अखिलेश बंसल, बरनाला/अग्रोहा
हरियाणा प्रदेश स्थित अग्रोहा शक्तिपीठ तीर्थ स्थल (अग्रोहा) के प्रांगण में मां कुलदेवी आद्य महालक्ष्मी जी के "18 कुंडीय महायज्ञ" का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें 18 कुंडीय महायज्ञ, महालक्ष्मी अभिषेक, कवि सम्मेलन, अग्रसेन जी मंगलपाठ, भजन संध्या आदि मुख्य कार्यक्रम होंगे। 11 से 15 दिसंबर 2024 तक होने वाले इस पांच दिवसीय महायज्ञ विशेषरूप से हैदराबाद और राजस्थान के प्रकांड विद्वानों द्वारा संपन्न किया जाएगा। यह उत्सव अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन एवं श्री अग्रसेन फाउंडेशन के तत्वावधान में होगा।
इन महान हस्तियों का है मार्गदर्शनः-
गौरतलब हो कि अग्रोहाधाम को विश्वस्तरीय महान हस्तियों का मार्गदर्शन हासिल है, उनमें श्री जगद्गुरु शंक्राचार्य स्वामी वासुदेव सरस्वती जी महाराज, आनंदपीठाधीश्वर श्री श्री 1008 स्वामी बालकानंद गिरी जी महाराज, श्री महामंडलेश्वर स्वामी यतीन्द्र गिरी जी महाराज, बौध गुरु श्री रिनपोचे लामा जी, साध्वी सुश्री समदर्शी गिरी जी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार जी, प्रेम चंद गोयल और उत्तरी क्षेत्रिय संघचालक पवन जिंदल जी, पूर्व राज्यपाल पऱो. गणेशी लाल जी शामिल हैं।
यह होंगे मुख्यातिथि एवं विशेषातिथिः
"18 कुंडीय महायज्ञ" में भाग लेने वाले मुख्यातिथियों में हरियाणा प्रदेश के मुख्यमंत्री नाय़ब सिंह सैनी व कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल, उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता, कैबिनेट मंत्री कपिलदेव गुप्ता, राज्यमंत्री नितिन अग्रवाल, झारखंड के कैबिनेट मंत्री बन्ना गुप्ता, केन्द्रीय मंत्री पियूष गोयल, उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा. हर्ष वंर्धन समेत लोक सभा के कई सासंद भी शामिल हैं।
आध्यात्मिक उन्नति एवं सुख-शांति-समृद्धि की प्राप्ति का प्रतीकः-
अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन एवं श्री अग्रसेन फाउंडेशन के मुख्य अधिकारियों ने बताया कि इस महायज्ञ में भाग लेने अग्ग्रवाल समुदाय से संबंधित भाईचारा देश-विदेश से शिरकत करेगा। पंजाब से भी बड़ी संख्या में भाईचारा पहुंचेगा। महायज्ञ से व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होगी, सुख-शांति-समृद्धि की प्राप्ति होगी। विधी के अनुसार 18 कुंडीय महायज्ञ में व्यक्ति अपनी जीवनसंगनी के संग हिस्सा बनेंगे।
कार्यक्रम की यह होगी रूपरेखाः-
· 11 दिसंबर को यजमानों का दस विधि से शुद्धि स्नान होगा, 1818 महिलाओं द्वारा मंगल कलश यात्रा होगी, यज्ञशाला में कलश स्थापित होगा, मंत्रोच्चारण से अग्नि प्रज्वलित होगी और उसके साथ ही 18 कुंडीय महायज्ञ का शुभारंभ होगा।
· 12 और 13 दिसंबर को 18 कुंडीय महायज्ञ, महालक्ष्मी जी का आध्यात्मिक प्रवचन होगा।
· 13 दिसंबर को एक शाम भगवान अग्रसेन के नाम बैन्नर तले संगीतमय आयोजन होगा, जिसमें व्यासपीठ से पूज्य पंडित वाणीभूषण प्रभुशरण तिवाड़ी मंगलपाठ करेंगे।
· 14 दिसंबर को 18 कुंडीय महायज्ञ, महालक्ष्मी जी का आध्यात्मिक प्रवचन होने के साथ साथ 108 द्रव्यों से श्री महालक्ष्मी जी का अभिषेक होगा, भजन संध्या होगी और समस्त अतिथियों और यजमानों का सम्मान होगा।
· 15 दिसंबर को 18 कुंडीय महायज्ञ एवं पूर्णाहूति होगी, आरती होने के साथ प्रसाद व भोजन वितरण होगा।