— रोशन
दर्द लिखूं या गीत लिखूं
मनमौजी मन की प्रीत लिखूं
लिखना पढ़ना मैं क्या जानू
दिल कहता है कुछ नवनीत लिखूं
चहूं ओर मचे घमासान में
आग लिखूं या शीत लिखूं
जाने वाले हमराहियों की
हार लिखूं या जीत लिखूं
हमने जो पाया और खोया
वो जश्न लिखूं या मात लिखूं
बता क्या ओ मेरे मीत लिखूं
नव सृजन करूं या अतीत लिखूं
सज्जा संवरा सवेरा हो या फिर
सांझ की वेला वो व्यथित लिखूं
प्रभु के दिए हुए का जिकर करूं
या पग—पग पर मिले आघात लिखूं
नव पगडंडियों का निर्माण करूं या
वही पुरानी पुरखों की रीत लिखूं
मनमौजी मन की प्रीत लिखूं
हार लिखूं या जीत लिखूं ।
संपादक, फेस2न्यूज