— रोशन
'तेरा भाणा मीठा लागै'
तुम बिन कोई ना आच्छा लागै
तुम ने ही तो दुनियां बसाई
दुनियां की सौ—सौ खेल रचाई
कृष्ण बन रासलीला रचाई
राम बना तो रामलीला कहाई
तेरा भाणा मीठा लागै
ऐसे ही तो ना
सर्ववंश दानी के मुख से
ये आवाज ही आई
पीड़ा को सीने में दफना कर
धर्म की विजय पताका फहराई
वंश वार के सिंह ने दहाड़ लगाई
हिन्दुत्व की आन— बान बचाई
काल, समय व युग के प्रवर्तक ने
सवा लाख से एक लड़वाई
भरतवंश में ततक थइया कराके
मुगलों को वो नाच नचवाई
सिंहों की सूची में यूं ही नहीं
गुरू गोबिंद सिंह नाम कहाई
संपादक, फेस2न्यूज