फेस2न्यूज/ अमृतसर
पूर्व मंत्री और भाजपा नेत्री लक्ष्मीकांता चावला ने कहा है कि आंध्रप्रदेश के श्री तिरुपति बालाजी के मंदिर में लड्डुओं का जो प्रसाद बनता है उसमें पशुओं की चर्बी मिला घी का प्रयोग करने का पूरे देश में विरोध हो रहा है। भारत सरकार ने यद्यपि यह घोषणा कर दी है कि केंद्रीय खाद्य पदार्थों की जांच करने वाली एजेंसी के द्वारा इसकी जांच करवाई जाएगी, पर जब तक यह जांच नहीं हो जाती तब तक क्या यह लड्डू बनने और बांटने बंद कर दिए जाएंगे?
सच तो यह है कि इस समाचार के बाद किसी भी मंदिर से और किसी भी हलवाई की दुकान से कोई भी प्रसाद या मिठाई खाने में संकोच हो रहा है। मेरा भारत सरकार और सभी प्रांतों की सरकारों से यह निवेदन है कि वे अपने अपने राज्य के सभी धार्मिक संस्थानों के यहां बनने और बांटने वाले भोजन प्रसाद की जांच करवाएं और यह देखें कि कहां—कहां पशुओं की चर्बी मिले घी से प्रसाद तैयार किया जा रहा है।
भारत सरकार अपने सारे साधनों का युद्ध स्तर पर प्रयोग करके जनता को यह जानकारी दे कि हमें जो मार्केट में घी बिक रहा है, हलवाई जिसका प्रयोग कर रहे हैं, मंदिरों में जिसका प्रसाद बन रहा है वह खाना चाहिए या नहीं। अभी तो पूरी जनता विशेषकर शाकाहारी लोग गंभीर आशंका से घिरे हुए हैं।
भारत सरकार अपने सारे साधनों का युद्ध स्तर पर प्रयोग करके जनता को यह जानकारी दे कि हमें जो मार्केट में घी बिक रहा है, हलवाई जिसका प्रयोग कर रहे हैं, मंदिरों में जिसका प्रसाद बन रहा है वह खाना चाहिए या नहीं। अभी तो पूरी जनता विशेषकर शाकाहारी लोग गंभीर आशंका से घिरे हुए हैं।
शाकाहारी समाज किसी भी कीमत पर इन लोगों को माफ करने को तैयार नहीं, जो जानबूझकर भक्तों को पशुओं की चर्बी मिला घी और प्रसाद खिला रहे हैं। जब तक यह जांच नहीं हो जाती तिरुपति मंदिर से विशेषकर और शेष बड़े मंदिरों से भी इस तरह प्रसाद बनाना और बांटना बंद कर दिया जाए।