अमृतपाल सिंह पर अजनाला थाने में ककारों की बेअदबी की एफआईआर दर्ज है, श्री गुरु ग्रंथ साहिब महाराज जी की हजूरी में खड़े होकर झूठ बोलने वाले को जनता नकारे : वरिन्दर सिंह
फेस2न्यूज /चण्डीगढ़
पिछले दिनों मेला माघी में डिब्रूगढ़ जेल में बंद श्री खडूर साहिब से निर्दलीय जीते सांसद अमृतपाल सिंह को नई गठित पार्टी अकाली दल वारिस पंजाब दे का अध्यक्ष बनाया गया है। इस ऐलान से भड़के श्री चमकौर साहिब के निवासी वरिंदर सिंह ने कड़ा ऐतराज जताया है। वरिंदर सिंह अमृतपाल सिंह के पुराने जानकार हैं।
उन्होंने वीरवार यहाँ चण्डीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में अमृतपाल सिंह को पाखंडी व झूठा करार देते हुए आरोप लगाया कि अमृतपाल सिंह ने आज से लगभग दो साल पहले उन्हें अगवा करवा कर अमृतसर के एक गाँव में अपनी मोटर पर ले जाकर उसके साथ मारपीट की थी व उनके केसों के साथ-साथ ककारों की भी बेअदबी की व गन्दी गाली-गलौच करते हुए उनके परिवार को मारने तक की धमकियाँ भी दी थीं।
वरिंदर सिंह ने बताया कि उन्हें पंजाब सरकार एवं अकाल तख़्त से भी न्याय की उम्मीद थी, परन्तु सब व्यर्थ रहा। उन्होंने जान को खतरा बताते हुए गन लाइसेंस माँगा, परन्तु उसके लिए उन्हें डेढ़ साल तक धक्के खाने पड़े। इसके अलावा पुलिस वालों ने उनका पासपोर्ट भी बिना बात जब्त कर लिया, जिसे पाने के लिए उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका लगाई हुई है। वरिंदर सिंह ने सरकार व प्रशासन से उन्हें समुचित सुरक्षा मुहैया करने की मांग की।
इस मामले में वरिंदर सिंह ने अमृतपाल सिंह पर अजनाला थाने में ककारों की बेअदबी की एफआईआर दर्ज कराई हुई है। अमृतपाल सिंह आम सिखों के साथ कथित तौर पर धर्म की आड़ लेकर गुंडागर्दी और ज्यादतियाँ करता रहता है, परन्तु सब आवाज़ उठाने से डरते हैं। परन्तु उन्होंने उस पर परचा दर्ज करने की हिम्मत दिखाई। वरिंदर सिंह ने बताया कि जब मामला तूल पकड़ने लगा तो अमृत पाल ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब महाराज जी की हजूरी में खड़े होकर बार-बार झूठ तक बोला।
उन्होंने अमृतपाल सिंह और उसके साथियों से पंजाब वासियों और सिखों को सतर्क रहने के लिए चेताया। जो इंसान दुनियाबी तौर पर थोड़ी सी सज़ा से बचने के लिए साहिब श्री गुरु ग्रंथ साहिब महाराज जी की हजूरी में खड़े होकर झूठ बोल सकता है और गुरु ग्रंथ साहिब महाराज जी के पवित्र स्वरूपों को अपने दोषी साथियों को बचाने के लिए ढाल के रूप में इस्तेमाल कर सकता है, ऐसे व्यक्ति से पंजाब के लोगों को भलाई और खुशहाली की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए।
वरिंदर सिंह ने बताया कि उन्हें पंजाब सरकार एवं अकाल तख़्त से भी न्याय की उम्मीद थी, परन्तु सब व्यर्थ रहा। उन्होंने जान को खतरा बताते हुए गन लाइसेंस माँगा, परन्तु उसके लिए उन्हें डेढ़ साल तक धक्के खाने पड़े। इसके अलावा पुलिस वालों ने उनका पासपोर्ट भी बिना बात जब्त कर लिया, जिसे पाने के लिए उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका लगाई हुई है। वरिंदर सिंह ने सरकार व प्रशासन से उन्हें समुचित सुरक्षा मुहैया करने की मांग की।