें।लक्ष्मी जी की प्रतिमा के हर अंग को पुश्प से पूजें।

इस मंत्र का जाप करते जाएं-
ओम् श्रीं हृीं श्रीं महालक्ष्म्यैे नमः
तेल का एक चौमुखी दीपक और 21 छोटे दीपक जलाएं।आचमन करें। प्रथम मूर्तियों पर तिलक लगा कर फिर अपने व अन्य सदस्यों के कलावा बांधें , तिलक लगाएं।गुरु तथा लक्ष्मी जी का ध्यान करें । मूर्तियों पर चावल, पान, सुपारी, लौंग, फल , कलावा,फल , मिठाई, मेवे आदि चढ़ाएं। अक्षत-पुश्प दाहिने हाथ में लेके पृथ्वी तथा नव ग्रहों- सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु, कुबेर देवता, स्थान देवता, नगर खेड़ा वास्तु देवता , कुल देवी या देवता का आवाहन करें। हाथ जोड़ के गणपति व अन्य देवी देवताओं को नमस्कार करें। संकल्प लें।

देहली पूजनः
प्रवेश द्वार पर सिंदूर से स्वास्तिक बनाएं या ओम गणेशाय नमः या शुभ लाभ लिखें।दिया जलाएं।
लेखनी पूजन
पैन,स्टेशनरी,कंप्यूटर,कैल्कुलेटर,बही,खाते आदि पर केसर युक्त चंदन से स्वास्तिक बनाएं ,मौली लपेटें,सरस्वती जी का ध्यान करें।धूप दीप करें।विद्यार्थी अपनी पुस्तकों,नोट बुक पर भी ऐसा ही करें। जो छात्र कंपीटीशन में बैठ रहे हैं या परीक्षा दे रहे हों ,हम से भी कलम पूजन इस अवसर पर करा सकते हैं।
कुबेर पूजन
तिजोरी,कैश बाक्स,लाकर आदि पर स्वास्तिक चिन्ह बना के कुबेर को नमस्कार करें और धन की कामना करें।
तुला ,मानक,कंप्यूटर , नोट काउंटिंग मशीन पर सिंदूर से स्वास्तिक बनाएं , शुभ लाभ लिखें ,मौली लपेटें, पूजन करें
दीप माला
5 या 7 या 11 दीपक प्रज्जवलित करें।लक्ष्मी गणेश जी की आरती करें। आरती की कैसेट, सी.डी या पैन ड्राइव का प्रयोग भी कर सकते हैं । इन दीपकों को घर के कोने कोने में रखें।एक मंदिर मे जला आएं।
प्रसाद बाटंे
खीलें , गुड़ के बने खिलौने ओर सूखे मेवे।
श्री यंत्र अभिमंत्रण , किसी यंत्र का निर्माण व ल्ेाखनी पूजन विशेश मुहूर्त में करें
हवन करें - पूजा के पशचात् हवन एवं आरती कर सकते हैं।
विशेशः दीवाली पर जलता हुआ दीपक भूल से भी न बुझाएं।  
पंचपर्व या दीवाली के दिन विभिन्न समस्याओं के लिए ये प्रयोग भी कर सकते हैं-
अपना पर्स बदल लें। उसमें लाल रंग के लिफाफे में एक कागज पर अपनी मनोकामना जैसे विवाह , नौकरी, धनागमन आदि लिख कर रखें ।
1.दद्रिता निवारणः- 21 काले,अभिमंत्रित हकीक जमीन में गाड़ दें।-शनिवार
2.आर्थिक उन्नतिः- 27 पीले अभिमंत्रित हकीक, घर के मंदिर में पीले कपड़े में बांध के रखें,-वीरवार
3.विजय ,परीक्षा,प्रतियोगिता ,कोर्ट केस: 11 हरे हकीक दुर्गा /माता ढउंपसजवरूदुर्गा/माताझ के मंदिर में रख आएं ।-मंगलवार या बुधवार
4- घर क्लेश -दो नीले हकीक घर के किसी कच्चे भाग में दबा दें।
5. धन वृद्धि -एक लाल हकीक तिजोरी में रखें।
6.- बच्चे को नजर /डरना- ढउंपसजवरूनजर/डरना-झ एक नीला हकीक चांदी के लाकेट में बनवा के पहनाएं-शनिवार
7.- संतान की सुख समृद्धि- 19 पीले हकीक उजाड़ जगह फेंक दें ।
कुछ अन्य उपाय व मंत्र
ऋण मुक्तिः स्फटिक की माला से इस मंत्र का जाप करें।
ओम् नमो हृीं श्रीं क्रीं श्रीं क्लीं श्रीं लक्ष्मी मम गृहे धनं चिन्ता दूर करोति स्वाहा !!
विद्या हेतुः ओम् ऐं क्रीं ऐं ओम् का 21 बार जाप करें ।
नौकरी प्राप्तिः ओम् हृीं कार्य सिद्धि ओम नमः का जाप पंचपर्व में करें ।
शत्रु शमन के लिए: ओम क्लीं हृीं ऐं शत्रुनाशाय फट् का तीन दिन जाप एक एक माला करें।
कोर्ट केसःओम् हूं हूं शत्रुस्तंभनं ठः ठः स्वाहा का 31 बार जाप करें ।

दीवाली पर कुछ उपाय
ऋण न लौटाने वाले का नाम कोयले की राख या काजल से भोजपत्र पर लिख कर एक पत्थर के नीचे दबा दें।
धन वृद्धि हेतु ,चांदी की गोल डिब्बी में , शहद व नागकेसर भरकर धन स्थान पर रख दें।
घर की नजर उतारने के लिए,एक नारियल और खीर हाथ में लेकर पूरे घर की परिक्रमा करके प्रवेश द्वार पर तोड़ कर खीर वहीं रख दें।  

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें
 
और एस्ट्रोलॉजी ख़बरें
नामवर ज्योतिष सम्राट नवदीप मदान का सम्मान वास्तु विशेषज्ञ परामर्श के बिना भी अपने घर या कार्यक्षेत्र में कर सकते हैं वास्तु के कुछ खास बदलाव वास्तु के अभाव का प्रभाव हरमिटेज सेंट्रल के ज्योतिष शिविर में सैकड़ों ने दिखाई कुंडली करवा चौथ पर विशिष्ट संयोग,निसंकोच रखें व्रत, करें शुक्रास्त पर भी उद्यापन! हिन्दू त्योहार दो- दो दिन क्यों बताए जाते हैं ? इस वर्ष रक्षा बंधन, किस दिन मनाएं ? श्रावण मास में सोमवार व्रत का अत्यधिक महत्व : स्वामी सुन्दर लाल भार्गव कैसे सुहाना और सुनहरा है सावन...बता रहे हैं जाने माने ज्योतिषी पंडित सुन्दर लाल भार्गव पूर्णिमा: कैसे करें सुबह की शुरुआत गुरु के दिन