ENGLISH HINDI Thursday, November 21, 2024
Follow us on
 
ताज़ा ख़बरें
मुख्यमंत्री ने मंच पर बिराज गौमाता को अपने हाथों से दूध पिलाया, गायक बी प्राक ने अपने भजनों से भगतों को निहाल कियाहिमाचल भवन मामले में प्रदेश सरकार उचित कानूनी उपाय करेगी सुनिश्चितः मुख्यमंत्रीहार्ट डिजीज और कैंसर के बाद सीओपीडी दुनिया भर में तीसरा सबसे बड़ा घातक रोग : डॉ सोनलहर काम में धार्मिक जागरुकता जरूरी : श्री मन्माधव गौड़ेश्वर वैष्णव आचार्य श्री पुण्डरीक गोस्वामी चंडीगढ़ -अंबाला हाइवे पर लोगों से हथियार की नोक पर लूटपाट करने में वांटेड सत्ती मुठभेड़ में काबूअब पत्रकारिता में व्यापार हावी हो गया है : अजय भारद्वाज मुख्यमंत्री ने धुंध के मौसम में सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर सफेद पट्टी लगाने के दिए निर्देश राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर मुख्यमंत्री ने की पत्रकारों को मेडिकल कैशलेस की सुविधा प्रदान करने की घोषणा
कविताएँ

नववर्ष की वेला आने वाली है

January 01, 2019 10:21 AM

बेशक आज हमारा कैलेंडर बदल गया
लेकिन ऋतु नहीं बदली,
न मौसम बदला,
ना ही पृथ्वी का चक्र बदला,
ना पेड़ों ने पत्ते बदले,
ना शाखों ने नए फूल ओढ़े,
ना हवाओं का रुख़ बदला ,
ना ही प्रकृति ने खुद को बदला,
फिर हम क्यों खुद को बदलते जा रहे हैं?
जो कहती है धरा, नही सुन पा रहे हैं?
या फिर सुनना ही नहीं चाह रहे हैं ?
तो सुनो प्रकृति यह कह रही है
जब पृथ्वी अपना वर्ष पूर्ण करेगी
प्रकृति इठला इठला के कहेगी
धरती नई पत्तियों और फूलों की चुनर ओढेग़ी
चिड़ियाँ चेहचहाँएंगीं पक्षी गुनगुनाएंगे
सभी जीव नए उत्साह में झूमेंगे
जब पेड़ों में नई कोंपलों को देखकर,
सृष्टि में एक नई ऊर्जा का संचार होगा,
तब समझ जाना कि नव वर्ष है आया
और प्रकृति को शीष नावांनां
क्योंकि तब नई फसल कटेगी
जब बैसाखी और नवरात्र मनेगी
तभी नव वर्ष की सौगात मिलेगी
— डॉ नीलम महेंद्र

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें