हालांकि 25 अक्टूबर को नव-निर्वाचित विधायकों की शपथ ग्रहण बाद ही मिलेंगे वेतन-भत्ते आदि सुविधाएं, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार चुनाव आयोग द्वारा नव-निर्वाचित विधायकों की नोटिफिकेशन से ही गठित हो जाती है नई विधानसभा, बेशक उसके बाद पहला सत्र कभी भी बुलाया जाए: एडवोकेट हेमंत, विधानसभा का 5 वर्ष का कार्यकाल नए सदन की पहली बुलाई बैठक से ही होता है आरम्भ
फेस2न्यूज/चंडीगढ़
हरियाणा की वर्तमान 15 वीं विधानसभा के गठन के लिए इसी माह 5 अक्टूबर 2024 को मतदान हुआ जबकि मतगणना 8 अक्टूबर को हुई और उसी दिन प्रदेश के सभी 90 विधानसभा हलकों के चुनावी नतीजे भी घोषित कर दिए गए. उससे अगले दिन 9 अक्टूबर को भारतीय चुनाव आयोग के प्रधान सचिव एस.बी. जोशी द्वारा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम (आर.पी., एक्ट) 1951 की धारा 73 के अंतर्गत एक गजट नोटिफिकेशन प्रकाशित कर सभी 90 वि.स. सीटों की क्रम संख्या और नाम एवं हर सम्बंधित सीट से रिटर्निंग ऑफिसर (आर.ओ._ द्वारा घोषित निर्वाचित उम्मीदवार का नाम और उसके राजनीतिक दल से सम्बद्धता (या उनके निर्दलीय होने) बारे उल्लेख किया गया.
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट और चुनावी मामलों के जानकार हेमंत कुमार ( 9416887788) ने इस सम्बन्ध में एक रोचक कानूनी जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा की नई 15वीं विधानसभा का गठन हालांकि उपरोक्त चुनाव आयोग की उपरोक्त नोटिफिकेशन अर्थात 9 अक्टूबर से ही हो गया था चाहे नव गठित विधानसभा का पहली सत्र प्रदेश के राज्यपाल द्वारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 174 (1) के अंतर्गत आगामी 25 अक्टूबर से बुलाया जा रहा हो.
उन्होंने बताया कि आज तक इस विषय पर विभिन्न संवैधानिक कोर्ट के निर्णयों से- जिनमे सबसे महत्वपूर्ण जनवरी, 2006 में सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक बेंच का निर्णय- रामेश्वर प्रसाद बनाम भारत सरकार भी शामिल है, जो बिहार विधानसभा के समयपूर्व भंग होने के विषय संबंधित है, के अनुसार भी चुनाव आयोग द्वारा जारी नव निर्वाचित विधायकों के निर्वाचन संबंधी जारी नोटिफिकेशन की तिथि से ही नई विधानसभा का गठन हो जाता है.
विधानसभा के राज्य जन सूचना अधिकारी (एसपीआईओ) द्वारा दिसंबर, 2019 में दिए जवाब में एक पंक्ति में लिख कर दिया गया कि विधायकों को वेतन और भत्ते उनके विधानसभा सदस्यता की शपथ लेने के बाद से दिए जाते है एवं ऐसा पूर्व प्रथा अर्थात अब तक चली आ रही परम्परा के अनुसार किया जा रहा है. इससे स्पष्ट है कि आज तक विधायकों को वेतन-भत्ते प्राप्त करने के लिए सदस्यता की शपथ अनिवार्य रूप से लेने सम्बन्धी हरियाणा विधानसभा के किसी अधिनियम या नियम में कोई उल्लेख या प्रावधान नहीं है.
हेमंत ने बताया कि हालांकि संविधान के अनुच्छेद 172 (1 ) के अनुसार राज्य विधानसभा का कार्यकाल हालांकि उसकी आयोजित पहली बैठक से पांच वर्ष तक की अवधि तक के लिए ही होता है मसलन जैसे हरियाणा की ताज़ा गठित 15 वी विधानसभा की पहली बैठक आगामी 25 अक्टूबर 2024 से होगी इसलिए इस विधानसभा का कार्यकाल 24 अक्टूबर 2029 तक का होगा बशर्ते उसे इससे पहले समयपूर्व भंग न कर दिया जाए हालांकि मौजूदा विधानसभा का गठन गत 9 अक्टूबर 2024 को चुनाव आयोग द्वारा नव-निर्वाचित विधायकों की नोटिफिकेशन से हो हो गया था जैसा कि पहले भी उल्लेख किया गया है.
इसी कारण नव निर्वाचित विधायकों को वेतन और भत्ते सदन में विधानसभा सदस्यता की शपथ लेने से नहीं बल्कि उसी दिन से देय हो जाते हैं जिस दिन उनके नामों को चुनाव आयोग द्वारा नोटिफिकेशन जारी कर गजट में प्रकाशित किया दिया जाता है अर्थात हरियाणा के नव निर्वाचित विधायकों को वेतन और भत्ते 9 अक्टूबर 2024 से ही देय बनते है हालांकि हरियाणा विधानसभा द्वारा सभी विधायकों को वेतन और भत्ते उनके द्वारा शपथ लेने से अर्थात 25 अक्टूबर 2024 से ही प्रदान किये जायेंगे.
इस सम्बन्ध में हेमंत ने अक्टूबर 2019 में हरियाणा विधानसभा सचिवालय में आर.टी.आई. याचिका दायर कर जानकारी मांगी थी ऐसा किस अधिनियम (कानून) या नियमों में उल्लिखित है कि विधायकों के शपथ ग्रहण के बाद उन्हें वेतन-भत्ते आदि प्रदान किया जायेंगे.
विधानसभा के राज्य जन सूचना अधिकारी (एसपीआईओ) द्वारा दिसंबर, 2019 में दिए जवाब में एक पंक्ति में लिख कर दिया गया कि विधायकों को वेतन और भत्ते उनके विधानसभा सदस्यता की शपथ लेने के बाद से दिए जाते है एवं ऐसा पूर्व प्रथा अर्थात अब तक चली आ रही परम्परा के अनुसार किया जा रहा है. इससे स्पष्ट है कि आज तक विधायकों को वेतन-भत्ते प्राप्त करने के लिए सदस्यता की शपथ अनिवार्य रूप से लेने सम्बन्धी हरियाणा विधानसभा के किसी अधिनियम या नियम में कोई उल्लेख या प्रावधान नहीं है.