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एस्ट्रोलॉजी

21 जनवरी सोमवार को लगेगा 2019 का प्रथम चंद्रग्रहण, भारत में नहीं दिखेगा।

January 19, 2019 06:59 PM

मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्।

इस साल कुल 5 ग्रहण लगेंगे जिनमें 3 सूर्य और 2 चंद्र ग्रहण हैं। सूर्य ग्रहण - 5/6 जनवरी , चंद्र ग्रहण- 21 जनवरी , सूर्य ग्रहण- 2/3 जुलाई, चंद्र ग्रहण- 16/17 जुलाई तथा सूर्य ग्रहण-26 दिसंबर। भारत में केवल अंतिम दो ग्रहण ही दिखेंगे। पहला सूर्य ग्रहण 6 जनवरी को लगा था और भारत में नहीं दिखा था। सोमवार का चंद्र ग्रहण पौष पूर्णिमा पर है।यों तो यदि ग्रहण न दिखना हो तो उसके सूतक का विचार नहीं किया जाता, फिर भी अपने अपने विश्वास एवं आस्थानुसार आप दानादि कर सकते हैं।साल 2019 का पहला चंद्र ग्रहण 21 जनवरी को ही लगने वाला है, वैज्ञानिक इसे सुपर ब्लड वूल्फ मून कानाम दे रहे हैं। इस दिन आसमान में खगोलीय घटना का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा।हालांकि यह भारतमें दिखाई नहीं देगा, केवल अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी-दक्षिणी अमेरिका और मध्य प्रशांत में दिखाई देगा।इसकी समयावधि सुबह 09:03:54 से 12:20:39 तक बजे तक रहेगी।

इस खग्रास चन्द्र ग्रहण 21 जनवरी की सुबह तक रहेगा। यह ग्रहण भारत मे दृश्य नही होगा, इसलिए इसका कोई धार्मिक महत्त्व नहीं होगा। फिर भी ग्रह नक्षत्रीय प्रभाव हुए बिना नहीं रहेगा।

साल 2019 का पहला चंद्र ग्रहण 21 जनवरी को ही लगने वाला है, वैज्ञानिक इसे सुपर ब्लड वूल्फ मून का नाम दे रहे हैं, इस दिन आसमान में खगोलीय घटना का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा।हालांकि यह भारतमें दिखाई नहीं देगा, केवल अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी-दक्षिणी अमेरिका और मध्य प्रशांत में दिखाई देगा। इसकी समयावधि सुबह 09:03:54 से 12:20:39 तक बजे तक रहेगी।

 सूतक

भारतीय समयानुसार ये चंद्रग्रहण सुबह 10.11 बजे से शुरू होगा और तकरीबन 1 घंटा यानि 11.12 बजे तक रहेगा। सूतक 20 जनवरी की रात 9 बजे से ही शुरू हो जाएगा।

चंद्र ग्रहण के दौरान सूरज और चांद के बीच धरती यानी पृथ्वी आ जाती हैउस स्थिति में सूर्य एक तरफ,चंद्रमा दूसरी तरफ और पृथ्वी बीच में होती है।जब चंद्रमा धरती की छाया से निकलता है तो चंद्र ग्रहण पड़ताहै, जैसे-जैसे चांद पृथ्वी के करीब पहुंचता है उसका रंग और भी चमकीला और गहरा हो जाता है और तांबे के रंग जैसे भूरा लाल दिखनलगता है। इसी अवस्था को ब्लड मून भी कहा जाता है।चंद्र ग्रहण में चंद्रमा आम दिनों के मुकाबले 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत से अधिक चमकीला यानी चमकदार होता है।ऐसी अवस्था में चंद्रमा का रंग सुर्ख लाल (गहरा भूरा) हो जाता है। रात के अंधेरे में इसका दुर्लभ नजारा बेहद अद्भुत होता है इसलिए इसे ब्लड मून भी कहा जाता है वैज्ञानिकों का मानना है कि इस दौरान सूरज की रोशनी पृथ्वी से होकर चंद्रमा पर पड़ती है, इसी छाए से चांद का रंग भी ग्रहण के दौरान बदल जाता है। मान्यता है कि चन्द्र ग्रहण के बाद स्नान और दान करना बहुत अच्छा होता है। इसलिए गेहूं, धान, चना, मसूर दाल, गुड़, चावल, काला कम्बल, सफेद-गुलाबी वस्त्र, चूड़ा, चीनी, चांदी-स्टील की कटोरी में खीर दान से खास लाभ मिलेगा।

विभिन्न राशियों पर इसका प्रभाव:

मेष:- भाग्य वृद्धि, पराक्रम, वृद्धि, खर्च वृद्धि, पेशाब की समस्या, वाहन की क्षति।

वृष :- पेट की समस्या, परिश्रम में अवरोध, पराक्रम व धन वृद्धि, भाई से कष्ट।

मिथुन:-वाणी में तीव्रता, आन्तरिक शत्रु एवं रोग, सीने की तकलीफ, दाम्पत्य से कष्ट।

कर्क :-कन्धे एवं कमर का दर्द, विद्या वृद्धि, मनोबल कमजोर भाग्य वृद्धि, मन अशांत।

सिंह :- गृह एवं वाहन सुख वृद्धि,बुद्धि एवं धन वृद्धि, वाणी में तीव्रता, पैर में चोट या दर्द।

कन्या :- सीने की तकलीफ, आंतरिक डर, अध्ययन में अवरोध, दाम्पत्य में तनाव

आय में वृद्धि।

तुला :- धन, पराक्रम और सीने की तकलीफ में वृद्धि, शत्रु विजय परिश्रम में अवरोध।

वृश्चिक :-धन, बुद्धि एवं विद्या वृद्धि , वाणी में तीव्रता,पराक्रम में वृद्धि, भाग्य वृद्धि।

धनु :- दाम्पत्य में तनाव या अवरोध, पेट व पैर की समस्या, क्रोध में वृद्धि, मानसिक पीड़ा, आंतरिक शत्रुओं में वृद्धि।

मकर :- दाम्पत्य में तनाव, खर्च वृद्धि, मन अशान्त, पैर में कष्ट, कन्धे या कमर के दर्द।

कुम्भ :- आय में वृद्धि, सम्मान में वृद्धि, विद्याध्ययन में अवरोध, वाणी तीव्र, रोग एवं शत्रु का समन।

मीन :- क्रोध में वृद्धि, सम्मान एवं परिश्रम में अवरोध, आय में वृद्धि, मन अशांत।

चंद्रग्रहण के समय क्या करें?

चंद्र देव की आराधना करना चाहिए। चंद्र मंत्र 'ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृत तत्वाय धीमहि तन्नो चन्द्रः प्रचोदयात्' का जप करें।

चंद्रग्रहण समाप्त होने के बाद घर में शुद्धता के लिए गंगाजल का छिड़काव करें।

स्नान के बाद भगवान की मूर्तियों को स्नान कराएं और उनकी पूजा करें।

चंद्रग्रहण के बाद जरूरतमंद व्यक्ति और ब्राह्मणों को अनाज का दान करें।

क्या न करें

गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण में घर से बाहर न निकलें। दरअसल माना जाता है कि ग्रहण के दौरान वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो रहा होता है इसलिए उन्हें घर से बाहर न निकलने की सलाह दी जाती है।

किसी भी प्रकार के शुभ कार्य ग्रहण के दिन न करें।

अपने मन में दुर्विचारों को न पनपने दें।

ग्रहण के बाद पहले से बना हुआ भोजन न करें। ताजा बनाएं और उसका इस्तेमाल करें।

खास उपाय

जिन जातकों की कुंडली में मांगलिक दोष है, वे इसके निवारण के लिए चंद्रग्रहण के दिन सुंदरकांड का पाठ करें तो इसके सकारात्मक परिणाम मिलेंगें।

जिन जातकों की कुंडली में शनि की साढ़े साती या ढईया का प्रभाव चल रहा है, वे शनि मंत्र का जाप करें एवं हनुमान चालीसा का पाठ भी अवश्य करें।

ग्रहों का अशुभ फल समाप्त करने और विशेष मंत्र सिद्धि के लिए इस दिन नवग्रह, गायत्री एवं महामृत्युंजय आदि शुभ मंत्रों का जाप करें। दुर्गा चालीसा, विष्णु सहस्त्रनाम, श्रीमदभागवत गीता, गजेंद्र मोक्ष आदि का पाठ भी कर सकते हैं।

 
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