ENGLISH HINDI Wednesday, March 26, 2025
Follow us on
 
ताज़ा ख़बरें
नपुंसकता एवं बाँझपन का सबसे बड़ा कारण बनी आधुनिक जीवनशैली : डा. ऋषिकेश पाईवॉर ऑन ड्रग्स: नशे के खिलाफ अभियान में समाज का अहम योगदान: डीआईजीआश्चर्यजनक किन्तु सत्य : दो साल से फुटपाथ पर गिरी हुई होने के बावजूद ट्रैफिक लाइट निभा रही है अपना फर्ज !चंडीगढ़-मोहाली में निकली श्री साईं पालकी शोभायात्रा, 59 भक्तों के घर पहुंचे साईं बाबा, 160 घरों में गई बाबा की धूनीनयागांव में पूर्व सरपंच की जद्दी प्रॉपर्टी को सरकारी सम्पति करार देते हुए नोटिस लगायाऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री शुभ फुलडोल उत्सव में पहुंचे, महंत स्वामी महाराज का किया स्वागतपंचकूला में वृंदावन का नजारा, हजारों परिवार डूबे भक्ति एवं आनंद के सागर मेंसुजानपुर होली मेला हर्षोल्लास के साथ आरम्भ मुख्यमंत्री ने शोभायात्रा में भाग लिया
कविताएँ

शिव पराकाष्ठा हैं

February 15, 2023 11:19 AM

शिव पराकाष्ठा हैं।

राग की, वैराग्य की।
स्थिरता की, दृढ़ता की।
ध्यान की, विज्ञान की।
ज्ञान के प्रकाश की।।
वे समेटे हैं।
प्रेम को, क्रोध को।
शांति को, भ्रांति को।
त्याग को, विश्वास को।
भक्ति को, शक्ति को।।
शिव स्त्रोत हैं।
प्राण का, प्रमाण का।
धर्म का, कर्म का।
आचार का, विचार का ।
अंधकार के विनाश का।।
उनमे समाए हैं।
गीत भी, संगीत भी।
विष भी, अमृत भी।
समय भी, विनय भी।
आरम्भ भी अंत भी।।
लोग कहते है, शिव संहारक हैं,
वो संहार करते हैं,अंत करते हैं।
परंतु वह भूल जाते हैं कि
शंकर अंत करके एक नई शुरुआत का आरम्भ करते हैं।
वे सृजन भी करते हैं, संहार भी करते हैं।
ज़रूरत पड़ने पर चमत्कार भी करते हैं।
शिव ब्रह्मा भी हैं वेद भी।
जीवन का हैं भेद भी ।
शिव नारी भी हैं, पुरुष भी।
माया भी हैं, मोक्ष भी।।
वो निर्गुण भी हैं, सगुण भी।
सात्विक भी है, तामसिक भी।
ध्वनी भी हैं, दृष्टि भी।
श्वास भी हैं, मुक्ति भी।।
वो साधन भी हैं साधना भी।
चिंता भी हैं, और चिंतन भी।
वो अंदर भी हैं, बाहर भी।
और मुझ में भी हैं, तुझ में भी।।

— मेधावी महेंद्र

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें