मदन गुप्ता सपाटू,ज्योतिर्विद्,
11- 12अगस्त को कब बांधें राखी ? शुभ समय - 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 38 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 6 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक अमृत काल - दिन में दोपहर 2 बजकर 09 मिनट से 3 बजकर 47 मिनट तक -शाम- 5 बजकर 20 मिनट से लेकर 6 बजकर 20 मिनट तक. - रात्रि- 20ः53 से 21ः50 तक
12 अगस्त को कब बांधें राखी?
- यदि संभव हो तो सुबह 7 बजे से पहले वरना 11 अगस्त की रात्रि तक रक्षा बंधन का त्योहार मना लें।
राखी बांधने की शास्त्रीय विधि
राखी बंधवाने के लिए भाई को हमेशा पूर्व दिशा और बहन को पश्चिम दिशा की ओर मुख करना चाहिए। ऐसा करने से आपकी राखी को देवताओं का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा।
राखी बंधवाते समय भाइयों को सिर पर रुमाल या कोई स्वच्छ वस्त्र होना चाहिए।
बहन भाई की दाहिने हाथ की कलाई पर राखी बांधे और फिर चंदन व रोली का तिलक लगाएं। तिलक लगाने के बाद अक्षत लगाएं और आशीर्वाद के रूप में भाई के ऊपर कुछ अक्षत छींटें भी दें। इसके बाद दीपक से आरती उतारकर बहन और भाई एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर मुंह मीठा कराएं। भाई वस्त्र, आभूषण, धन या और कुछ उपहार देकर बहन के सुखी जीवन की कामना करें।
रक्षा बंधन राखी बांधने का मंत्र :-
येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल: तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:।
रक्षा बंधन सिंदूर, रोली चंदन लगाने का मंत्र :-
“सिन्दूरं सौभाग्य वर्धनम, पवित्रम् पाप नाशनम्। आपदं हरते नित्यं, लक्ष्मीस्तिष्ठति सर्वदा॥
इस विधि से बांधे राखी
बहनें भाई को लाल रोली या केसर या कुमकुम से तिलक करें , ज्योति से आरती उतारते हुए उसकी दीर्घायु की कामना करे और मिठाई खिलाए। और राखी बांधते हुए ईश्वर से उसकी लंबी आयु की और रक्षा की कामना करें भाई उपहार स्वरुप बहन को शगुन या उपहार अवश्य दे। पुलिस, सैनिक बल तथा सैनिकों को भी रक्षार्थ राखी बांधी जाती है।
पुरोहित अपने जजमानों के रक्षा सूत्र बांधते हैं और उनके पालन पोषण का वचन लेते हैं। पुरोहित वर्ग को कलाई पर रक्षासूत्र की मौली के तीन लपेटे देते हुए इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए-
! येन वद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः!
तेन त्वामबुध्नामि रक्षे मा चल मा चल !!
गृह सुरक्षा हेतु करें उपाय
वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि मौली को गंगा जल से पवित्र करके गायत्री मंत्र की एक माला करके अपने प्रवेश द्वार पर तीन गांठों सहित बांधें तो घर की सुरक्षा पुख़्ता हो जाती है और चोरी, दरिद्रता तथा अन्य अनिष्ट से बचाव रहता है।
रुठे भाई को मनाने के लिए
यदि आपका भाई किसी कारणवष रुष्ट है तो शुभ मुहूर्त पर एक पीढ़ी पर साफ लाल कपड़ा बिछाएं। भ्राता श्री की फोटो रखें। एक लाल वस्त्र में सवा किलो जौ, 125 ग्राम चने की दाल, 21 बताशे, 21 हरी इलायची, 21 हरी किशमिश,125 ग्राम मिश्री, 5 कपूर की टिक्कियां ,11 रुपये के सिक्के रखें और पोटली बांध लें । मन ही मन भाई की दीर्घायु की प्रार्थना करते तथा मन मुटाव समाप्त हो जाने कामना करते हुए पोटली को 11 बार फोटो पर उल्टा घुमाते हुए, पोटली को शिव मंदिर में रख आएं। भाई दूज पर आपका भाई स्वयं टीका लगाने आ जाएगा।
कौन से रंग का तिलक और राखी हो अपने भ्राता श्री के लिए ?
मानवीय जीवन में रंगों का विशेष महत्व होता है। आज ही रंगों का चुनाव कर लें बांधने और बंधवाने वाले भाई- बहन ।
भाई की चंद्र राशि के अनुसार रक्षा क्वच बांधें ।
मेष राशिः मंगल कामना करते हुए कुमकुम का तिलक लगाएं और लाल रंग की डोरी बांधें।संपूर्ण वर्ष स्वस्थ रहेंगे।
बृषभः सिर पर सफेद रुमाल रखें और चांदी की या सिलवर रंग की राखी बांधें।रोली में अक्षत मिला लें । मन शांत और प्रसन्न रहेगा।
मिथुनःहरे वस्त्र से भाई का सिर ढांकें, हरे घागे या हरे रंग की राखी आत्मविश्वास उत्पन्न करेगी।
कर्कःचंद्रमा जैसे रंग अर्थात सफेद, क्रीम धागों से बनी मोतियों वाली राखी भइया का मन सदा शांत रखेंगी।
सिंहः गोल्डन रंग या पीली, नारंगी राखी और माथे पर सिंदूर या केसर का तिलक आपके भाई का भाग्यवर्द्धन करेगा।
कन्याः हरा या चांदी जैसा धागा या रक्षासूत्र करेगा भाई की जीवन रक्षा।
तुलाः शुक्र का रंग फिरोज़ी, सफेद, क्रीम का प्रयोग रुमाल, राखी और तिलक में प्रयोग करें, जीवन में सुख समृद्धि बढ़ेगी।
बृश्चिकः यदि भाई इस राशि के हैं तो चुनिये लाल गुलाबी और चमकीली राखी या धागा और खिलाएं लाल मिठाई।
धनुः गुरु का पीताम्बरी रंग भाई की पढ़ाई में लगाएगा चार चांद। बांधिए उन्हें पीली रेशमी डोरी ।
मकरः ग्रे या नेवी ब्लू रुमाल से सिर ढकें , नीले रंग के मोतियों वाली राखी बचाएगी बुरी नजर से।
कुंभः आस्मानी या नीले रंग की डोरी से बनी राखी या डोरी भाग्यशाली रहेगी।
मीनः हल्दी का तिलक , लाल ,पीली या संतरी रंग की राखी या धागा शुभता लाएगा।
आप भी अपनी बहन को राखी के अवसर पर कुछ उपहार देना चाह रहे हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि उपहार आपकी बहनों के लिए शुभ और लाभप्रद रहे ना कि अशुभ फलदायी।
ऐसे गिफ्ट होते हैं अशुभ
ज्योतिषशास्त्र और वास्तुविज्ञान के अनुसार, बहनों को किसी भी परिस्थिति में नुकीली या काटने की वस्तुएं जैसे मिक्सी, चाकू का सेट, आइना, फोटो फ्रेम्स आदि। इसके साथ ही रुमाल और तौलिया भी बहनों को बतौर गिफ्ट नहीं देना चाहिए। इन्हें भी अशुभ माना जाता है।
ऐसा गिफ्ट होगा बहनों के लिए शुभ और लाभदायी
रक्षाबंधन पर बहन को रक्षा के संकल्प के साथ भाई को बहन के भविष्य की सुरक्षा को ध्यान में रखकर उपहार का चयन करना चाहिए। वैसे तीन तरह के उपहार जो बहनों के लिए सबसे शुभ माने जाते हैं वह हैं वस्त्र, गहने, पुस्तकें, मिठाइयां, मीठी वाणी, सोने-चांदी के सिक्के, ज्योतिषशास्त्र में बहनों का कारक बुध ग्रह को माना गया है इसलिए बुध से संबंधित चीजें जैसे हरे वस्त्र, शिक्षा सामग्री, नकदी, चेक, बॉड दे सकते हैं ।
मां लक्ष्मी होती हैं प्रसन्न
एक ओर जहां रुमाल और तौलिया उपहार देना बहनों के लिए अशुभ होता है वहीं उसे पहनने के लिए वस्त्र देना शुभ माना गया है। इसकी वजह यह है कि स्त्रियों में देवी लक्ष्मी का वास माना गया है। विवाहित कन्याओं को गृहलक्ष्मी भी कहा गया है। इसलिए शास्त्रों का मत है कि भाई यदि बहनों को वस्त्र उपहार देते हैं तो उन्हें देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पुराणों तथा आधुनिक युग में रक्षा सूत्र
इंद्र की पत्नी ने इंद्र को ही राखी बांधी थी। यम को उनकी बहन यमुना ने । लक्ष्मी जी ने राजा बली को। द्रौपदी ने कृष्ण के हाथ में चोट लगने पर ं साड़ी का पल्लू बांधा था और इस पर्व पर वचन लिया।चीरहरण के समय भगवान कृष्ण ने द्रौपदी की रक्षा की । चित्तौड़ की महारानी करमावती ने हुमायूं को चांदी की राखी भेजी थी। सिकंदर को राजा पुरु की पत्नी ने राखी बांधी थी।सामाजिक संस्थाओं से संबद्ध महिलाएं , पुलिस कर्मियों, सैनिकों ,जवानों और राजनेताओं को आधुनिक युग में बांध रही हैं।
राखी इलैक्ट्र्ानिक हो या डिजाइनर ,या ई मेल हो या डाक द्वारा भेजे गए चार धागे..... मुख्य बात है उसके पीछे परस्पर विश्वास, दायित्व ,कर्तव्य, निष्ठा और स्नेह। इसी प्रकार भाई अपनी बहन को राखी के फलस्वरुप क्या उपहार देता है महत्वपूर्ण है रक्षासूत्र की भावना और उसकी लाज।
इतिहास साक्षी है कि भ्रातृ विरोध ने ही देश को विदेशियों के हाथ सौंप दिया। भक्त प्रहलाद, भक्त ध्रुव की रक्षा के लिए भगवान ने क्या कुछ नहीं किया ! उसी तरह रक्षा सूत्र के बंधन की मर्यादा का निर्वाह करना चाहिए तभी यह परंपरा सार्थक सिद्ध होगी।
- मदन गुप्ता सपाटू,ज्योतिर्विद्, - 458,सैक्टर10,पंचकूला, मो-9815619620