माता मनसा देवी सेवा ट्रस्ट की ओर से श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन, -कथावाचक बोलीं, सनातन धर्म की बात करते हैं, वह जीने की कला है
अमन संधू /पंचकूला
माता मनसा देवी सेवा ट्रस्ट की ओर से आयोजित श्रीमद भागवत कथा सोमवार से शुरु हो गई। ट्रस्ट के चेयरमैन संदीप गुप्ता, प्रधान सचिन गोयल, महासचिव रमन सिंगला सहित अन्य पदाधिकारियों ने विधिवत पूजन किया। इसके बाद कथावाचक विश्व विख्यात आध्यात्मिक प्रवक्ता जया किशोरी ने कहा कि अपने बच्चों को अध्यात्म से जोड़े धर्म से जोड़ें, फिर देखिए वह हर काम अच्छे से करेंगे, क्योंकि धर्म से जुड़ने का मतलब सब कुछ त्यागना नहीं है।
धर्म से जुड़ने का मतलब है, हर कार्य ध्यान रखते हुए करना है। धर्म मतलब पूजा पाठ नहीं होता, यह जीने की कला है। सनातन धर्म की बात करते हैं, वह जीने की कला है। आप अपने अधिकतर शास्त्र उठाइए, कोई शास्त्र आपको पूजा पाठ नहीं सिखाता, जीना सिखाता है। जब गलत स्थिति आए, क्या करना है, विपरीत परिस्थिति आए, तो क्या करना है और हम इसी डर से सब कुछ त्यागने को बोल रहा है, इसलिए शास्त्र ही नहीं उठाने दे रहे। उसको ही त्याग दिया।
जया किशोरी ने कहा कि भक्ति आसान नहीं होती, भजन कीर्तन कर लेना मात्र भक्ति नहीं है, इसके लिए बहुत प्रयास करना होता है। अगर आपकी संगत अच्छी है, तो सब काम अच्छे होते हैं। जया किशोरी ने कहा कि जब हम बुरी संगत में बच्चे पड़ जाते हैं, भले ही वह कुछ समय उनके जैसे कार्य न करें, लेकिन उन पर प्रभाव वर्षा पड़ जाता है। आप ध्यान दीजिए किसी के साथ यदि आप ज्यादा समय बिताते हैं, तो आप उसकी बोली बोलने लग जाते हैं।
जया किशोरी ने कहा कि भक्ति आसान नहीं होती, भजन कीर्तन कर लेना मात्र भक्ति नहीं है, इसके लिए बहुत प्रयास करना होता है। अगर आपकी संगत अच्छी है, तो सब काम अच्छे होते हैं। जया किशोरी ने कहा कि जब हम बुरी संगत में बच्चे पड़ जाते हैं, भले ही वह कुछ समय उनके जैसे कार्य न करें, लेकिन उन पर प्रभाव वर्षा पड़ जाता है। आप ध्यान दीजिए किसी के साथ यदि आप ज्यादा समय बिताते हैं, तो आप उसकी बोली बोलने लग जाते हैं।
जया किशोरी ने कहा कई बार लोग कहते हैं कि उसका प्रभाव मुझ पर पड़ेगा ऐसा क्यों होगा, मेरा प्रभाव भी तो उसे पर पड़ सकता है, मुश्किल है, क्योंकि बुराई आसान है। अच्छाई में समय लगता है। अच्छा बनना बहुत मुश्किल है, बुरा बनना बहुत आसान है। किसी को तकलीफ पहुंचाना बहुत आसान है। एक अपशब्द बोलो, सामने वाला गुस्सा हो सकता है। किसी को खुश करना बहुत मुश्किल है। सबसे मुश्किल तो यह है कि आपके अंदर यह भाव आए कि हम किसी को खुश करना चाहते हैं, हम वही नहीं करना चाहते। आधे से ज्यादा लोग तो दुखी इसलिए हैं कि उनके पड़ोस वाला बहुत ज्यादा सुखी है।
जया किशोरी ने कहा कि झूठ समय के हिसाब से बदलता रहता है, लेकिन सत्य कभी नहीं बदलता, तो ब्रह्मांड में ऐसा कौन है, जो कभी नहीं बदलता वह ईश्वर है। हम और आप जब यहां नहीं थे, तब भी ईश्वर थे, हम और आप यहां हैं, तब भी ईश्वर हैं, हम और आप यहां से चले जाएंगे, तब भी ईश्वर यहीं विद्यमान रहेंगे। वह कभी भी बदलते नहीं है। आश्रय हमेशा सत्य का लेना, क्योंकि सत्य कभी बदलता नहीं, जो बदल जाए धोखा दे दे, उसका आश्रय लेकर क्या फायदा। कई बार लोग कहते हैं कि भगवान सत्य है, संसार सत्य नहीं। संसार तो दिखता है, भगवान तो दिखते ही नहीं।
जया किशोरी ने कहा कि सत्य की परिभाषा में यह कहां है कि जो दिखे वह सत्य है और जो ना दिखे वह असत्य। कई बार आंखों देखी बात झूठी पड़ जाती है। जब बदले ना वह सच है।
भगवान कभी बदलते नहीं, संसार बदलता है, हर पल, हर क्षण बदलता है। इसलिए 3 घंटे श्रीमद् भागवत में पूरी तरह अपने आप को ढाल लें, सभी चिंताएं छोड़ दें, कि काम कैसे चलेगा।
चिंतामुक्त जीवन केवल एक ही शर्त पर हो सकता है कि श्याम प्यारे से, श्याम सुंदर से जिसका संबंध है, उसका हर घड़ी आनंद ही आनंद है।
इस अवसर पर चेयरमैन संदीप गुप्ता, प्रधान सचिन गोयल, महासचिव रमन सिंगला, वाइस चेयरमैन हरीश गर्ग, वरिष्ठ उपप्रधान विवेक गुप्ता, उपप्रधान योगेश मित्तल, संयुक्त सचिव तरुण गर्ग, कानूनी सलाहकार संदीप गोयल, सचिव राजीव गुप्ता, वित्त सचिव अजय बंसल, मीडिया सलाहकार कुलदीप गुप्ता, ट्रस्टी आशीष मित्तल, अजय गर्ग, आशीष गुप्ता, दिनेश आनंद, जगमोहन गर्ग, जनिश मित्तल, कपीश गोयल, एलएन माहेश्वरी, प्रदीप गोयल, मनोज लाहौरीवाला, मुकेश गर्ग, नीरज गुप्ता, निखिल गुप्ता, ओपी गुप्ता, पवन गोयल, परविंदर ढींगरा, प्रमोद गोयल, राजेश जिंदल, राकेश अग्रवाल, रवि गोयल, ऋषभ ऋषि, सतपाल गर्ग, संदीप सिंगला, संजय मित्तल, संजीव गोयल, संदीप गर्ग, विपुल मित्तल, विशाल केडिया सहित अन्य उपस्थित रहे।