पंजाब में एनआईआर सभा को भंग करने व कनिष्क आतंकी हमले के शहीदों की याद में स्मारक बनाने की मांग उठाई
चण्डीगढ़ :फेस2न्यूज:
इंडस फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रवासी भारतीय विक्रम बाजवा ने आज यहां चण्डीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में पंजाब की भगवंत मान सरकार से प्रवासी भारतीयों की समस्याओं के हल की मांग की है। इस संदर्भ में उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान और पंचायत एवं एनआरआई मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल को पत्र लिखा है।
बाजवा ने पत्रकारों से बातचीत करते कहा कि पंजाब के प्रवासी भारतीयों को पंजाब की वर्तमान सरकार से बड़ी अपेक्षाएं हैं। इस सरकार के गठन में प्रवासी भारतीयों का बड़ा योगदान है। उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की कि जिस प्रकार सरकार सरकारी जमीनों के कब्जे हटवा रही है एक सराहनीय काम है। उन्होंने कहा प्रवासी भारतीयों की जमीनों पर बड़े असरदार लोगों ने कब्जे कर रखे हैं। इन के मामले अदालतों में सालों-साल से लंबित पड़े हैं।
प्रवासी भारतीयों के विदेश में रहने का लाभ उठाते हुए लोगों ने सम्पतियों पर कब्जे कर रखे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इन मामलों को अदालतों से निकाल कर पंचायत जमीनों की तर्ज पर कब्जे हटवाए और प्रवासी भारतीयों को सौंपे। उन्होंने बताया शुरुआती तौर पर 12700 के लगभग प्रवासी भारतीयों के मामले अदालतों में वर्षों से लटक रहें है। इसके अत्तिरिक्त जो लोग अभी अदालतों में नहीं गए उनकी संख्या इससे भी कहीं अधिक है।बाजवा ने एक अन्य महत्वपूर्ण मुद्दा उठाते हुए मांग की कि पंजाब और दिल्ली में कनिष्क हवाई आतंकी हमले में हुए शहीदों की याद में कनाडा की तर्ज पर मेमोरियल बनाया जाए। उन्होंने कहा कि कनाडा में इन शहीदों की याद में तीन शहरों में स्मारक बनाये गए हैं परन्तु भारत में एक भी नहीं हैं हालाँकि सभी मृतक भारत से ही जुड़े हुए थे।
बाजवा ने एक अन्य महत्वपूर्ण मुद्दा उठाते हुए मांग की कि पंजाब और दिल्ली में कनिष्क हवाई आतंकी हमले में हुए शहीदों की याद में कनाडा की तर्ज पर मेमोरियल बनाया जाए। उन्होंने कहा कि कनाडा में इन शहीदों की याद में तीन शहरों में स्मारक बनाये गए हैं परन्तु भारत में एक भी नहीं हैं हालाँकि सभी मृतक भारत से ही जुड़े हुए थे।
इस समारक के लिए अप्रवासी भारतीय फंड्स जुटाने को तैयार हैं, बस सरकार उचित जगह की व्यवस्था कर दे। इसके अलावा बाजवा ने पंजाब में एनआईआर सभा को भी भंग करने की मांग करते हुए कहा कि इस संस्था का कोई वजूद नहीं रह गया है। पिछले कुछ वर्षों से पंजाब में अप्रवासी भारतीय सम्मलेन करवाने में भी यहां की पिछली सरकारें व एनआईआर सभा उदासीन रहीं हैं।