खगरिया, संजय मिश्रा:
बिहार के खगरिया जिले में परबत्ता प्रखण्ड स्थित आधार पंजीकरण केंद्र आसपास के करीब 50 गाँव के बीच एकमात्र आधार केंद्र है जहां लोगों की भीड़ इतनी होती है कि एक ब्यक्ति का कोई भी काम एक चक्कर में नहीं बल्कि 2-3 चक्कर काटने के बाद ही पूरा हो पाता है। खुद हमारे संवाददाता को 19 जून को केंद्र भ्रमण का मौका लगा और अपने एक संबंधी के आधार में मोबाईल नंबर जुड़वाने के लिए सुबह के 10 बजे से लेकर शाम के 3.30 तक बैठना पड़ा 48 डिग्री के तापमान में। केंद्र में उपस्थिती के दौरान संवाददाता ने बाहर उपस्थित कुछ ग्रामीणो से भी इस बारे मे बात की तो नयागांव, लगार, सिराजपुर, चकप्रयाग, विशौनि, भरसों आदि के कई ग्रामीणों ने बताया कि प्रखंड के करीब 50 गाँव के बीच एकमात्र केंद्र होने के कारण यहाँ भीड़ इतनी होती है कि एक बार में काम तो हो ही नहीं पाता है, 2-3 चक्कर तक भी लग जाते है। फीस के सवाल पर लोगों ने बताया कि इस केंद्र में नया आधार बनाना हो या आधार में कोई शुद्धिकरण करवाना हो, दोनों मे ही 100 रुपए की फीस ली जाती है। हमने केंद्र के बाहर लगे बोर्ड को देखा जिसपर ऑपरेटर का नाम अखिलेश कुमार एवं उनका मोबाईल नंबर 8969086838 अंकित था। फोन करने पर ऑपरेटर से बात हुई और अंदर भी वही ऑपरेटर लैपटॉप पर आधार का काम कर रहा था। जब हमने आधार ऑपरेटर अखिलेश को फोन किया तो उन्हौने बताया कि 50 रुपए शुद्धिकरण के साथ 30 रुपया प्रिंटिंग का और 20 रुपया लेमिनेशन का लेते है फिर अगले चक्कर में धारक को बिना पैसे लिए लेमिनटेड आधार दे देते है। जब नए आधार के लिए 100 रुपए की वसूली के बारे मे पूछा तो कहा - गलती हो गई आगे से ऐसा नहीं करेंगे।
फीस के बारे में जब जिला अधिकारी धीरेंद्र कुमार से 9472417072 पर बात करनी चाहि तो ये नंबर बंद मिला। जब दूसरे अधिकारी चन्द्रशेखर पासवान से 7070802980 पर बात की तो उन्हौने मुझे लिखित में शिकायत देने को कहा जो मैंने तुरत ही अपने मोबाईल से उनको ईमेल कर दिया, उनके ईमेल आई डी: chandukhg700@gmail.com पर मेल कर दिया। बातचीत के दौरान इस अधिकारी ने बताया कि अखिलेश कुमार इस केंद्र का ऑपरेटर नहीं है उसे तो आधार प्राधिकरण ने ब्लैकलिस्ट कर दिया है। वर्तमान ऑपरेटर तो चन्दन है। मतलब कि ब्लैक लिस्टेड ऑपरेटर ही नए ऑपरेटर के साथ आधार सेंटर चला रहा है।
मुझे याद है कि साल 2016 मे कॉमन सर्विस सेंटर से आधार का काम इसलिए छिन लिया गया था क्योंकि कुछ सीएससी संचालकों ने आधार संशोधन के लिए निर्धारित फीस 25 रुपए के बजाए 50 रुपए ले लिए थे। आज उसी आधार प्राधिकरण को ये एहसास हुआ है कि 25 रुपए की फीस बहुत कम है और इसे 50 रुपए किया जाना चाहिए और पहली जनवरी 2019 से रेट 50 रुपए कर दिया गया। लेकिन बिना कोई वैकल्पिक ब्यवस्था किये हुए पूरे भारतवर्ष के कोने कोने में फैले करीब सवा दो लाख सीएससी संचालक से आधार सेवा वापस लेकर ग्रामीणों को 15-20 किलोमीटर की दूरी तय कर परबत्ता में चक्कर लगाने को मजबूर कर दिया।
जिस सीएससी संचालकों को 50 रूपये लेने पर चोर एवं भ्रष्ट बोलकर 2016 मे उनके स्वाभिमान को चोट पहुंचाते हुए उससे आधार सेवा वापस ली गई फिर आज खुद ही 50 रुपए फीस निर्धारित कर दिया गया तो उस सीएससी संचालकों को मिली चोट की भरपाई क्या आधार प्राधिकरण करेगा? दूसरी बात - आधार प्राधिकरण किस बिना पर आश्वस्त है कि सीएससी केंद्र में भ्राष्टाचार होता है और सरकारी परिसर या भवन मे भ्रष्टाचार नहीं होता है, सरकारी परिसर में चल रहे उपरोक्त परबत्ता आधार केंद्र का भ्रष्टाचार आधार प्राधिकरण के उपरोक्त सोच पर एक तमाचा ही है।
आधार प्राधिकरण कहते है - हमने देश के सभी प्रमुख डाकघर एवं सभी बैंक ब्रांच मे आधार पंजीकरण की ब्यवस्था की है, फिर परबत्ता के मुख्य डाकघर एवं परबत्ता स्थित 3 सरकारी बैंक (यूनियन बैंक, भारतीय स्टेट बैंक एवं इलाहाबाद बैंक) में 2016 से आजतक आधार पंजीकरण का काम क्यों नहीं शुरू किया गया है? इसका कोई जवाब आधार प्राधिकरण के पास नहीं है।
आधार प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को हमारे संवाददाता ने ईमेल से अपनी शिकायत भेजकर मांग की है कि -
1 परबत्ता स्थित उपरोक्त तीनो सरकारी बैंक यानि भारतीय स्टेट बैंक, यूनियन बैंक एवं इलाहाबाद बैंक मे तत्काल प्रभाव से आधार पंजीकरण का काम शुरू किया जाये।
2 परबत्ता स्थित मुख्य डाकघर में भी आधार पंजीकरण की सेवा तत्काल शुरू की जाये।
3 पूरे देश में सभी सीएससी केन्द्रो को भी आधार सेवा के लिए अधिकृत कर वहां भी आधार पंजीकरण एवं शुद्धिकरण का काम शुरू किया जाये ताकि आमजन को आधार सेवा उनके खुद के गाँव मे मिल सके।
पंजीकरण केंद्र की संख्या बढ़ने से सभी ऑपरेटरों में आपसी प्रतिस्पर्धा की भावना बढ़ेगी एवं वो अच्छी सेवा देकर अधिकाधिक ग्राहकों को अपनी और आकृष्ट करने की कोशिश करेंगे जिसका अंततः फायदा आमजन को ही होगा।