लीलाधर शर्मा/बद्रीनाथ धाम
देवभूमि बद्रीनाथ धाम में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में परम पूज्य स्वामी राज दास जी महाराज ने चतुर्थ दिवस की कथा का वर्णन किया आज चतुर्थ दिवस की कथा में स्वामी जी ने जीवन को सही दिशा देने वाली शिक्षाएं दी।
अजामिल की कथा के माध्यम से महाराज जी ने बताया कि अगर हम परमात्मा का नाम किसी भी बहाने से लेंगे तो हमारा कल्याण हो जाएगा-
अजामिल ने अपने पुत्र के नाम के बहाने से महात्मा को याद किया तो उसका उद्धार हो गया अतः हमें अपने बच्चों के नाम भी भगवान के नाम पर रखना चाहिए इसी प्रकार जड़ भारत भक्ति अमरीश आदि के प्रसंग सुनाए भक्त प्रहलाद वी होलिका का प्रसंग सुनाते हुए महाराज जी ने कहा मैं अपने बच्चों को भक्त प्रहलाद जैसा बनना चाहिए जिसने अपने अटूट विश्वास से परमात्मा को खंबे से प्रकट कर दिया और बताया की होलिका ने प्रहलाद को जलाना चाहा तो स्वयं जल कर राख हो गई।
जो दूसरों का बुरा करता है उसका खुद का बुरा होता है, भक्त प्रहलाद की रक्षा परमात्मा ने की तो भक्तो ने नाच नाच कर खुशियां मनाई। पूरा पंडाल होली फाग के भजनों से गूंज उठा तत्पश्चात वामन अवतार की झांकी निकाली गई तथा कृष्ण प्राकट्य के साथ ही चौथे दिन की कथा को विश्राम दिया गया।
जो दूसरों का बुरा करता है उसका खुद का बुरा होता है, भक्त प्रहलाद की रक्षा परमात्मा ने की तो भक्तो ने नाच नाच कर खुशियां मनाई। पूरा पंडाल होली फाग के भजनों से गूंज उठा तत्पश्चात वामन अवतार की झांकी निकाली गई तथा कृष्ण प्राकट्य के साथ ही चौथे दिन की कथा को विश्राम दिया गया।
स्वामी जी की मधुर व ओजस्वी वाणी ने भक्तों को मंत्र मुग्द कर रखा था नंद उत्सव के समय भक्तों ने खुब आनद उठाया भक्तजन खूब झूम झूम कर नाचे। नंद घर आनद भयो की ध्वनि से पंडाल गूंज उठा