सुषमा बाजवा उस भारतीय टीम का हिस्सा हैं जिसने समग्र रूप से तीसरा स्थान हासिल, उपयुक्त मंच उपलब्ध कराने के लिए केटलबेल स्पोर्ट्स इंडिया एसोसिएशन को धन्यवाद किया
पिंकी सैनी/डेराबस्सी
डेराबस्सी की रहने वाली सुषमा बाजवा ने कड़ी मेहनत के दृढ़ संकल्प से अपना और देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने हाल ही में किर्गिस्तान में आयोजित केटलबेल विश्व चैंपियनशिप में वरिष्ठ महिला वर्ग में खेलते हुए चार अलग-अलग स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीते। इसके साथ ही वह इस चैंपियनशिप में तीसरे स्थान की ट्रॉफी जीतने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा हैं।
लेफ्टिनेंट कर्नल पी.एस. बाजवा की पत्नी श्रीमती बाजवा ने इस उपलब्धि से अपना और देश का नाम तो पूरी दुनिया में रोशन किया ही है, उन्होंने पंजाब और खासकर जिला साहिबजादा अजीत सिंह नगर की उपलब्धियों में एक और अनोखी और बड़ी उपलब्धि जोड़ दी है।
अपनी उपलब्धि के बारे में श्रीमती बाजवा ने कहा कि उन्होंने इस चैंपियनशिप में बायथलॉन, जर्क, स्नैच और टीम रिले स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीते है। इसके साथ ही भारतीय टीम को तीसरे स्थान की ट्रॉफी से सम्मानित किया गया है और श्रीमती बाजवा ट्रॉफी जीतने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा हैं।
उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि के लिए जहां उन्होंने दिन-रात मेहनत की, वहीं उनके पति लेफ्टिनेंट कर्नल श्री पीएस बाजवा और परिवार के अन्य सदस्यों का भी इस संबंध में भरपूर सहयोग मिला। इसके अलावा, वह केटलबेल स्पोर्ट्स इंडिया एसोसिएशन के भी बहुत आभारी हैं, जिन्होंने समर्थन और उचित मंच प्रदान करके यह सब संभव बनाया है।
श्रीमती बाजवा ने कहा कि वह भविष्य में भी कड़ी मेहनत करती रहेंगी ताकि देश व प्रदेश का नाम और अधिक रोशन हो सके। उन्होंने लोगों, विशेषकर महिलाओं से खुद को किसी न किसी खेल से जोड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि खेल में शामिल होने के लिए कोई उम्र सीमा नहीं है, कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्र में खेल से जुड़ सकता है।
श्रीमती बाजवा ने कहा कि वह भविष्य में भी कड़ी मेहनत करती रहेंगी ताकि देश व प्रदेश का नाम और अधिक रोशन हो सके। उन्होंने लोगों, विशेषकर महिलाओं से खुद को किसी न किसी खेल से जोड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि खेल में शामिल होने के लिए कोई उम्र सीमा नहीं है, कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्र में खेल से जुड़ सकता है।