ENGLISH HINDI Sunday, May 25, 2025
Follow us on
 
ताज़ा ख़बरें
बागेश्वर धाम के आगमन पर पंचकुला में निकाली सबसे बड़ी कलश यात्रामदर्स डे: अनीता मिड्डा, शैली तनेजा और पायल को मिला विशेष सम्मानजी.वी एंटरटेनमेंट ने मनाया मदर्स डे, मदर्स डे किरण जीत कौर जंडू और स्वीट निवेदिता मदर्स डे क्वीन विजेता घोषितभारतीय स्टेट बैंक द्वारा सीआईएसएफ यूनिट एएसजी चंडीगढ़ के संरक्षिका सेंटर को 4,97,000 रुपये का दान दियाश्री हनुमंत कथा में देश भर से कई राजपाल, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री व धर्माचार्य पधारेंगे : तरुण भंडारीश्री हनुमंत कथा के लिए पासेज अथवा प्रवेश हेतु कोई शुल्क नहीं रखा : मुकेश सिंगला..जब कछुए नाचते हैं, तो धरती मुस्कुराती हैबलबीर सिंह सिद्धू ने प्रतिभाशाली छात्र सजल सिंगला को किया सम्मानित
कविताएँ

शिव पराकाष्ठा हैं

February 15, 2023 11:19 AM

शिव पराकाष्ठा हैं।

राग की, वैराग्य की।
स्थिरता की, दृढ़ता की।
ध्यान की, विज्ञान की।
ज्ञान के प्रकाश की।।
वे समेटे हैं।
प्रेम को, क्रोध को।
शांति को, भ्रांति को।
त्याग को, विश्वास को।
भक्ति को, शक्ति को।।
शिव स्त्रोत हैं।
प्राण का, प्रमाण का।
धर्म का, कर्म का।
आचार का, विचार का ।
अंधकार के विनाश का।।
उनमे समाए हैं।
गीत भी, संगीत भी।
विष भी, अमृत भी।
समय भी, विनय भी।
आरम्भ भी अंत भी।।
लोग कहते है, शिव संहारक हैं,
वो संहार करते हैं,अंत करते हैं।
परंतु वह भूल जाते हैं कि
शंकर अंत करके एक नई शुरुआत का आरम्भ करते हैं।
वे सृजन भी करते हैं, संहार भी करते हैं।
ज़रूरत पड़ने पर चमत्कार भी करते हैं।
शिव ब्रह्मा भी हैं वेद भी।
जीवन का हैं भेद भी ।
शिव नारी भी हैं, पुरुष भी।
माया भी हैं, मोक्ष भी।।
वो निर्गुण भी हैं, सगुण भी।
सात्विक भी है, तामसिक भी।
ध्वनी भी हैं, दृष्टि भी।
श्वास भी हैं, मुक्ति भी।।
वो साधन भी हैं साधना भी।
चिंता भी हैं, और चिंतन भी।
वो अंदर भी हैं, बाहर भी।
और मुझ में भी हैं, तुझ में भी।।

— मेधावी महेंद्र

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें