ENGLISH HINDI Wednesday, January 15, 2025
Follow us on
 
ताज़ा ख़बरें
पिंजौर की कामधेनु गौशाला में बायो गैस प्लांट के ट्रायल में हवन पूजनपंचकूला के माजरी चौक पर सनसनीखेज हत्या में पुलिस को मिली बड़ी सफलता: फरार आरोपी तीन साल बाद आया काबूखास खबरः पूर्व प्रधानमंत्री श्री गुलज़ारीलाल नंदा के जीवन पर बनेगी फिल्मउत्तराखंड भ्रातृ संगठन की ओर से नेकी की दीवार आज भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2025 एक बार फिर मोबिलिटी क्षेत्र में नवाचार और सहयोग का एक ऐतिहासिक मंच बनने के लिए तैयार ऋतु डिज़ाइन की फाउंडर श्रीमती निशा भटेजा को इंटरनेशनल प्राइड अवॉर्ड 2025 से सम्मानित किया जाएगाचंडीगढ़ निवासी मुसव्विर फिरोजपुरी को गजल सृजन सम्मानबीबीएमबी इम्पलाईज यूनियन की क्रमिक भूख हड़ताल दूसरे दिन भी जारी
हरियाणा

विधानसभा बजट सत्र दौरान दो विधेयक पारित किए

February 23, 2024 12:57 PM

चण्डीगढ़, फेस2न्यूज:
हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन दो विधेयक पारित किये गए। इनमें हरियाणा नगर पालिका (संशोधन) विधेयक, 2024 तथा औद्योगिक विवाद (संशोधन तथा विविध उपबन्ध) (हरियाणा संशोधन) निरसन विधेयक, 2024 शामिल हैं।
हरियाणा नगरपालिका (संशोधन) विधेयक, 2024:
हरियाणा नगर पालिका अधिनियम, 1973 को संशोधित करने के लिए हरियाणा नगरपालिका (संशोधन) विधेयक, 2024 पारित किया गया।
हरियाणा राज्य में जनसंख्या मापदण्ड के आधार पर पालिकाओं के तीन स्तर हैं अर्थात नगर निगम, नगर परिषद् एवं नगर पालिका। राज्य में वर्ष 1994 तक, कम शहरी आबादी के फलस्वरूप, केवल नगर परिषदें एवं नगर पालिकायें थी। हरियाणा राज्य की पालिकाओं के मामले के संचालन हेतू हरियाणा नगरपालिका अधिनियम, 1973 (1973 का अधिनियम संख्या 24) को अधिनियमित किया गया था। 74वें संवैधानिक संशोधन के मद्देनजर, बड़े शहरों में नगर निगमों के गठन हेतू हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 (1994 का अधिनियम संख्या 16) अधिनियमित किया गया था। फरीदाबाद शहर के प्रबन्धन के लिए फरीदाबाद को वर्ष 1994 में इसे नगर निगम में परिवर्तित किया गया।
उक्त अधिनियम, 1994 की धारा 3 की उप-धारा (2) में तीन लाख या अधिक की आबादी वाले किसी भी क्षेत्र को नगर निगम घोषित करने का प्रावधान है। नगर परिषद्, गुड़गांव (अब गुरूग्राम), यमुनानगर-जगाधरी, पंचकूला, रोहतक, हिसार, अम्बाला, पानीपत, करनाल एवं सोनीपत नगर निगम में अपग्रेड हुई थी जबकि नगर निगम, मानेसर का गठन 24 दिसम्बर, 2020 को किया गया।
सभी पालिकाओं का संचालन एकल विभाग अर्थात शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा किया जा रहा है। हालांकि, नगर परिषदें/नगर पालिकायें एवं नगर निगम अलग-अलग अधिनियमों के अधीन संचालित हैं। नगर परिषदों/नगर पालिकाओं के कर्मचारियों की सेवायें 1973 के अधिनियम संख्या 24 के अंतर्गत बनाये गये हरियाणा नगरपालिका सेवा (एकीकरण, भर्ती एवं सेवा शर्तें) नियम, 2010 के तहत संचालित हैं, जबकि नगर निगम के कर्मचारियों की सेवायें 1994 के अधिनियम संख्या 16 के अंतर्गत बनाये गये हरियाणा नगर निगम कर्मचारी (भर्ती एवं शर्ते) सेवा नियम, 1998 के तहत संचालित हैं।
नगर परिषदों/नगर पालिकाओं के विलय अथवा नगर परिषदों के नगर निगम में अपग्रेड होने के फलस्वरूप, इनके कर्मचारी नवगठित नगर निगम के कर्मचारी बन जाते हैं। ऐसे में नगर निगम के लिए इनकी वरिष्ठता को दोबारा तय करने में कठिनाईयाँ आती हैं। विभाग द्वारा पालिकाओं के कार्यों को सुचारू रूप से चलाने हेतू जनहित में, प्रशासनिक आधार पर नगर परिषदों/नगर पालिकाओं के कर्मचारियों को नगर निगमों में तथा नगर निगमों से नगर परिषदों/नगर पालिकाओं में स्थानांतरित किया जाता रहा है।
विभाग को ऐसे समायोजन/स्थानांतरणों के दृष्टिगत प्रशासनिक कठिनाईयों एवं परिणामस्वरूप मुकदमेबाजी का सामना करना पड रहा है तथा ये मुकदमेबाजी बेहतर कार्यशैली के लिए पालिकाओं के कर्मचारियों की उचित तैनाती के उद्देश्य को विफल करता है। इसके अतिरिक्त, स्थानांतरित कर्मचारियों की पदोन्नति भी प्रभावित होती हैं।
अतः कर्मचारियों की सेवा शर्तों को सुधारने एवं उनकी योग्यता व अनुभव के अनुसार उनकी सेवाओं को उपयोगी बनाने हेतू विभाग द्वारा नगर निगमों, नगर परिषदों एवं नगर पालिकाओं के सभी वर्गों के कर्मचारियों पर समान सेवा नियम लागू करने के लिए हरियाणा नगरपालिका अधिनियम, 1973 में नई धारा 38ए को जोड़कर संशोधित करने की आवश्यकता महसूस की गई है।

औद्योगिक विवाद (संशोधन तथा विविध उपबन्ध) (हरियाणा संशोधन) निरसन विधेयक, 2024:
औद्योगिक विवाद (संशोधन तथा विविध उपबन्ध) (हरियाणा संशोधन) अधिनियम, 1957 को निरस्त करने के लिए औद्योगिक विवाद (संशोधन तथा विविध उपबन्ध) (हरियाणा संशोधन) निरसन विधेयक, 2024 पारित किया गया।
औद्योगिक विवाद (संशोधन तथा विविध उपबन्ध) (हरियाणा संशोधन) अधिनियम, 1957 अधिनियम का निरसन, किसी अधिकारिता, पद, रूढ़िदायित्व, अधिकार, विषेषाधिकार निर्बन्धन, छूट, प्रथा, रिवाज, प्रक्रिया या अन्य मामले पुनरूजीवित या प्रत्यावर्तित करेगा जो अब प्रचलित या लागू नहीं है।
औद्योगिक विवाद (संशोधन तथा विविध उपबन्ध) (हरियाणा संशोधन) निरसन विधेयक, 2024 जोकि, औद्योगिक विवाद (संशोधन तथा विविध उपबन्ध) (हरियाणा संशोधन) अधिनियम, 1957 को निरसित करने से संबंधित है, कोई सविधेयक द्वारा निरसित किया जाता है। इसलिए यह बिल प्रस्तुत किया गया है।

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें
 
और हरियाणा ख़बरें
पिंजौर की कामधेनु गौशाला में बायो गैस प्लांट के ट्रायल में हवन पूजन पंचकूला के माजरी चौक पर सनसनीखेज हत्या में पुलिस को मिली बड़ी सफलता: फरार आरोपी तीन साल बाद आया काबू हरियाणा में गैर- राज्य सिविल सेवा वर्ग‌ से आई.ए.एस. बनकर 2 वर्ष में ही जिला डी.सी. पद पर तैनाती‌ संभव मेहनत करेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी : एमके भाटिया वाह रे संयोग- वियोग: जन्म दिन की पार्टी में तीन ने गंवाई जान, पिंजौर में तीन की हत्या श्री जैनेंद्र गुरुकुल स्कूल पंचकूला में प्रधान पद के चुनाव में मुकेश जैन बिट्टू नवकार को प्रधान पद के लिए चुना अब पत्रकारिता में व्यापार हावी हो गया है : अजय भारद्वाज मुख्यमंत्री ने धुंध के मौसम में सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर सफेद पट्टी लगाने के दिए निर्देश राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर मुख्यमंत्री ने की पत्रकारों को मेडिकल कैशलेस की सुविधा प्रदान करने की घोषणा गुरूग्राम अस्पताल का नाम श्री गुरु नानक देव जी के नाम पर किया गया : मुख्यमंत्री