ENGLISH HINDI Sunday, February 23, 2025
Follow us on
 
ताज़ा ख़बरें
डंकी के जरिए अमेरिका गए डेराबस्सी के युवक की बीच रास्ते में कंबोडिया में बिमारी से हुई मौतओम साईं क्रिकेट अकादमी ने चंडीगढ़ हॉक्स क्रिकेट अकादमी को हराकर 5वें स्वर्गीय पन्ना लाल मेमोरियल अंडर-19 क्रिकेट टूर्नामेंट में अपना लीग मैच जीत लियाठेकेदारों ने माँगा किए गए काम का भुगतान, बदले में मिली सलाखें कुल्लू की वासुकी और किन्नौर जिले की सांगला झील बदलते मौसम, जलवायु परिवर्तन और ग्लेशियरों के पिघलने का नतीजाजल्द आ रही है फिल्म "प्राइड ऑफ इंडिया", ओटीटी पर वेब सिरिज़ "जागो इंडिया" की हुई लॉन्चिंग अबू धाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर की पहली वर्षगांठ पर भव्य उत्सवचण्डीगढ़ नगर निगम के निर्माण कार्यों से जुड़े ठेकेदार निगम कार्यालय के बाहर बैठे धरने परवन विभाग के ब्लॉक अधिकारी पर हमला: 3 के खिलाफ मामला , दो को जेल भेजा, संदिग्ध की तलाश में छापेमारी
कविताएँ

नए वर्ष की आरजू

December 31, 2017 06:44 PM

- शिखा शर्मा
कुछ ख्वाहिशें
कुछ सपने
कुछ अपने
इस तरह नाराज़ हुए
न हसरतें
न आरजूं
न तमन्नाएं
कुछ भी तो पूरा नहीं हुआ इस वर्ष
कैसे मनाऊं मैं नव वर्ष
मेरी आस
मेरी प्यास
मेरी तलाश
सब कुछ बिखरा तो पड़ा है!
कतरा-कतरा और
बेजान- सा
दिसम्बर के कोहरे और धूप की
आंखमिचौली में
तड़पता है अंत:मन
नए साल की ऊर्जा को लेकर
हूं थोड़ा- सा उत्साहित
कुछ नया
कुछ खुशनुमा
कुछ खुशियां
मिले जनवरी की बहती फ़िज़ाओं से
फिर हौले से कह दूं
उन बहती हवाओं से
जो गुजर गया
उनको बह जाने दे
बस!
भीनी-भीनी धूप की खुशियां
मेरे हिस्से में अब तो आने दे
जो सिमट गया
सिमट जाने दे
लेकिन
इतना हौंसला दे अब
जिनके लिए तरसती रही निगाहें
उन सब को मेरे हिस्से में डाल दे
इस नव वर्ष

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें