ENGLISH HINDI Tuesday, July 01, 2025
Follow us on
 
ताज़ा ख़बरें
एस्ट्रोलॉजी

मलमास के कारण 13 दिसंबर ,2019 से 22 जनवरी 2020 के मध्य विवाह के मुहूर्त नहीं

December 10, 2019 09:30 AM

मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्, चंडीगढ़। मो- 98156-19620

  13 दिसंबर से मलमास यानी खरमास शुरू होने जा रहा है जो 14 जनवरी 2020 को समाप्त होगा. मलमास के दौरान शादी-ब्याह, गृह प्रवेश, नए कारोबार का शुभारंभ, मुंडन जैसे धार्मिक संस्कार वर्जित माने जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, विवाह के लिए बृहस्पति की स्थिति का मजबूत होना बेहद जरूरी माना जाता है, लेकिन जब सूर्य मीन या धनु राशि में चला जाता है तो इसकी स्थिति कमजोर हो जाती है. ऐसे में शादी-ब्याह जैसे मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है.

मलमास को मलिन मास भी कहा जाता है और मलिन मास होने के कारण ही इसे मलमास या अधिक मास कहा जाता है. हिंदू धर्म में मलमास के दौरान सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों जैसे नामकरण, यज्ञोपवीत, विवाह और कोई भी धार्मिक संस्कार को करना अशुभ माना जाता है.

मलमास से जुड़ी पौराणिक मान्यता के अनुसार, हर राशि, नक्षत्र, करण और बारह मासों का कोई न कोई स्वामी है, लेकिन मलमास का कोई स्वामी नहीं है. इस महीने का कोई स्वामी नहीं है, इसलिए इसे अधिक मास या मलमास कहा जाता है. यही वजह है कि इस महीने मांगलिक कार्य, देव कार्य और पितृ कार्य वर्जित माने जाते हैं.

इस महीने भले ही मांगलिक कार्यों को करना वर्जित होता है, लेकिन इस महीने में जप, तप, तीर्थ यात्रा करने का विशेष महत्व बताया जाता है. मलमास में भागवत कथा सुनने और दान-पुण्य करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. 

मलमास 14 जनवरी तक रहेगा। 22 जनवरी तक विवाह के मुहूर्त नहीं होने के कारण 23 जनवरी से वैवाहिक आयोजनों का सिलसिला पुनः शुरू होगा।

2020 में मार्च तक विवाह के निम्न शुभ मुहूर्तो में आप सुविधानुसार चयन कर सकते हैं।

जनवरी में 23, 25, 26, 27, 28, 29।

फरवरी में 6, 7, 8, 12, 17, 18, 19, 20, 22, 23, 24, 25।

मार्च में 5, 6, 7, 11, 12 को विवाह के दिन है।

15 मार्च से वैवाहिक आयोजन पर फिर ज्योतिषीय प्रतिबंध लग जाएगा।

-मदन गुप्ता सपाटू, 196 सैक्टर 20ए चंडीगढ़

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें
 
और एस्ट्रोलॉजी ख़बरें
ज्योतिष सम्मेलन में कुंडली दिखाने उमड़े लोग, प्रख्यात ज्योतिषाचार्य नवदीप मदान सम्मनित नामवर ज्योतिष सम्राट नवदीप मदान का सम्मान वास्तु विशेषज्ञ परामर्श के बिना भी अपने घर या कार्यक्षेत्र में कर सकते हैं वास्तु के कुछ खास बदलाव वास्तु के अभाव का प्रभाव हरमिटेज सेंट्रल के ज्योतिष शिविर में सैकड़ों ने दिखाई कुंडली करवा चौथ पर विशिष्ट संयोग,निसंकोच रखें व्रत, करें शुक्रास्त पर भी उद्यापन! हिन्दू त्योहार दो- दो दिन क्यों बताए जाते हैं ? इस वर्ष रक्षा बंधन, किस दिन मनाएं ? श्रावण मास में सोमवार व्रत का अत्यधिक महत्व : स्वामी सुन्दर लाल भार्गव कैसे सुहाना और सुनहरा है सावन...बता रहे हैं जाने माने ज्योतिषी पंडित सुन्दर लाल भार्गव