विनोद/चंडीगढ़
म्यांमार में फंसे उन 283 भारतीय नागरिकों को छुड़ाकर भारत वापस लाया गया है, जिन्हें आकर्षक नौकरियों का लालच देकर साइबर अपराध करने के लिए मजबूर किया गया था। म्यांमार में ऑनलाइन धोखाधड़ी सेंटर्स से रिहा किए गए भारतीयों को सोमवार को थाईलैंड होते हुए भारत लाया गया।
म्यांमार और थाईलैंड स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने स्थानीय सुरक्षा बलों की मदद से इस निकासी में मदद की। भारतीय वायुसेना के विमान में थाईलैंड के माई सोत से वापस लाए गए लोग तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों से हैं।
’’मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत सरकार ऐसे रैकेट के बारे में समय-समय पर सलाह और सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से पहले भी प्रसारित की गई अपनी चेतावनी को दोहराना चाहती है। भारतीय नागरिकों को एक बार फिर सलाह दी जाती है कि वे विदेश में मिशनों के माध्यम से विदेशी नियोक्ताओं की साख को सत्यापित करें और नौकरी की पेशकश स्वीकार करने से पहले भर्ती एजेंटों और कंपनियों के पिछले रिकॉर्ड की जांच करें।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘भारत सरकार म्यांमार सहित विभिन्न दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में फर्जी नौकरी की पेशकश के साथ बहकाए गए भारतीय नागरिकों की रिहाई और स्वदेश वापसी के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इन व्यक्तियों को बाद में म्यांमार-थाईलैंड सीमा के साथ क्षेत्रों में संचालित घोटाला सेंटर्स में साइबर अपराध और अन्य धोखाधड़ी गतिविधियों में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया।
’’मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत सरकार ऐसे रैकेट के बारे में समय-समय पर सलाह और सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से पहले भी प्रसारित की गई अपनी चेतावनी को दोहराना चाहती है। भारतीय नागरिकों को एक बार फिर सलाह दी जाती है कि वे विदेश में मिशनों के माध्यम से विदेशी नियोक्ताओं की साख को सत्यापित करें और नौकरी की पेशकश स्वीकार करने से पहले भर्ती एजेंटों और कंपनियों के पिछले रिकॉर्ड की जांच करें।
’’गौरतलब है कि विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावासों के सहयोग से पिछले तीन महीनों के दौरान म्यांमार सहित कई दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में आकर्षक नौकरी के लालच में जालसाजों के चंगुल में फंसे सैकड़ों भारतीयों की घर वापसी सुनिश्चित की गई है।