ENGLISH HINDI Saturday, April 19, 2025
Follow us on
 
ताज़ा ख़बरें
जवान सीमाओं की सुरक्षा अपने जीवन का स्वर्ण काल देकर करते हैं: गृह मंत्री अमित शाहअग्रोहाधाम के प्राचीन टीले की खुदाई का कार्य का जायजा लेने पहुंचे राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल शरण गर्गराकेश शर्मा भाजपा के शहीद भगत सिंह जिले के सचिव नियुक्तपूरब प्रीमियम अपार्टमेंट्स टाउनशिप, मोहाली में लिफ्ट गिरने से महिला हुई गंभीर चोटिलगवर्नमेंट कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के वित्तीय साक्षरता क्लब ने फिनक्विज 2025 का किया आयोजन विश्व की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग , जिसमें पूरे देश से 850 से अधिक टीमों के 11500 युवाओं ने भाग लिया मोहिनी दीदी बनीं ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान की मुख्य प्रशासिका48वीं अखिल भारतीय शहीद भगत सिंह ट्रॉफी : 14 अप्रैल को क्रिकेट मैच टीडीएल स्टेडियम, पंचकूला और बाबा बालक नाथ क्रिकेट ग्राउंड, कैंबवाला, चंडीगढ़ और चंडीगढ़ ट्राई सिटी ग्राउंड में होंगे
कविताएँ

शिव पराकाष्ठा हैं

February 15, 2023 11:19 AM

शिव पराकाष्ठा हैं।

राग की, वैराग्य की।
स्थिरता की, दृढ़ता की।
ध्यान की, विज्ञान की।
ज्ञान के प्रकाश की।।
वे समेटे हैं।
प्रेम को, क्रोध को।
शांति को, भ्रांति को।
त्याग को, विश्वास को।
भक्ति को, शक्ति को।।
शिव स्त्रोत हैं।
प्राण का, प्रमाण का।
धर्म का, कर्म का।
आचार का, विचार का ।
अंधकार के विनाश का।।
उनमे समाए हैं।
गीत भी, संगीत भी।
विष भी, अमृत भी।
समय भी, विनय भी।
आरम्भ भी अंत भी।।
लोग कहते है, शिव संहारक हैं,
वो संहार करते हैं,अंत करते हैं।
परंतु वह भूल जाते हैं कि
शंकर अंत करके एक नई शुरुआत का आरम्भ करते हैं।
वे सृजन भी करते हैं, संहार भी करते हैं।
ज़रूरत पड़ने पर चमत्कार भी करते हैं।
शिव ब्रह्मा भी हैं वेद भी।
जीवन का हैं भेद भी ।
शिव नारी भी हैं, पुरुष भी।
माया भी हैं, मोक्ष भी।।
वो निर्गुण भी हैं, सगुण भी।
सात्विक भी है, तामसिक भी।
ध्वनी भी हैं, दृष्टि भी।
श्वास भी हैं, मुक्ति भी।।
वो साधन भी हैं साधना भी।
चिंता भी हैं, और चिंतन भी।
वो अंदर भी हैं, बाहर भी।
और मुझ में भी हैं, तुझ में भी।।

— मेधावी महेंद्र

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें