चण्डीगढ़ :
कलयुग अपने अंतिम चरण में है और जो घटनाएं आज घट रही हैं, वे केवल शुरुआत भर हैं। श्री जगन्नाथ पुरी से पधारे सुप्रसिद्ध कथा वाचक पं. काशीनाथ मिश्र ने शनिवार को सेक्टर-37 स्थित श्री सनातन धर्म मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में यह दावा किया। उन्होंने संत अच्युतानंद दास द्वारा रचित 600 वर्ष पुराने दिव्य ग्रंथ भविष्य मालिका शास्त्र का उल्लेख करते हुए बताया कि आने वाले समय में मानवता को प्रलयकारी आपदाओं का सामना करना पड़ेगा और 2032 तक यह संकट अपने चरम पर होगा।
पं. मिश्र ने कहा कि बार-बार आने वाले भूकंप, बाढ़, सूखा, सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाएं, बढ़ती महामारियाँ, विश्व युद्ध, जैविक व परमाणु हथियारों का भयावह इस्तेमाल, धार्मिक आस्था में गिरावट, सामाजिक विघटन और जल, वायु व अन्न का तीव्र प्रदूषण यह सब कलयुग के अंत के वे लक्षण हैं जो भविष्य मालिका में स्पष्ट रूप से वर्णित हैं। उन्होंने कहा कि इन आपदाओं से केवल वे लोग बच पाएंगे जो त्रिसंध्या विधि का जाप करेंगे, धर्म के मार्ग पर चलेंगे और संतों की वाणी में श्रद्धा रखेंगे।
अपने दशकों के आध्यात्मिक शोध और तप के आधार पर पं. मिश्र ने कहा कि आने वाला समय आसान नहीं होगा — एक के बाद एक 32 प्रकार की महामारियाँ आएंगी, जो करोड़ों लोगों को अपनी चपेट में लेंगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अंततः भगवान विष्णु के कल्कि अवतार ही मानवता का उद्धार करेंगे और धर्म की पुनर्स्थापना करेंगे।
अपने दशकों के आध्यात्मिक शोध और तप के आधार पर पं. मिश्र ने कहा कि आने वाला समय आसान नहीं होगा — एक के बाद एक 32 प्रकार की महामारियाँ आएंगी, जो करोड़ों लोगों को अपनी चपेट में लेंगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अंततः भगवान विष्णु के कल्कि अवतार ही मानवता का उद्धार करेंगे और धर्म की पुनर्स्थापना करेंगे।
पं. मिश्र के इस कथन ने धार्मिक श्रद्धालुओं के साथ-साथ आम जनमानस में भी जिज्ञासा और चिंता का वातावरण उत्पन्न कर दिया है। सेक्टर 37 के सनातन धर्म मंदिर में चल रही यह दिव्य कथा 23 अप्रैल तक प्रतिदिन संध्या 4 बजे से 7 बजे तक आयोजित की जा रही है, जिसमें पं. काशीनाथ मिश्र की अमृतमयी वाणी से श्रीमद्भागवत एवं भविष्य मालिका शास्त्र का गूढ़ रहस्य उजागर किया जा रहा है।
यह आयोजन न केवल भक्तों के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र बन गया है, बल्कि भविष्य के संकट के प्रति जागरूक करने का माध्यम भी बन रहा है। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है, जो पं. मिश्र की वाणी से प्रेरणा ले रही है। आयोजकों के अनुसार आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ने की संभावना है।