सदा सफल हो, लक्ष्य तुम्हारा
शुभ दिन ये आशीष हमारा
श्रम का पौधा, कभी न मरता
यदि विश्वास भरा हो, कदम तुम्हारा
सदाचारी सद्-विजयी रहो तुम
बिखराओ ज्ञान की, अविरल धारा
योग्य, नेक, निःस्वार्थ हृदय हो!
निष्ठावान हो, हर कर्म तुम्हारा
स्वप्नों में प्रत्यूष जगाकर
पाओ आलस से छुटकारा
अविचल-अविराम करो परिश्रम
बहुत क़ीमती, समय तुम्हारा
मात-पिता की आशा हो तुम
कृतज्ञ बनो, तुम बनो सहारा
स्नेह-ज्योति से रोशन होकर
बढ़ता रहे, विशुद्ध-विवेक तुम्हारा
श्रेष्ठ शिखर पर पहुँचों ऐसे
जैसे पहुँचे गगन सितारा
करो अंतरिक्ष पर, परचम अपना
मेहनत है, हथियार तुम्हारा
देश-प्रगति में ऊर्जा भर दो
गुणों से अपने ,जीतो जग सारा
धारण करो शौर्य का गहना
वसुधा भी जाने , नाम तुम्हारा
तुमसे रौनक़, विधाँगन की
हाँ ये, हम सबने स्वीकारा
सब न्योछावर तुम पर बच्चों
मंगलमय हो, बालदिवस तुम्हारा
मंगलमय हो बालदिवस तुम्हारा
-सीमा सिंह
कार्मल कॉन्वेंट स्कूल, सेक्टर 9बी, चंडीगढ़