ENGLISH HINDI Sunday, February 23, 2025
Follow us on
 
ताज़ा ख़बरें
मलोया थाना प्रभारी से समावेश सदस्य विंग के सदस्यों ने की विभिन्न मुददों पर चर्चा, बीट बॉक्स स्थापित करने की मांग भी उठाईडंकी के जरिए अमेरिका गए डेराबस्सी के युवक की बीच रास्ते में कंबोडिया में बिमारी से हुई मौतओम साईं क्रिकेट अकादमी ने चंडीगढ़ हॉक्स क्रिकेट अकादमी को हराकर 5वें स्वर्गीय पन्ना लाल मेमोरियल अंडर-19 क्रिकेट टूर्नामेंट में अपना लीग मैच जीत लियाठेकेदारों ने माँगा किए गए काम का भुगतान, बदले में मिली सलाखें कुल्लू की वासुकी और किन्नौर जिले की सांगला झील बदलते मौसम, जलवायु परिवर्तन और ग्लेशियरों के पिघलने का नतीजाजल्द आ रही है फिल्म "प्राइड ऑफ इंडिया", ओटीटी पर वेब सिरिज़ "जागो इंडिया" की हुई लॉन्चिंग अबू धाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर की पहली वर्षगांठ पर भव्य उत्सवचण्डीगढ़ नगर निगम के निर्माण कार्यों से जुड़े ठेकेदार निगम कार्यालय के बाहर बैठे धरने पर
कविताएँ

आखिरी ख्वाईश

March 23, 2018 05:38 PM

— शिखा शर्मा

आखिरी खत की आखिरी ख्वाईश
देश के उस वीर जवान की
क्रांति की लहर जगा कर
युवा-युवा में जोश की ज्वाला जला कर
कहा उसने हंसकर
अंगारों पर चलने के लिए
अब मैं तैयार हूँ

स्वाभाविक है जीने की तमन्ना
साकार हो आज़ादी का सपना
बुन ली स्वतंत्रता की चादर
तान कर सीना उस चादर में
कहा उसने हंसकर
गहरी नींद सोने के लिए
अब मैं तैयार हूँ

अपने ही देश में गुलामी सहना
जेल और बंद कमरों में सड़ना
इन सारी जंजीरों को तोड़कर
कहा उसने हंसकर
स्वतन्त्र सांस दिलवाने के लिए
अब मैं तैयार हूँ

क्रांति की मशाल जल चुकी है
आज़ादी की लौ भड़क उठी है
फंदे की रस्सी क्या झुलाएगी मुझे
कहा उसने हंसकर
फांसी पर झूलने के लिए मैं स्वयं
अब तत्पर हूँ तैयार हूँ।

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें