जेरुसलम/तल अवीव, फेस2न्यूज:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने राज्य के पाँच प्रमुख शहरों में सीवरेज के पानी को संशोधित कर पुन: प्रयोग योग्य बनाने के लिए इजराइल के सहयोग की माँग की है।
मुख्यमंत्री ने पंजाब में पानी के संरक्षण को बढ़ावा देने और पानी के प्रबंधन के मुद्दे पर इजराइल के ऊर्जा और जल स्रोत मंत्री डा. यूवल स्टैनिटज़ के साथ विस्तृत विचार विमर्श किया।
इजराइल में खेती उद्देश्यों के लिए 95 प्रतिशत सिवरेज का पानी सुधारने के तथ्यों से मुख्यमंत्री प्रभावित हुए और उन्होंने कहा कि इसी तरह का प्रबंध वह पंजाब के शहरी इलाकों में करना चाहते हैं। क्योंकि इन समस्याओं के नतीजे के तौर पर पंजाब में भूजल का स्तर नीचे जा रहा है। उन्होंने बताया कि पंजाब अतिरिक्त बिजली वाला राज्य है और जल स्रोत पंजाब के लिए लगातार चुनौती बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि इसी चुनौती के कारण सरकार पानी जैसे बहुमूल्य स्रोत को बचाने के लिए किसानों को धान-गेहूँ के चक्कर में से बाहर निकालने की कोशिशें कर रही है।
डा. स्टैनिटज़ ने बताया कि इजराइल इस सम्बन्ध में उनकी हर मदद करके खुश होगा। मंत्री ने कुल ज़रूरत और उपलब्धा के अनुमान के द्वारा उचित पानी प्रबंधन की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि इजराइल लगातार पाँचवे साल सूखे का सामना कर रहा है परन्तु यह अलग—अलग तरीकों के द्वारा अपने पानी की ज़रूरतों का प्रबंध कर रहा है। इसके द्वारा अपनी 80 प्रतिशत घरेलू ज़रूरतों के लिए खारे पानी का दोहरा उपचार करके किया जा रहा है। उन्होंने इस सम्बन्ध में लोगों को जागरूक करने की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया। मुख्यमंत्री ने दोनों पक्षों में सहयोग को और मज़बूत बनाने के लिए मंत्री को पंजाब का दौरा करने का न्योता दिया।
‘पंजाब में निवेश के मौके’ सम्बन्धी एक सेमीनार को संबोधन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने व्यापार को बढ़ावा देने के लिए इसको आसान बनाया है। राज्य सरकार की तरफ से सस्ती बिजली देने के अलावा एकल खिडक़ी स्वीकृति उपलब्ध करवाई जा रही है। राज्य में संचार और ट्रांसपोर्ट का बहुत ज़्यादा बढिय़ा प्रबंध है। यह सेमीनार इजराइल -एशियन चेंबर ऑफ कॉमर्स के सहयोग से भारतीय दूतावास की तरफ से तल अवीव में आयोजित करवाया गया।
पिछले 40 सालों से भारत को अनाज सुरक्षा में आत्मनिर्भर बनाने के लिए पंजाब की भूमिका का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी का स्तर नीचे जाने से राज्य की कृषि को अब चुनौतियां पेश हैं । उन्होंने राज्य में फ़सलीय विभिन्नता पर ज़ोर दिया और राज्य को गेहूँ और धान के फ़सलीय चक्कर में से निकालने की बात दोहराई। उन्होंने कहा कि इजराइल की बूंद सिंचाई प्रौद्यौगिकी बहुत बढिय़ा है और पंजाब इसको अपना सकता है।
मुख्यमंत्री ने पंजाब में उद्योगीकरन के मुद्दे को ज़ोर शोर से रखा जिसको 1947 के बटवारे के दौरान बड़ा नुक्सान पहुंचा और इसके बाद 1966 में भी इसको इस क्षेत्र में नुक्सान उठाना पड़ा । उन्होंने कहा कि उद्यमी भावना और मज़बूती के कारण पंजाबी इजराइल और अन्य देशों के निवेश के समर्थन से राज्य की तकदीर बदल सकते हैं।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने 1971 में किये इजराइल के अपने दौरे को भी याद किया जब वह इजराइल के लोगों की भावना से बहुत ज़्यादा प्रभावित हुए थे । उन्होंने उम्मीद प्रकट की कि वह भावना आने वाले महीनों के दौरान पंजाब के साथ सहयोग और हिस्सेदारी में वृद्धि से रूपमान होगी।
इस सेमीनार में उपस्थित इजराइल के प्रसिद्ध उद्योगपतियों में सोलव सोलर एनर्जी के सी.ई.ओ ड्रोर ग्रीन, इजराइल -भारत चेंबर ऑफ कॉमर्स के चेयरमैन अनत बर्नस्टीन-रीच, वीबाये के सी.ई.ओ एमिल गुबरमैन, बायोफीड के सी.ई.ओ निमरोद इजराइली, ए.एम.एस टैक्नोलोजीज़ के सी.ई.ओ गिल मीरोविच, मैनेजर आर्थिक मंत्रालय, इजराइल सरकार सागी इच्चर तक और नानदानजैन के डायरैक्टर अमनोन ओफेन शामिल थे ।