ENGLISH HINDI Sunday, December 22, 2024
Follow us on
 
ताज़ा ख़बरें
चेयरमैन इलेवन की टीम ने डायरेक्टर इलेवन की टीम को पराजित कर ट्रॉफी जीती मुख्यमंत्री ने नालागढ़ विस क्षेत्र को 31 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की दी सौगात"आसमां से आया फ़रिश्ता", में मोहम्मद रफी को याद किया गयानकली सोने को असली बताकर लोन दिलवाने वाला गोल्ड वांटेड मेन दिल्ली एयरपोर्ट से पंचकूला की इकनॉमिस्ट विंग ने किया गिरफ्तारआबकारी विभाग द्वारा अवैध शराब पर बड़ी कार्रवाईएकतरफा एवं भ्रष्ट सिस्टम ने अतुल सुभाष जैसे होनहार सॉफ्टवेयर इंजीनियर की जान ले लीबीसीसीआई मैन्स अंडर -23 वनडे टूर्नामेंट के लिये चंडीगढ़ टीम रवानामोबाइल उपयोगकर्ताओं के लिए उपभोक्ता जागरूकता कार्यक्रम
कविताएँ

कितनी बुरी होती है.......

May 08, 2022 10:46 AM

कितनी बुरी होती है
वो नज़र
जो माँ के लाडले को
अपनों के प्रेम से निहारने से अचानक
लग जाती है
और
नमक या राई वारने से,
सात लाल मिर्च जलाने से
उतर भी जाती है।

कितनी हैरान होती है
विध माता भी
जब माँ
छठी रात को
अपने लाडले का
श्रेष्ठ भाग्य लिखने की
ज़िद करती है

कितनी स्वार्थी है माँ
जब दुःखों को
खुद पर लेकर
सुख की दुआएं देती है
सारी अलाएँ-बलाएँ
दो मुठियों में जकड़ कर
दूर झड़क देती है।

माँ फूंक मार कर
कर देती है ठीक
हर चोट का दर्द,
हथेलियां रगड़ कर
लाल दुखती आँख को
कर देती है तुरंत ठीक।

माँ कितनी बड़ी झूठी है
दर्द छुपा कर
खुद से अलग करके
भेज देती है कमाने परदेस बच्चों को
जबकि उसकी भूख
केवल बच्चे को सुकून से
भरपेट खिलाने में है
थपकी देकर सुलाने में है
डाँट कर सुबह उठाने में है।

माँ कितनी बड़ी ड्रामेबाज है
गुस्से का नाटक करती है,
हँसने के मौकों पर भी
पल्लू भिगोती है।

माँ बेमकसद रोती है
बेवजह झगड़ती है
बेइंतहा चिल्लाती है
कितनी बक बक करती है।

अंत में
जब बच्चों को अपनी बचपन की फ़ोटो
उसकी आखिरी सांस के बाद
उसके तकिये के नीचे मिलता है
तो उन्हें समझ आता है
माँ का होना क्या होता है
माँ का न होना क्या होता है!!!

- मीनाक्षी आहूजा

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें