ENGLISH HINDI Sunday, February 23, 2025
Follow us on
 
ताज़ा ख़बरें
डंकी के जरिए अमेरिका गए डेराबस्सी के युवक की बीच रास्ते में कंबोडिया में बिमारी से हुई मौतओम साईं क्रिकेट अकादमी ने चंडीगढ़ हॉक्स क्रिकेट अकादमी को हराकर 5वें स्वर्गीय पन्ना लाल मेमोरियल अंडर-19 क्रिकेट टूर्नामेंट में अपना लीग मैच जीत लियाठेकेदारों ने माँगा किए गए काम का भुगतान, बदले में मिली सलाखें कुल्लू की वासुकी और किन्नौर जिले की सांगला झील बदलते मौसम, जलवायु परिवर्तन और ग्लेशियरों के पिघलने का नतीजाजल्द आ रही है फिल्म "प्राइड ऑफ इंडिया", ओटीटी पर वेब सिरिज़ "जागो इंडिया" की हुई लॉन्चिंग अबू धाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर की पहली वर्षगांठ पर भव्य उत्सवचण्डीगढ़ नगर निगम के निर्माण कार्यों से जुड़े ठेकेदार निगम कार्यालय के बाहर बैठे धरने परवन विभाग के ब्लॉक अधिकारी पर हमला: 3 के खिलाफ मामला , दो को जेल भेजा, संदिग्ध की तलाश में छापेमारी
कविताएँ

विरह

April 14, 2017 03:58 PM

— शिखा शर्मा
विरह के अश्रु न बरस जाएं कहीं नयनों से
थाम लेना गालों पर गिरने से पहले
भीगी पलकें भी उतार देती है आँखों का काजल
स्याही का अंधेरा न छाए चेहरे पर
बस! इतना ख्याल रखना तुम

सिमट गई हूं तेरे लबों के अल्फाजों तक
लफ्जों को सहेज रखा है दिल की किताब में
पन्ने पलटने से पहले
वादों से न कहीं मुकर जाना
बस! इतना ख्याल रखना तुम

प्रेम रस की मिठास में ऐसे हूं डूबी
तैरती कश्ती भटकती देह लगे
डूबी रहूं तुझ में मग्न होकर
चित उबने पर बीच मझधार मत छोड़ जाना
बस! इतना ख्याल रखना तुम

सोलह श्रृंगार की दीवानी हूं इतनी
बागों की मेहंदी भी फीकी पड़े
हृदय की डाली पर खिला है प्रेम पुष्प
प्रेम का फूल कोई और मेरी डाली से न तोड़े
बस! इतना ख्याल रखना तुम

सांझ-सवेरे सांसे रटती है तेरी नाम की तस्वीह
रेशमी धागे में पिरोया अनमोल मोती जैसा तूं
बांधे रखना इस अटूट बंधन में
डोर टूटने से पहले तेरी बांहों का हार मिले
बस! इतना ख्याल रखना तुम

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें